खतरनाक प्रदूषण की मार से बचना है तो घर के अंदर करें ये 10 बदलाव, बाहर के प्रदूषण से भी रहेगा बचाव

घर के बाहर प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। अगर आप प्रदूषण के खतरनाक प्रभाव से बचना चाहते हैं, तो अपने घर में करें ये 10 छोटे-छोटे बदलाव, जिनसे आपके घर की हवा शुद्ध होगी और बाहरी प्रदूषण से भी बचाव रहेगा।
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खतरनाक प्रदूषण की मार से बचना है तो घर के अंदर करें ये 10 बदलाव, बाहर के प्रदूषण से भी रहेगा बचाव

प्रदूषण हर साल हजारों लोगों की मौत का कारण बनता है। प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियों और फेफड़े के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर आते-आते हर साल शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। दिल्ली एनसीआर और आसपास के राज्यों में इस दौरान प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर को भी पार कर जाता है। सिस्टम ऑफ एयर क्लालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) की मानें तो दिल्ली एनसीआर में कई इलाकों में इस समय प्रदूषण अपने सुरक्षित स्तर से 3-4 गुना ज्यादा बढ़ गया है। आप भारत के किसी भी शहर में रहें, ज्यादातर बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर से ऊपर ही होता है।

ऐसे में बाहर के प्रदूषण पर तो आपका कंट्रोल नहीं है, मगर घर के अंदर होने वाले प्रदूषण को आप काफी हद तक कम कर सकते हैं। इससे कम से कम आप जब तक घर के अंदर रहते हैं, तब तक प्रदूषण की मार से बचे रहते हैं। हम आपको बता रहे हैं इनडोर पॉल्यूशन को कम करने के लिए घर में किए जाने वाले 10 बदलाव, जिनसे आपका पूरा परिवार सुरक्षित और स्वस्थ रहेगा।

घर में लगाएं ये खास पौधे

अगर आप प्रदूषण की मार से बचना चाहते हैं, तो अपने घर में छोटे-छोटे गमलों में कुछ खास पौधे लगाएं, जो हवा को शुद्ध करने के लिए जाने जाते हैं। ये पौधे न सिर्फ आपके घर की खूबसूरती बढ़ाते हैं, बल्कि आपके परिवार को प्रदूषण से भी बचाते हैं। इन पौधों में एलोवेरा, तुलसी, मनी प्लांट, गोल्डन पोथोस, बोस्टोन फर्न, क्रिसमस कैक्टस, अशोक का पेड़, नागफनी, बंबू पाम प्लांट आदि पौधे ऐसे हैं, जिन्हें अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन रिलीज करने के लिए जाना जाता है। इसलिए अपने बेडरूम और किचन में ऐसे पौधे जरूर लगाएं।

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घर के अंदर धूम्रपान न करें

वैसे तो स्मोकिंग यानी धूम्रपान आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है, इसलिए धूम्रपान करना ही नहीं चाहिए। मगर यदि आपको इसकी आदत है, तो कम से कम घर के अंदर कभी भी स्मोकिंग न करें। इससे भीतर की हवा खराब होती है और पैसिव स्मोकिंग का असर आपके घर के दूसरे सदस्यों पर भी काफी बुरा पड़ता है।

रूम फ्रेशनर का प्रयोग बहुत कम करें

रूम फ्रेशनर्स के नाम में भले फ्रेशनर जुड़ा हुआ है, मगर आपके फेफड़ों के लिए ये अच्छे नहीं होते हैं। खासकर अगर घर में कोई छोटा बच्चा है, तो आपको रूम फ्रेशनर्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये उनके लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। जरूरी होने पर 2-3 स्प्रे से ज्यादा न करें और देख लें कि कोई व्यक्ति सीधे रूम फ्रेशनर की गैस के सामने न आए।

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खिड़की दरवाजों को बंद रखें मगर वेंटिलेशन की व्यवस्था करें

घर के बाहर प्रदूषण का जो स्तर होता है, आमतौर पर घर के अंदर उसका 2-3 गुना ज्यादा प्रदूषण होता है। इसका कारण ये है कि घर के अंदर मौजूद लोग लगातार सांस लेते हुए कार्बन डाई ऑक्साइड छो़ड़ते हैं और किचन में खाना बनाते समय भी प्रदूषण होता है। इसलिए बाहर के प्रदूषण से बचने के लिए आपको अपने घर के खिड़की-दरवाजे तो बंद रखने चाहिए। मगर वेंटिलेशन की व्यवस्था रखनी चाहिए। अगर वेंटिलेशन नहीं है, तो खिड़कियां खोलना ही ज्यादा बेहतर है।

अन्य छोटी मगर 6 बेहद जरूरी बातें

  • घर में मौजूद पांव-दान, डोर मैट और अन्य धूल वाली चीजों को नियमित रूप से झाड़ें और साफ करें।
  • घर के खिड़की-दरवाजों के परदों को सप्ताह में या कम से कम 15 दिन में एक बार जरूर धोएं। इनमें मौजूद धूल कण आपके फेफड़ों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
  • जूते-चप्पलों को उतारने की व्यवस्था घर के बाहर करें या कम से कम सबसे बाहर के कमरे में करें।
  • खाना बनाने वाला एलपीजी गैस स्टोव अगर काला धुंआ छोड़ रहा है या पीली आग दे रहा है, तो इसकी रिपेयरिंग कराएं। एलपीजी गैस की लौ हमेशा नीली होती है। अन्य रंग का मतलब है कि चूल्हे में समस्या है।
  • घर में मौजूद एसी और फ्रिज की नियमित रिपेयरिंग कराएं और चेक कराते रहें कि उनमें गैस का इस्तेमाल सही हो रहा है।
  • अगर इस्तेमाल न हो, तो बिजली वाले उपकरण बंद रखें। एसी का हर समय इस्तेमाल न करें।

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