की त्वचा में चमक इस बात को दर्शाती है कि आप स्वस्थ हैं। आपकी त्वचा आपकी सेहत की कहानी हर किसी को बयां कर देती है। अगर आप स्वस्थ हैं लेकिन भावनात्मक स्तर पर असंतुष्ट हैं या किसी प्रकार के तनाव से जूझ रहे हैं तो इसका प्रभाव आपके चेहरे पर जरूर पडता है। तनाव के कारण चेहरे का आकर्षण और चमक फीकी पड जाती है। स्वस्थ त्वचा पाने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर स्वस्थ होना जरूरी है। योग से चेहरे पर एक अलग ही चमक आती है। तनाव से त्वचा पर उम्र की लकीरें बढती चली जाती हैं। फ्लॉलेस ब्यूटी और ग्लोइंग स्किन के लिए यहां दिए गए योगासनों को अपनाएं। रोज 30 मिनट का समय खुद के लिए जरूर निकालें।
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चेहरे में 57 मांसपेशियां होती हैं। जब आपके जीवन में किसी प्रकार का तनाव या मानसिक परेशानी होती है तो यह मांसपेशियां भी तन या खिंच जाती हैं। नतीजा चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगती हैं। योग हार्मोस को संतुलित करता है, जिससे चेहरे पर चमक रहती है। ऑक्सीजनयुक्त ब्लड को त्वचा तक पहुंचाने की प्रक्रिया को बढाता है। यह त्वचा को लचीला बनाने, रूखेपन को दूर करने और त्वचा के ढीलेपन को दूर करने में मदद करता है। यह चेहरे और गर्दन की मांसपेशियों को टोन करता है। यहां दिए गए आसन आपकी फेशियल स्किन को बेहतर बनाने के लिए हैं। साथ ही स्वस्थ बेदाग और चमकदार त्वचा पाने के लिए दिया गया रुटीन भी अपनाएं-
क्या करें
ध्यान या मेडिटेशन का कुछ देर अभ्यास करें। पहले 10-15 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे समय को बढाते जाएं। ऐसी म्यूजिक चलाएं, जो मेडिटेशन में मदद करे। इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी। मेडिटेशन के बाद आप योगासन आरंभ कर सकते हैं।
उच्च रक्तचाप वाले, हृदय रोगी और गर्भवती स्त्रियां इन्हें न करें।
यहां दी गई प्रत्येक यौगिक क्रियाएं आपके रक्त संचार को बढाने में मदद करेंगी और चेहरे की त्वचा को ऑक्सीजन पहुंचाएंगी, जो ग्लो के लिए सबसे जरूरी है। इन्हें प्रतिदिन करें और अंतर देखें।
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कपोल शक्ति विकास (फेशियल मसल्स की टोनिंग के लिए)
- पंजे के बल सीधे बैठें। घुटने जमीन से छुएं।
- नाक से गहरी सांस भरें।
- मुंह से सांस छोडें।
- अपने अंगूठे से नाक के दोनों छेद बंद करें और दोनों हाथों की उंगलियों के सिरों को एक-दूसरे से जोड लें जैसे नमस्ते करते हैं।
- मुंह से गहरी सांस लें और गालों को फुलाते हुए होंठों को बंद करें और सांस वहीं रोकें।
- अपनी ठोढी को सीने पर टिकाएं और जितनी देर तक संभव हो गालों को फुलाते हुए सांस रोकें। यह अभ्यास 10-15 बार करें।
मूद्र्धासन
यह आसन चेहरे पर रक्त का संचार बढाता है व बंद रोमछिद्रों को खोलता है।
- सीधे खडे हों और पैरों को जितना संभव हो फैलाएं।
- सांस छोडते हुए सामने की ओर झुकें। अपनी दोनों हथेलियां जमीन पर रखें। फिर सिर से जमीन को छूने की कोशिश करें। इसी स्थिति में जितनी देर तक सांस रोक सकते हैं, रोकें। ऐसा 3-4 बार करें।
विपरीत करणी क्रिया/ सर्वागासन
अगर सिर के बल खडे नहीं हो सकते तो यह करें।
- चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को 90 डिग्री के कोण में ऊपर उठाएं। घुटने सीधे रखें।
- अब हाथों से कमर को पकडते और सपोर्ट देते हुए अपने हिप्स और धड को ऊपर की तरफ सीधे उठाएं। अपनी कोहनियों को जितना संभव हो सटा कर रखें।
- आंखें बंद करके आराम महसूस करें।
- सामान्य सांस के साथ इसी स्थिति में जब तक रुक सकें, रुकें। पुन: पूर्वस्थिति में आएं। ऐसा 3-4 बार करें।
शीर्षासन
आसानी से कर सकें तभी अपनाएं।
