महिलायें उम्र की हर दहलीज में स्‍वस्‍थ रहने के लिए करें ये काम

महिलायें घर और बाहर की दोहरी जिम्‍मेदारी निभाने के चक्‍कर में अपनी फिटनेस पर ध्‍यान नहीं देती हैं, जिससे उनका स्‍वास्‍थ्‍य प्रभावित होता है, ऐसे में इन टिप्‍स को आजमाकर उम्र की हर दहलीज पर महिलायें फिट रह सकती हैं।
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महिलायें उम्र की हर दहलीज में स्‍वस्‍थ रहने के लिए करें ये काम


सामान्‍यतया स्त्रियों का स्वास्थ्य एक उपेक्षित मुद्दा रहा है। स्त्रियां एक बहन, मां और पत्नी के तौर पर अपने पारिवारिक सदस्यों की देखभाल करती हैं। लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है। महिलायें घर के बाहर का काम भी बखूबी निभा रही हैं और विश्‍व स्‍तर पर अपनी अगल पहचान बना रही हैं। लेकिन फिट रहने के लिए वे अभी भी उतनी सजग नहीं है। इस लेख में हम महिलाओं के लिए ऐसे टिप्‍स बता रहे हैं जिनसे वे फिट और हेल्‍दी रह सकती हैं।

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हार्मोनल बदलाव

स्त्रियां अपने जीवन में ऐसे अनेक चरणों से होकर गुज़रती है, जहां पर वह अपने शरीर में प्राकृतिक तौर पर होने वाले हार्मोनल बदलावों का अनुभव करती हैं। हार्मोनल बदलाव यौवन, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान उत्पन्न होते हैं, जिसके कारण स्त्रियां मूड बदलना और अवसाद जैसी मानसिक परेशानियों की शिकार हो सकती हैं।


सामान्य स्वास्थ्य जांच

महिलाओं को एक या दो साल में अपने शरीर का चेक अप करवाना चाहिए। इससे भविष्य में होने वाली किसी भी बीमारी का समय पर पता चल जाता है। इसके अलावा 3-4 साल में एक बार थायराइड टेस्ट (टीएसएच, टी 3, टी 4) जरूर कराएं।

हड्डियों की जांच

उम्र के साथ-साथ हड्डियों का कमजोर होना सामान्य बात है और यह समस्‍या में महिलाओं में अधिक होती है। महिलाओं को अपने बीएमडी यानि बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट की जांच 55 वर्ष की आयु के शुरूआत में तथा इसके बाद आवश्यकता अनुसार करवानी चाहिए।


ब्रेस्ट कैंसर जांच

महिलाओं को 50 वर्ष की आयु के बाद 1-2 सालों में मैमोग्राम टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इससे संभावित स्तन कैंसर के लक्षणों का प्रारंभिक अवस्था में ही पता लग जाता है। 20 से 30 वर्ष की आयु से लेकर 40 वर्ष तक की महिलाओं को साल में 2 से 3 तीन बार क्लीनिकल ब्रेस्ट चेक-अप जरूर करवाना चाहिए। इस टेस्ट द्वारा भी कैंसर का शुरूआत में पता लगाया जा सकता है।

डायबिटीज जांच

डायबिटीज यानि मधुमेह से बचने के लिए 30 वर्ष की आयु के बाद साल में एक बार बिना कुछ खाए पिए ब्लड ग्लूकोज टेस्ट करवाना चाहिए। इससे ब्लड में शुगर की सही मात्रा का पता चलता है और डायबिटीज के खतरे से बचा जा सकता है।

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दिल की जांच

महिलाओं को 30 वर्ष की आयु के बाद एक बार ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग टेस्ट जरूर करवाना चाहिए, इससे दिल स्वस्थ रहता है। इस टेस्ट से उच्च रक्तचाप की पहचान हो जाती है तथा दिल से संबंधित रोगों का पता चलता है। इसके अलावा 35 वर्ष की आयु के बाद 5 साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

महिलायें स्‍वस्‍थ रहने के लिए अपने शरीर की देखभाल अच्‍छे से करें और अपनी दिनचर्या को हेल्‍दी बनायें। अगर शरीर में किसी तरह की समस्‍या हो तो चिकित्‍सक से संपर्क करें।

 

Image Source - Getty

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