
खतरनाक ज़ीका वायरस भारत में एक बार फिर से दस्तक दे चुका है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 22 लोगों में ज़ीका वायरस पाया गया है। आइए आपको बताते हैं क्या है ज़ीका वायरस, इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में।
खतरनाक ज़ीका वायरस भारत में एक बार फिर से दस्तक दे चुका है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में 22 लोगों में ज़ीका वायरस पाए जाने के बाद देशभर के स्वास्थ्य महकमों में हड़कंप मचा हुआ है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। ज़ीका वायरस मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है, जो कई बार जानलेवा साबित होती है। ये वायरस दिन में काटे गए मच्छरों से फैलता है। खास बात ये है कि इस बीमारी का कोई प्रामाणिक टीका या उपचार नहीं है। आइए आपको बताते हैं क्या है ज़ीका वायरस, इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में।
क्या है ज़ीका वायरस
ज़ीका वायरस एंडीज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है। ये वही मच्छर हैं जो डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया जैसे विषाणुओं को फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ज़ीका कोई नया वायरस नहीं है। साल 1947 में जब वैज्ञानिक येलो फीवर पर शोध कर रहे थे तब इसकी पहचान युगांडा के ज़ीका जंगल में हुई थी। इस वायरस की सबसे ज्यादा शिकार गर्भवती महिलाएं होती हैं, जिसमें वे ऐसे शिशुओं को जन्म देती हैं जिनका ब्रेन पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता और सिर छोटा रह जाता है। यह वायरस बच्चों के ब्रेन का विकास रोक देता है जिससे उनका सिर छोटा ही रह जाता है। अन्य लोगों में भी इस वायरस के कारण खतरा होता है।
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तेजी से फैलता है ज़ीका वायरस
अगर किसी व्यक्ति को ज़ीका वायरस से संक्रमित मच्छर काट लेता है तो उस व्यक्ति में इसके वायरस आते हैं। इसके बाद जब कोई और मच्छर उन्हें काटता है तो व्यक्ति के माध्यम से उस मच्छर में ये वायरस पहुंच जाता है और फिर उसी मच्छर के अगले व्यक्ति के काटने से अगले व्यक्ति में पहुंच जाता है। इस तरह ये बीमारी तेजी से फैलती जाती है।
ज़ीका वायरस के लक्षण
हर पांच में से एक के ही लक्षण दिखते हैं और बाकी को तो इसके लक्षण पता भी नहीं चलता। आमतौर पर ज़ीका वायरस के चपेट में आने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं।
- त्वचा पर चकत्ते
- आंखों में जलन
- मांसपेशी और जोड़ों में दर्द
- सिरदर्द
- हल्का बुखार और सर्दी लगना
- लाल आंखें
ये लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। यह वायरस सीधे नवजात को अपना शिकार बनाता है। इस वायरस से प्रभावित होने वाले बच्चे की सारी जिंदगी विशेष देखभाल करनी पड़ती है।
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ज़ीका वायरस से बचने के उपाय
ज़ीका वायरस का कोई इलाज नहीं है, इससे बचने का एकमात्र विकल्प इसके जोखिम को कम करना है। इसके लिए-
- मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए आसपास पानी न जमा होने दें।
- अपने आस-पास, किचन और टॉयलेट में साफ-सफाई का विशेष खयाल रखें।
- मच्छरों को खुद से दूर रखने के लिए रिपेलेंट, क्वाइल, क्रीम और मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- शरीर के सभी अंगों को जितना ज्यादा हो सके ढक कर रखें।
- गर्भवती महिलाओं को मच्छरों से बचाने का विशेष प्रबंध करना चाहिए।
- जब वायरस फैला हो, तो संक्रमित क्षेत्र में गर्भवती महिलाएं यात्रा करने से बचें।
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