- अपनी उंगलियों को एक-दूसरे से जकडकर अग्र बाहु यानी पहुंचे से कोहनी तक का हाथ चटाई पर रखकर लेटें। कोहिनियां घुटनों के सामने रखें। अब अपने सिर का क्राउन एरिया चटाई पर रखें, जहां आपने उंगलियों को जकडकर रखा है।
- हिप्स को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाएं। घुटनों को जमीन से ऊपर उठाते हुए पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं। सिर्फ पंजे जमीन को छुएं।
- संतुलन बनाते हुए अपने शरीर का भार सिर और कंधे पर डालते हुए पंजों को उठाएं।
- पैरों को जमीन से उठाएं। सिर और कंधे पर शरीर को संभालते हुए संतुलन बनाएं।
- घुटने मोडें और धीरे-धीरे ऊपर की ओर ले जाएं। जब तक कि आपके पैर धड के एकदम ऊपर न नजर आने लगें।
- अब शरीर एक ही लाइन में सीधा होल्ड करें। आराम महसूस करते हुए संतुलन बनाएं। हर स्थिति पर नियंत्रण बनाकर रखें।
- इस स्थिति में सामान्य सांस के साथ 30 सेकंड तक रहें। धीरे-धीरे पुन:स्थिति में आएं। ऐसा 3-4 बार करें।
कपालभाति क्रिया
- कपाल का अर्थ है सिर और भाति का अर्थ होता है रोशनी/ चमक। इसलिए इस क्रिया को नियमित रूप से करें।
- यह क्रिया शुद्धीकरण की तकनीक है। यह नाडी और मस्तिष्क को साफ करती है। यह फेफडों की किसी भी प्रकार की ब्लॉकेज को खोलने में मदद करती है। पाचनतंत्र की टोनिंग करती है और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाती है।
- आरामदेह मुद्रा में पीठ और गर्दन को सीधा रखते हुए बैठें। आंखें बंद रखें।
- जोर से सांस को बाहर की तरफ छोडें, सांस छोडते समय जोर से एब्डॉमिन को भीतर की तरफ खींचें।
- पुन: पहले जैसी स्थिति में आकर सामान्य सांस लें। इस क्रिया को पांच मिनट दोहराएं। अच्छे परिणाम के लिए इसे 10 मिनट तक भी कर सकते हैं।
कुंजल क्रिया
यह पांचन तंत्र की खराबियों को दूर करने में मदद करती है।
- खाली पेट हलका गर्म डेढ लीटर पानी पिएं। इसमें एक चम्मच नमक भी मिलाएं। तब तक पिएं जब तक कि यह न लगने लगे कि आपको उलटी आने वाली है।
- सीधे खडे हो जाएं। धड को मोडते हुए 80 डिग्री कोण तक सामने झुकें।
- अब मुंह खोलें और दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली और अनामिका (रिंग फिंगर) से मुंह के भीतर गले के पास तक ले जाकर गुदगुदी सी करें। ताकि पेट के भीतर का सारा पानी उलटी के साथ मुंह से बाहर निकल आए।
- ऐसा तब तक करें जब कि जरा भी पानी बाहर न निकलें।
- अच्छे परिणाम के लिए यह क्रिया हर दूसरे दिन करें।
इन आसनों के साथ ही अपने आहार का भी ध्यान रखें। योगाभ्यास के साथ खाने से जुडी आदतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। इसलिए क्या करें, क्या नहीं जानें-
- शांत और सुखद वातावरण में भोजन करें। खाते समय बातें न करें, टीवी न देखें और पढाई भी न करें। आप क्या खा रहे हैं इस पर ध्यान दें। खाने को एंजॉय करें और स्वाद लेकर खाएं। जल्दी-जल्दी न खाएं। ठीक से चबाकर खाएं। खाना निगलें नहीं। अगर ऐसा करेंगे तो अपच की समस्या हो जाएगी।
- घर का बना हुआ ताजा खाना खाएं। ताजी हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, दूध, स्प्राउटस, साबुत अनाज से बने सीरियल्स, दही और बटरमिल्क का सेवन करें।
- ओवर प्रॉसेस्ड चीजों और भोजन से बचें। मसालेदार-तीखी चीजों और जंक फूड से दूर रहें। यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को बढाते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होते हैं।
- इन फेस पैक्स का इस्तेमाल आप प्रतिदिन कर सकते हैं- एक पके हुए केले को 1-2 चम्मच शहद के साथ अच्छी तरह मैश करें और चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाएं।
- दही में थोडी सी हल्दी मिलाएं और चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाएं।
- टमाटर को मैश करके चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाएं। फिर साफ पानी से चेहरा धो लें।
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