डाउन‍ सिन्‍ड्रोम : इलाज के लिए दवा की नहीं, प्‍यार की है जरूरत

आज हम आपको शरीर के गुणसूत्रीय परिवर्तन के बारे में बताने जा रहें जिसे डाउन सिन्‍ड्रोम कहा जाता है। डाउन सिन्ड्रोम एक आनुवंशिक विकार है। आइए इस लेख में डाउन सिन्‍ड्रोम के बारे में विस्‍तार से समझते हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
डाउन‍ सिन्‍ड्रोम : इलाज के लिए दवा की नहीं, प्‍यार की है जरूरत


हमारे शरीर में तमाम ऐसी घटनाएं चलती रहती हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद भी होती हैं और हानिकारक भी। ऐसे परिवर्तन लोगों की जिंदगी में कई तरह के बदलाव लाते हैं। जी हां आज हम आपको ऐसे ही शरीर के गुणसूत्रीय परिवर्तन के बारे में बताने जा रहें जिसे डाउन सिन्‍ड्रोम कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिससे लोग असमान्‍य जीवन जीने के लिए मजबूर रहते हैं, हालांकि इसमें सुधार की भी संभावना रहती है।



down-syndrome

इसे भी पढ़ें : महिलाओं में फाइब्रायड की शिकायत

क्‍या है डाउन‍ सिन्‍ड्रोम

डाउन सिन्ड्रोम एक आनुवंशिक विकार है, यह मानसिक और शारीरिक लक्षणों का समूह है जो एक अतिरिक्त गुणसूत्र 21 की उपस्थिति के कारण होता है। सामान्यतः गर्भस्थ होते समय शिशु अपने माता-पिता से 46 क्रोमोसोम प्राप्त करते हैं, 23 माता से एवं 23 पिता से। लेकिन डाउन सिन्ड्रोम वाले बच्चे में एक क्रोमोसोम ज्यादा होता है। हालांकि डाउन सिन्ड्रोम के लोगों में कुछ आम शारीरिक और मानसिक विशेषताएं होती हैं। डाउन सिन्ड्रोम के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।

आमतौर पर, सभी उम्र की महिलाओं द्वारा डाउन सिन्ड्रोम के बच्चे का जन्‍म हो सकता है, इस परिस्थिति के बच्चे के जन्‍म की संभावना महिला की आयु बढ़ने पर बढ़ती है। यदि 30 वर्ष की माता की आयु में डाउन सिन्ड्रोम की संभावना 900 में से 1 मामले में होती है, जबकि 35 वर्ष की आयु में 350 में से एक और 40 वर्ष की आयु में हर 100 में से एक बच्चे में होता है।

इसे भी पढ़ें : निमोनिया से बचाव के तरीकों को समझना है जरूरी


डाउन सिन्‍ड्रोम के लक्षण

इस समस्‍या से ग्रस्‍त लोगों में जन्‍म से ही दिल की बीमारी हो सकती है। उन्‍हें सुनने में समस्याएं तथा आंतों, आंखें, थायरॉयड तथा अस्थि ढांचे की समस्याएं हो सकती हैं। जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, डाउन सिन्‍ड्रोम के साथ बच्चे पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। डाउन सिन्‍ड्रोम का इलाज नहीं किया जा सकता।


हालांकि, डाउन सिन्‍ड्रोम से पीड़ित लोग अच्छी तरह से वयस्क जीवन जीते हैं। इस बीमारी में बौद्धिक विकलांगता का स्‍तर बदलता है, लेकिन यह आमतौर पर न्यूनतम से मध्यम होती है। इन बच्चों के चेहरा कुछ हद तक चपटा होता है, आंखों में ऊपर की तरफ तिरछापन, छोटे कान एवं बड़ी जीभ यह सामान्य तौर पर देखने में आता है।


मांसपेशियां कमजोर होती हैं। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ इनमें ताकत बढ़ने लगती है। जिसकी वजह से इस तरह के बच्‍चे आम बच्‍चों की तरह बैठना, घुटने चलना एवं पैर पर चलना सीख जाते हैं, लेकिन दूसरे बच्चों से धीमे होते हैं। जन्म पर इन बच्चों का आकार एवं वजन दूसरे बच्चों की तरह ही सामान्य रहता है, लेकिन उम्र के साथ इनका ग्रोथ धीमा हो होने लगता है।


डाउन सिन्‍ड्रोम के लोग कई तरह के जन्म दोषों के साथ पैदा हो सकते हैं। प्रभावित बच्चों में से क़रीब 50 फीसदी को ह्रदय संबंधी समस्‍याएं होती है। इसके अलावा इनमें पाचन संबंधी समस्‍याएं, हाइपोथायरायडिज्‍म, सुनने व देखने की समस्‍या, रक्‍त कैंसर, अल्‍जाइमर आदि तरह की समस्‍या होने की संभावना रहती है।

 

इलाज से ज्‍यादा प्‍यार की जरूरत

'डाउन सिन्ड्रोम' का इलाज संभव नहीं है। इससे ग्रसित बच्‍चों या वयस्‍कों को इलाज के बजाए प्‍यार और सहारे की जरूरत होती है। ऐसे लोग अपनी क्षमता के मुताबिक अच्‍छा जीवन जी सकते हैं। ऐसे बच्‍चों को स्‍पीच थेरेपी, फिजियोथेरेपी व अन्‍य तरीकों से सहायता कर सकते हैं। ऐसे बच्‍चे आम बच्‍चों की तरह ही सारा काम कर सकते हैं, बशर्ते उन्‍हें थोड़ा सपोर्ट की जरूरत होती है। इस समस्‍या से ग्रसित बच्‍चों के माता-पिता को परेशान होने की जरूरत नही है न ही इसके लिए किसी को दोषी ठहराएं। इसको लेकर मन में ना ही किसी तरह का अंधविश्‍वास पालें।


शारीरिक व मानसिक समस्याओं के कारण इन बच्चों को सीखने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ये बच्चे सीख नहीं सकते। बस इन्हें अभिभावकों व समाज के थोड़े सहयोगी नजरिये की जरूरत होती है। ये वह सभी काम कर सकते हैं, जो सामान्य बच्चे करते हैं।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Image Source : Getty


Read More Articles on Disease in Hindi

Read Next

शरीर की कहानी बयां करता है सिरदर्द

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version