सच्‍ची घटना: धुंधली दृष्टि होने के बाद एक डॉक्‍टर को क्‍यों करानी पड़ी ओपन हार्ट सर्जरी?

केवल 23 साल की उम्र में लोकेंद्रनाथ नाम के व्यक्ति को ओपन हार्ट सर्जरी का सामना करना पड़ा। आखिर क्या थे इसके पीछे कारण, जानें इस लेख में।
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सच्‍ची घटना: धुंधली दृष्टि होने के बाद एक डॉक्‍टर को क्‍यों करानी पड़ी ओपन हार्ट सर्जरी?

23 वर्षीय लोकेन्द्रनाथ चौधरी उस समय आश्चर्यचकित रह गए, जब डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनकी धुंधली दृष्टि की शिकायत, एक जीवन खत्म करने वाले वाल्व संक्रमण के कारण थी। ये संक्रमण उनके दिल में तेजी से फैल रहा था। पढ़ाई की तैयारी के दौरान, लोकेन्द्रनाथ को अचानक धुंधली दृष्टि का अनुभव होने लगा। उन्होंने सही निदान और इलाज के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ और सामान्य चिकित्सकों सहित कई डॉक्टरों से मुलाकात की। लोकेन्द्रनाथ पेशे से खुद एक डॉक्टर हैं, उन्होंने कहा कि मुझे आंखों में विटामिन की कमी के लिए दवाईयां दी गईं। मुझे यह भी बताया गया, कि मेरे ज्यादा पढ़ने और तनाव के कारण मुझे धुंधली दृष्टि का सामना करना पड़ रहा है।

surgery

जिसके बाद लोकेन्द्रनाथ को हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी गई। उनके 2 डी ऐको ने दिल के वाल्व की असामान्यता (abnormality) के बारे में साफ पुष्टी की, जिसे 'बाइसीपिड ऐरोटिक वाल्व' कहा जाता है"। ये एक जन्म दोष है इसमें गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों के दौरान जब बच्चे का दिल विकसित हो रहा होता है तब असामान्य ऐरोटिक वाल्व बन जाता है। डॉक्टरों ने कहा कि इस समस्या का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह जन्मजात हृदय दोष है।

डॉक्टरों ने पाया कि इसे लोकेन्द्रनाथ के ऐरोटिक वाल्व में सूजन आ गई थी, और उसने दिल के आस-पास की जगह को भी संक्रमित कर दिया था। हैदराबाद के रहने वाले लोकेन्द्रनाथ को शुरू में एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आगे के इलाज के लिए उन्हें मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट भेज दिया गया।

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वाल्व संक्रमण में क्या होता है?

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वाल्व संक्रमण में एक रोगी आमतौर पर लगातार बुखार और थकान जैसे लक्षण महसूस करता है। लोकेंद्रनाथ के मामले में, वह एक असामान्य लक्षण, धुंधली दृष्टि से पीड़ित थे। एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ. रमाकांत पांडा, कार्डियोवस्कुलर थोरेसिक सर्जन ने बताया, कि उनके ऐरोटिक वाल्व से संक्रमित समस्या उनकी आंखों तक पहुंच गई थी, यही वजह है कि उन्हें इस लक्षण का अनुभव होने लगा था।

हृदय वाल्व असामान्यता के बारे में बात करते हुए डॉ पांडा ने आगे कहा, कि यह कई वर्षों तक सामने नहीं आता है और केवल बाद के वर्षों में, कुछ रोगियों में यह प्रगति करता है। इससे चिकित्सा समस्याएं पैदा होने लगती है।“वाल्व संक्रमण एक घातक स्थिति है। इस वाल्व दोष के कारण, व्यक्ति और कमजोर हो जाता हैं। संक्रमण के लक्षण दांत, नाक, मूत्र या थूक में दिखाई देते हैं। यही कारण है कि वाल्व की समस्या वाले लोगों में और यहां तक कि आम लोगों में दंत की स्वच्छता होना चाहिए”।

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ओपन हार्ट सर्जरी

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लोकेन्द्रनाथ के दिल के वाल्व में संक्रमण तेजी से फैल रहा था, और आस-पास के वाल्व ऊतकों (tissues) को खत्म कर रहा था।डॉ सुनील वंजारा ने बताया कि “यह झूठी धमनीविस्फार (false aneurysm)- में हृदय धमनी (artery) में सूजन पैदा करता है। ये सूजन एक छेद के कारण होती है जो बन्द नहीं होता है। उनके दिल का यह छेद बेर के फल जैसे आकार का था। यह छेद उनके दिल के वाल्व को लीक कर रहा था”।

लोकेन्द्रनाथ को नवंबर के दूसरे सप्ताह में ओपन हार्ट सर्जरी के लिए ले जाया गया। 12 घंटे की लंबी जटिल (complex) सर्जरी में डॉक्टरों ने उसका महाधमनी (aortic) का वाल्व हटा दिया। अगले कुछ हफ्तों की निगरानी के बाद, लोकेन्द्रनाथ को घर वापस भेजा गया।''

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