फिशर और बवासीर को दवा से जल्दी सही करते हैं सफेद तिल, जानें इस्तेमाल करने का तरीका

आजकल उथल पुथल लाइफस्टाइल के चलते अधिकतर लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। चाहे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर हो या फिर बवासीर हो, हर बीमारी का संबंध सीधे तौर पर लाइफस्टाल है। बवासीर, पाइल्स या फिशर ऐसी बीमारी है जिसका 90 प्रतिशत संबंध लाइफस्टाइल से है। इसमें व्यक्ति के गुदा मार्ग में फुंसी हो जाती है। शौच जाते वक्त उन फुंसियों में दर्द तो होता ही है साथ ही इनसे खून भी निकलता है। 
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फिशर और बवासीर को दवा से जल्दी सही करते हैं सफेद तिल, जानें इस्तेमाल करने का तरीका

आजकल उथल पुथल लाइफस्टाइल के चलते अधिकतर लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। चाहे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर हो या फिर बवासीर हो, हर बीमारी का संबंध सीधे तौर पर लाइफस्टाल है। बवासीर, पाइल्स या फिशर ऐसी बीमारी है जिसका 90 प्रतिशत संबंध लाइफस्टाइल से है। इसमें व्यक्ति के गुदा मार्ग में फुंसी हो जाती है। शौच जाते वक्त उन फुंसियों में दर्द तो होता ही है साथ ही इनसे खून भी निकलता है। इस बीमारी में डॉक्टर भी दवा के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह देते हैं। दरअसल, लाइफस्टाल बिगड़ने का कारण भागदौड़ भरा जीवन है। अगर आपको भी फिगर या बवासीर है और बिजी लाइफ के चलते अपना ध्यान नहीं रख पा रहे हैं तो आज से ही सफेद तिल का सेवन शुरू कर दें। सफेद तिल में कई ऐसे गुण होते हैं जिनसे पाइल्स रोग एकदम खत्म होता है।

पाइल्स के लिए सफेद तिल

पाइल्स रोग में तिल का नियमित सेवन करने से यह जल्दी सही होता है। आप रात को 1 चम्मच तिल पानी में भिगो दें और सुबह उठकर इन्हें खा लें। अगर आपको साबुत तिल खाना पसंद नहीं है तो आप तिल के लड्डू या तिल का तेल भी ले सकते हैं। बवासीर की समस्‍या होने पर प्रतिदिन प्रतिदिन दो चम्‍मच काले तिल को चबाकर खाइए और उसके बाद ठंडा पानी पीजिए। अगर आप गुदा मार्ग के बाहरी तरफ तिल का तेल लगाएंगे तो भी आपको लाभ होगा।

इन बीमारियों के लिए वरदान है तिल

  • तिल में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण यह किसी भी तरह के घाव को जल्द ही ठीक कर देता है। इसके अलावा किसी भी सूजन में आराम देता है और सोराइसिस और एक्जिमा जैसी त्वचा की परेशानियों को दूर करने में भी मदद करता है। इसके अलावा जलने पर भी तिल का प्रयोग किया जाता है। जले हुए स्‍थान पर देशी घी और कपूर के साथ मिलाकर जले हुए स्‍थान पर इसका लेप लगाने से फायदा होता है।
  • अगर आपका बच्‍चा सोते समय पेशाब करता है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्‍योंकि इस समस्‍या से तिल आपको निजात दिला सकता है। इसके लिए भुने काले तिलों को गुड़ के साथ मिलाकर उसका लड्डू बना लीजिए। बच्‍चे को यह लड्डू हर रोज रात में सोने से पहले खिलाइए, बच्‍चा सोते वक्‍त पेशाब नही करेगा।
  • तिल का तेल गाढ़ा होने के कारण इससे मालिश करने पर यह तेल त्‍वचा में आसानी से मिल जाता है। जिससे यह त्‍वचा को अंदर से पोषण मिलती है। तिल से बने तेल से नियमित मालिश करने से ब्‍लड सर्कुलेशन की प्रक्रिया सही रहती है और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत होती है।
  • तिल के तेल को बुद्धिवर्धक भी कहा जाता है। तिल में प्रोटीन, कैल्शियम और बी कॉम्प्लेक्स बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। प्रतिदिन लगभग पचास ग्राम तिल खाने से कैल्शियम की आवश्यकता पूरी होती है। तिल के सेवन से मानसिक दुर्बलता एवं तनाव दूर होता है।

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