अब सिर्फ मोबाइल फोन का नहीं बल्कि स्मार्टफोन का जमाना है। बाजार में बढ़ते विकल्पों और कम कीमतों की वजह से इन दिनों लगभग हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन दिखाई देता है। स्मार्टफोन के फीचर और ऐप्स तकनीकी रूप से बहुत उन्नत होते हैं। इस वजह से आपका स्मार्टफोन आपके लिए बहुत सी सहूलियतें तो जुटाता है लेकिन कहते हैं न किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती। स्मार्टफोन के ऊपर लोग इन दिनों इस कदर निर्भर करने लगे हैं कि इसकी वजह से कई बार वो बेवकूफी भरी चीज़ें कर बैठते हैं।
दिशाएं और जरूरी नंबर याद न रहना
हम इन दिनों जीपीएस पर इस कदर निर्भर हो गए हैं कि कहीं जाने से पहले न रास्ते के बारे में पूछना जरूरी समझते हैं और न ही रास्तों को याद करना। हम हर मोड़ जीपीएस के हिसाब से लेने लगते हैं। इससे दिक्कत ये होती है कि कई बार आपका जीपीएस काम नहीं करता या फोन किसी वजह से बंद हो जाता है तो आप रास्ता भटक सकते हैं। वहीं शायद ही अब हमें एक दो से ज्यादा फोन नंबर याद हो पाते हैं। हम सारे नंबर फोन में फीड रखते हैं, दिमाग में नहीं। लेकिन ऐमरजेंसी के वक्त हमें हमारी ये खराब आदत मुश्किल में डाल सकती है। सोचिये जरा उस स्थिति के बारे में जब हमारे हाथ में हमारा फोन न हो और किसी नजदीकी को कोई खबर पहुंचानी बहुत जरूरी हो जाए। ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए कुछ जरूरी नंबरों को याद करें, अगर याद करने में दिक्कत हो तो लिख कर अपने पर्स में रखें।
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हर एक बात का नोटिफिकेशन
आपका स्मार्टफोन आपको हर छोटी से छोटी बाती का नोटिफिकेशन देता है। जिसकी वजह से आपको बार-बार अपनी जेब या पर्स से फोन निकालकर उसे चेक करने की आदत पड़ जाती है। कई बार तो ये आदत इतनी खराब हो जाती है कि जब फोन वाइब्रेट नहीं भी हो रहा होता तो आपको उसकी वाइब्रेशन महसूस होती है। इससे बचने के रास्ते सबके हिसाब से अलग अलग हो सकते हैं। आप अपने फोन को साइलेंट मोड पर रखें और अपने लिए एक समय तय कर लें कि उसके बाद ही फोन चेक करेंगे। ऐसा करने से आपका दिमाग आपके स्मार्टफोन के नोटिफिकेशन से हटकर काम पर लगेगा। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप अपनी अलग-अलग ऐप्स की सेटिंग्स में जाकर चेंज कर सकते हैं। ध्यान रखें फोन आपकी सेवा के लिए है आप उसकी सेवा के लिए नहीं।
ड्राइविंग के दौरान ध्यान भटकना
टेक्स्ट एंड ड्राइविंग 'ड्रिंक एंड ड्राइव' से ज्यादा खतरनाक होता है। गाड़ी चलाते हुए आपका मैसेज पढ़ना और फिर उस मैसेज का जवाब देने की कोशिश करना आपकी जान पर भारी पड़ सकता है। इसके अलावा, नोटिफिकेशन देखने के लिए ध्यान सड़क की बजाय स्क्रीन पर लगाना भी अच्छी आदत नहीं है। इसलिए ड्राइविंग करते हुए फोन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। अगर फिर भी इस्तेमाल जरूरी है तो वॉइज कंट्रोल फीचर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्मार्टफोन को लोगों से ज्यादा अहमियत देना
ये बेवकूफी लगभग हम सब करते हैं। हम अपने आसपास के लोगों को भूल जाते हैं और ध्यान रहता है तो सिर्फ अपना स्मार्टफोन। सोशल मीडिया बहुत से लोगों को करीब जरूर लाया है लेकिन करीबियों के बीच इसकी वजह से दूरी बनी है। सारा सोशल मीडिया ऐप्स के जरिये सबके स्मार्टफोन में उपलब्ध होता है। आप अक्सर अपने परिवार के साथ डिनर करते हुए, पार्टनर के साथ मूवी देखते हुए या फिर दोस्तों के साथ आउटिंग के दौरान इनकी वजह से अपने स्मार्टफोन से अलग नहीं हो पाते। लेकिन याद रखें, फोन एक मशीन ही है। फोन के अपने कोई इमोशन नहीं होते जबकि कई बार आपको किसी ऐसे साथी की जरूरत होती है जिसके अपने इमोशन हों।
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