पुरुषों में स्तन कैंसर के खतरे बढ़ाने वाले तत्व व आदतें

पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर होने की संभावना उम्रदराज लोगों में अधिक होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्‍यक्ति में हो सकता है।
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पुरुषों में स्तन कैंसर के खतरे बढ़ाने वाले तत्व व आदतें

ब्रेस्‍ट कैंसर के मरीज केवल महिलायें ही नहीं होती हैं, बल्कि स्‍तन कैंसर पुरुषों को भी होता है। यह एक जानलेवा बीमारी है जिसके शिकार पुरुष भी हो रहे हैं।

पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर होने की संभावना उम्रदराज लोगों में अधिक होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्‍यक्ति में हो सकता है। हालांकि जिस तरह से स्तन का विकास महिलाओं में होता है वैसे पुरुषों में नहीं होता। फिर भी पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बना रहता है। ब्रेस्ट कैंसर का महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक जटिल होती है। इस लेख में ब्रेस्‍ट कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले खतरों के बारे में जानिए।

fat man

क्‍या कहते हैं शोध

पुरुष भी स्तन कैंसर के शिकार होते हैं और उनमें इस बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सॉस एम डी एंडर्सन कैंसर सेंटर के अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 2,500 से अधिक मामलों के अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। उनके अनुसार पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले पिछले 25 सालों में बढ़ रहे हैं। महिला मरीजों की तुलना में पुरुष मरीजों को अधिक उम्र बीतने पर स्तन कैंसर का पता लगता है।

ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि पुरुषों में स्तन के ट्यूमर का पता लगाना ज्यादा आसान है। लेकिन उन्हें लग सकता है कि ऐसे ट्यूमर उन्हें ‘गाइनेकोमैस्टिया’ की समस्या के चलते होते हैं। पुरुषों में सबसे आम स्तन ट्यूमर ‘डक्टल कैर्सीनोमा’ है जिसके मामलों की संख्या 93.4 फीसदी पाई गई। इसके अलावा पुरुषों को एस्ट्रोजन पॉजिटिव ट्यूमर होने की आशंका भी होती है जिसके लिए वह टैमोक्सीफेन इलाज करा सकते हैं। स्तन कैंसर के शिकार महिला और पुरुष मरीजों के बचने की दर लगभग समान है।

 

पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले तत्‍व

 

बढ़ती उम्र

पुरुषों में स्‍तन कैंसर के मामले बढ़ती उम्र के साथ हो सकते हैं, 40 से 60 साल तक के पुरुषों में कैंसर के जीवाणु बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसलिए उम्र के इस पढ़ाव के बाद स्‍तन कैंसर के प्रति जागरुक रहना चाहिए।

 

मोटापे के कारण

पुरुषों में मोटापे के कारण स्‍तन कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। क्‍योंकि मोटापे के कारण फैट सेल्‍स की संख्‍या शरीर में बढ़ जाती है जो बाद में ट्यूमर का कारण बन सकती है। इसके अलावा फैट सेल्‍स एस्‍ट्रोजन में परिवर्तित हो सकते हैं जिससे शरीर में एस्‍ट्रोजन की मात्रा बढ़ती है और यह ब्रेस्‍ट कैंसर का प्रमुख कारण है।

 

शराब पीना

एल्‍कोहल पीने की आदत के कारण भी पुरुषों में ब्रेस्‍ट कैंसर होने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए शराब का सेवन अधिक मात्रा में करने से बचना चाहिए, यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से भी ठीक नहीं है।

 

पारिवारिक इतिहास

यह बीमारी आनुवांशिक भी होती है, यदि आपके परिवार में इस बीमारी से कोई व्‍यक्ति ग्रस्‍त है तो उसके घर के अन्‍य सदस्‍यों को भी स्‍तन कैंसर हो सकता है। इसलिए यदि आपके परिवार में किसी को यह बीमारी है तो इसके प्रति जागरुक रहना चाहिए।

 

लीवर की बीमारी

जिन पुरुषों में लीवर की बीमारी होती है उनमें यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। अगर कोई भी पुरुष बीआरसीएजीन का वाहक होता है या क्लीन सेल्टर सिंड्रोम से ग्रस्त होता है, तो वह स्तन कैंसर से पीड़ित होने के करीब होता है।

 

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रेडियेशन के कारण

यदि आपके सीने के आसपास रेडियेशन थेरेपी हुई है तो यह बीमारी हो सकती है। यदि आपने सीने में किसी अन्‍य प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए रेडियेशन थेरेपी का सहारा लिया है तो भविष्‍य में ब्रेस्‍ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।



स्तर कैंसर के कारण छाती में भारीपन महसूस होता है, पुरुषों में कई बार हार्मोन के बदलाव की वजह से स्तनों के आकार में फर्क आ जाता है। स्तनों के आकार में जरा सा भी फर्क आने पर अपने चिकित्‍सक से तुरंत संपर्क करें।

 

Image Courtesy- getty images

 

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