
पीरियड्स यानि कि मासिक धर्म में भले ही महिलाओं को काफी दिक्कतों से गुजरना पड़ता है लेकिन साफ सफाई भी इस वक्त की एक बहुत जरूरी चीज है। इस दौरान साफ सफाई के अभाव में महिलाएं कई रोगों की शिकार हो सकती हैं। सही तरीके से सफाई न होना भी रैशेज का प्रमुख कारण भी है। इसलिए महिला को इन दिनों में सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सफाई रखने से किसी भी तरह के बैक्टीरिया नहीं होते हैं। आज वर्ल्ड मेंसुरेशन हाइजीन डे (World Menstrual Hygiene Day) के मौके पर हम आपको साफ सफाई बरतने के कुछ तरीके बता रहे हैं।
- कुछ महिलाएं इस दौरान पूरे दिन एक ही पैड में रहती हैं। जबकि पीरियड्स के दौरान पैड या कपड़ा बदलने में बिल्कुल भी कोताही न बरतें। पहले, दूसरे व तीसरे दिन हर 6 घंटे में पैड को जरूर बदलें। इससे किसी भी प्रकार का संक्रमण नहीं होगा और रैशेज भी नहीं पड़ेगें। चौथे व पांचवे दिन 8 से 9 घंटे पर पैड बदलें।
- पीरियड के दिनों में महिलाओं को हमेशा अच्छे सैनेटरी पैड का प्रयोग करना चाहिए, सैनीटरी पैड ऐसा हो जो ब्लीडिंग को पूरी तरह से सोख ले और लम्बे समय तक चले, इससे आसपास खून नहीं फैलेगा और रैशेज की संभावना भी कम हो जायेगी।
- रैशेज कोई गंभीर समस्या नहीं है, यह साफ-सफाई न करने के कारण होने वाली समस्या है, इसलिए न केवल पीरियड के समय बल्कि सामान्य दिनों में भी सफाई पर विशेष ध्यान दें।
- रैशेज की समस्या को दूर करने के लिए आप एंटीसेप्टिक का प्रयोग कर सकती हैं। आजकल बाजार में कई प्रकार की एंटीसेप्टिक क्रीम आती हैं। इनको लगाने से पीरियड्स के दौरान रैशेज से बचाव किया जा सकता है। जब भी पैड बदलें तो इन क्रीम का प्रयोग करें। लेकिन इन क्रीम का प्रयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
- पीरियड्स के दिनों में जब भी आप सैनेटरी पैड को बदलें तो जननांगों की सफाई के बाद पाउडर लगा लें। इससे जननांग सूख जायेंगे और रैशेज की संभावना भी कम हो जायेगी। अगर आपको अक्सर रैशेज की शिकायत होती है तो एंटीसेप्टिक पाउडर का प्रयोग करें।