
When To Get Blood Transfusion: ब्लड ट्रांसफ्यूजन को सामान्य भाषा में खून चढ़ाना भी कहा जाता है। इंजरी, एक्सीडेंट या किसी गंभीर बीमारी में मरीज को खून चढ़वाने की सलाह दी जाती है। इस प्रक्रिया को रक्ताधान भी कहा जाता है। जब आपके शरीर में मौजूद ब्लड पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है या इसकी सहायता से शरीर के सभी अंगों का काम कर पाना मुश्किल होता है, तो डॉक्टर आपको ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सलाह देते हैं। ज्यादातर लोगों में खून चढ़वाने को लेकर जानकारी की कमी है, इसकी वजह से कई बार लोग ब्लड ट्रांसफ्यूजन को लेकर गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं। ब्लड ट्रांसफ्यूजन या खून चढ़वाने से पहले आपको कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखना चाहिए। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत कब पड़ती है और इसके दौरान किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत कब पड़ती है?- When To Get Blood Transfusion in Hindi
नस के माध्यम से शरीर में खून चढ़ाने की प्रक्रिया को ब्लड ट्रांसफ्यूजन कहा जाता है। डॉक्टर इस प्रक्रिया के माध्यम से मरीज की जरूरत के आधार पर प्लाज्मा, रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट चढ़ाते हैं। मरीज की जरूरत के आधार पर ही ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराने की सलाह दी जाती है। एक्सीडेंट होने पर गंभीर ब्लीडिंग के बाद, कैंसर की बीमारी में, कीमोथेरेपी के दौरान या किसी गंभीर इंजरी जैसी स्थितियों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ सकती है।
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ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत इन स्थितियों में सबसे ज्यादा पड़ती है-
- किसी गंभीर सर्जरी या चोट की स्थिति में
- ब्लड कैंसर या ब्लड से जुड़ी गंभीर बीमारी में
- किडनी डायलिसिस या किडनी फेलियर की समस्या में
- पेट में अल्सर या इंजरी के कारण ब्लीडिंग होने पर
- कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी में
- कुछ आनुवांशिक बीमारियों में
ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान ध्यान रखें ये सावधानियां- Blood Transfusion Precautions in Hindi
ब्लड ट्रांसफ्यूजन या खून चढ़ाने की प्रक्रिया में मरीज को चेयर या बेड पर लिटाया जाता है। इसके बाद आपकी जरूरत और ब्लड ग्रुप के हिसाब से डॉक्टर नसों के माध्यम से खून चढ़ाते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 3 से 4 घंटे का समय लगता है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया एक्सपर्ट की देखरेख में ही कराने की सलाह दी जाती है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान इन सावधानियों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है-
- ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान मरीज की हिस्ट्री और रिएक्शन की जांच करनी चाहिए।
- ब्लड की एक्सपायरी डेट चेक किये बिना खून नहीं चढ़ाना चाहिए।
- ड्रिप लगाने में सावधानियों का ख्याल रखना चाहिए।
- बिना डॉक्टर की सलाह के ब्लड ट्रांसफ्यूजन नहीं कराना चाहिए।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद किसी भी तरह की परेशानी होने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। खून चढ़वाने के कुछ दिन बाद तक बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवा का सेवन करने से भी बचना चाहिए। ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद आपको हल्के बुखार, सिरदर्द और छाती में दर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं। ये परेशानियां ज्यादा दिन तक नहीं रहती हैं और अपने आप ही ठीक हो जाती हैं।
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