
आजकल दर्दनिवारक दवाओं की मांग बहुत बढ़ गई है। अधिकतर दर्दनिवारक दवायें केमिकल से भरपूर होती हैं। लेकिन, दर्द भगाने के लिए रासायनिक दवाओं के स्थान पर जड़ी बूटियों को प्रयोग करना चाहिए। जब गोली खाने से दर्द में एक सेकंड में राहत मिल सकती है, तो भला जड़ी-बूटी के चक्कर में क्यों पड़ा जाए? अधिकतर लोग यही सोचते हैं। लेकिन, रासायनिक दवाओं के कारण आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, प्राकृतिक दर्दनिवारक दवाओं या एनाल्जेसिक जड़ी बूटियों से जुड़ी जानकारी होने पर आप इन परेशानियों से बच सकते हैं।
दर्द से राहत पाने के लिए जड़ी बूटियां बाजार में उपलब्ध हैं। लेकिन शायद बहुत आसानी से उपलब्ध इन दवाओं की तरफ आपका कभी ध्यान ही नहीं गया होगा। ये दर्दनिवारक तेल और एनाल्जेसिक क्रीम की तरह ही साधारण रूपों में आती हैं। इसे आप दर्द के स्थान पर लगा सकते हैं। कभी-कभी यह कैप्सूल, चाय और घोल के रूप में भी आती है। कई एनाल्जेसिक जड़ी बूटियों को संयुक्त जड़ी बूटियों के नाम से जाना जाता है। यह गठिया, गर्दन और पीठ जैसे जोड़ों के दर्द से राहत देती है। एनाल्जेसिक जड़ी बूटी लेने के सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि यह प्राकृतिक है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
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पेन किलर के साइड इफेक्ट्स
आइए तीन सबसे आम दर्द निवारक के साइड इफेक्ट के बारे में समझते और एनाल्जेसिक जड़ी बूटियों के साथ इसकी तुलना करते हैं।
अफीम
कई दर्दनिवारक दवाओं में संतुलित मात्रा में अफीम का इस्तेमाल किया जाता है। यह मादक दर्द निवारक है। इसका प्रयोग गंभीर दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। लेकिन इससे कई प्रकार की समस्याओं का खतरा हो सकता है। यह पेट, आंतों या आंत्र की कार्यप्रणाली में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा अफीम के कारण कब्ज भी हो सकता है। बीमार महसूस कराता है, साथ ही इससे ड्राई मुंह, त्वचा में खुजली, दूरदृष्टि और यूरीन जैसी समस्याएं हो सकती है। इसलिए निर्धारित राशि से ज्यादा या लंबे समय तक अफीम का उपयोग नहीं करना चाहिए।
इंफ्लेमेटरी दवाएं
सूजन कम करने वाली इंफ्लेमेटरी दवाओं का सेवन भी कई बार असुरक्षित हो सकता है। इससे पेट और पाचन तंत्र में जलन का अनुभव हो सकता है। यानी इन दवाओं के दुष्प्रभाव के रूप में आपको पेट के अल्सर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन दवाओं के दुष्प्रभाव से आपको खून का थक्के में लगने वाले समय को बढ़ा सकता है। इससे चोट लगने पर अधिक रक्त बह सकता है। इसके साथ ही यह किडनी के लिए भी काफी घातक हो सकता है।
स्टेरॉयड
आपने पहले से ही सुना होगा कि स्टेरॉयड को किसी भी रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। स्टेरॉयड के सेवन से भूख में वृद्धि, अधिक ऊर्जा, सोने में कठिनाई और अपच आदि की समस्यायें हो सकती है। बेशक इसके सेवन से आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है, लेकिन यह उच्च रक्तचाप, संक्रमण, ब्लड शुगर आदि में भी इजाफा करता है। साथ ही इससे यूरीन से शुगर और मांसपेशियों में ताकत का भी नुकसान होता है।
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि लगभग 100 से अधिक पौधों में दर्द से राहत देने के गुण होते हैं। क्लीनिकल जर्नल में हुए शोधों की समीक्षा के अनुसार, लाल मिर्च में कैप्सेसिन, सामान्य बीजों के तेल में गामा लिनोलेनिक एसिड होता है, जो बहुत फायदेमंद होता है। हर्बल मिश्रण कुछ अन्य अध्ययनों के अनुसार, दो अन्य परंपरागत जड़ी बूटियों जैसे सफेद विलो और पुदीने के भी कई लाभ होते है।
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