Doctor Verified

क्या सफेद चावल सेहत के लिए चीनी से भी ज्यादा नुकसानदायक होते हैं? एक्सपर्ट से समझें पूरी बात

सफेद चावल ( व्हाइट राइस) खाना क्या सफेद चीनी (व्हाइट शुगर) खाने जितना ही अनहेल्दी है? जानें क्यों माना जाता है सफेद चावल को सेहत के लिए नुकसानदायक।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या सफेद चावल सेहत के लिए चीनी से भी ज्यादा नुकसानदायक होते हैं? एक्सपर्ट से समझें पूरी बात


भारत में लगभग आधी आबादी अपनी डाइट में सफेद चावल शामिल करती है। चावल लगभग सभी हिस्सों में खाया जाता है क्योंकि एक तो इसे उगाना दूसरी फसलों की अपेक्षा आसान होता है और ये आसानी से और जल्दी पक भी जाता है। इन दिनों बाजार में ब्राउन राइस भी मिलने लगे हैं, जो व्हाइट राइस से ज्यादा हेल्दी माने जाते हैं। आजकल जैसे-जैसे फिटनेस की तरफ लोगों का रुझान बढ़ रहा है, तो लोग अब व्हाइट राइस यानी सफेद चावल को सेहत के लिए नुकसानदायक मानने लगे हैं। अक्सर लोग यह मानते हैं कि सफेद सफेद चीनी जितना ही नुकसानदायक है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, आइए जानते हैं डायटीशियन से। कोलंबिया एशिया अस्पताल में सीनियर, डायटीशियन डॉक्टर अनिका बग्गा के अनुसार सफेद चावलों से जिस समय ब्रैन और जर्म अलग किया जाता है उसी समय इसकी पौष्टिकता जैसे कि कैल्शियम जो दांतों के लिए जरूरी है और फैट जो कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए जरूरी है कम हो जाते हैं। इसी तरह विटामिन B1 (थियामिन) व विटामिन B3 (नियासिन) जो नर्वस सिस्टम के फंक्शन को सुचारू रूप से चलाने में सहायक है, साथ ही जरूरी प्रोटीन्स जो मांसपेशियों को बनाने में सहायक हैं वे भी नष्ट हो जाते हैं। यही नहीं मैग्नीशियम जो शरीर के बहुत से जरूरी फंक्शन के लिए आवश्यक है, वह भी नष्ट हो जाता है। इसलिए व्हाइट राइस में पोषक तत्वों की मात्रा बहुत कम होती है, जबकि कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है।

क्या सफेद चावल चीनी से भी अधिक नुकसानदायक हैं?

सफेद चावल का सेवन शरीर में एकदम से ब्लड शुगर बढ़ा सकता है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है। जिन फूड्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है उनके सेवन से शरीर में एकदम ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जबकि लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स के सेवन से शरीर में ब्लड शुगर धीरे-धीरे ही बढ़ता है या कम असर होता है। दरअसल उबले हुए सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 73 होता है, जबकि सफेद चीनी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 65 के लगभग होता है। इसके अलावा 1 चम्मच सफेद चीनी में लगभग 20 कैलोरीज और 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, वहीं एक कप उबले हुए सफेद चावल में कैलोरीज 204 और कार्बोहाइड्रेट 41.6 होता है। इसलिए देखा जाए तो एक कप चावल खाने से कहीं ज्यादा अनहेल्दी है एक चम्मच चीनी का सेवन, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए।

white sugar

सफेद और ब्राउन चावल के बीच अंतर

ब्राउन राइस में दो ऐसे तत्व होते हैं जो सफेद चावल में नहीं होते और यह तत्व हैं ब्रान यानी चावल का ऊपरी छिलका और जर्म जोकि अनाज का रिप्रोडक्टिव भाग होता है। यह दोनों भाग ब्राउन राइस को व्हाइट राइस की अपेक्षा ज्यादा पौष्टिक और रंग में भूरा बनाते हैं। इसका एक नुकसान केवल यह है कि इन तत्वों के कारण ब्राउन चावल जल्दी खराब हो जाते हैं और उन्हें आप केवल 6 महीने तक ही प्रयोग कर सकते हैं, जबकि व्हाइट राइस को ज्यादा समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है। सफेद चावल में बाहर के छिलके को उतार दिया जाता है और इसमें जर्म भाग भी नहीं होता। इसलिए यह थोड़ा कम पौष्टिक होता है। यह चावल पकने में भी कम समय लगाता है और इसे आप काफी लंबे समय तक प्रयोग कर सकते हैं। सफेद चावल कम हेल्दी होते हैं क्योंकि जब ब्रान हटाया जाता है तो इससे काफी सारे पौष्टिक तत्व जैसे कैल्शियम, फैट, फास्फोरस, विटामिन बी, मैग्नीशियम और प्रोटीन आदि भी हट जाते हैं।

अगर आप ब्राउन चावल खाते हैं तो क्या लाभ मिल सकते हैं?

  • अगर आप भूरे चावल खाते हैं तो आप कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से खुद को बचा सकते है।
  • छिलके के कारण चावल में फाइटो केमिकल जोड़ हो जाते हैं।
  • इनमें एंटी ऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। यह गुण सफेद चावल में नहीं होते।
  • ब्राउन चावल में अधिक घुलनशील और अघुलनशील फाइबर की मात्रा भी होती है।
  • इससे आपके पेट में प्री बायोटिक की मात्रा भी बढ़ती है। इसका अर्थ है आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और पाचन तंत्र भी अच्छे से काम करता है।
  • भूरे चावल में सफेद चावल के मुकाबले बहुत कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। जिसका अर्थ है इससे ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित रहता है।
  • अगर आप सफेद चावल खाते हैं तो उससे आपका ब्लड शुगर लेवल तुरंत बढ़ सकता है और इसलिए ही सफेद चावल की तुलना चीनी खाने के समान की जाती है।
  • ब्राउन चावल आपको डायबिटीज के रिस्क से भी बचा रहे हैं।

white rice

क्या रोज चावल खाना हेल्दी है?

वैसे तो बहुत सारे देशों और राज्यों में चावल ही मुख्य आहार है और लोग इसका सेवन भी करते हैं। लेकिन चावल में मौजूद आर्सेनिक के कारण स्वास्थ्य के लिहाज से रोज चावल खाना सही नहीं माना जा सकता है। आर्सेनिक एक हानिकारक तत्व है, जो शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। खास बात ये है कि आर्सेनिक व्हाइट राइस और ब्राउन राइस दोनों में ही मौजूद होता है। इसलिए चावलों के साथ साथ आपको कुछ साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए अन्य होल ग्रेन का भी सेवन करते रहना होगा। इनमें जौ, चावल, ओट्स आदि शामिल हैं। ब्राउन चावल में अधिक आर्सेनिक होता है और यह आपके स्वास्थ्य के लिए रोजाना खाना हानिकारक हो सकता है। इसलिए अगर आप आर्सेनिक कम करना चाहते हैं तो पहले चावलों को अच्छे से धो लें और उसके बाद उन्हें पानी में पका लें। बच्चों को अधिक मात्रा में ब्राउन चावल न दें, क्योंकि इनमें मौजूद आर्सेनिक उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता।

Read Next

क्या सफेद चावल सेहत के लिए चीनी से भी ज्यादा नुकसानदायक होते हैं? एक्सपर्ट से समझें पूरी बात

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version