अकसर गर्भपात गर्भावस्था के शुरुआती दौर में होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कम उम्र में मां बनना, हार्मोनल समस्या,यूटरेस का आकार व लापरवाही। ज्यादातर मामलों में महिलाओं को ब्लीडिंग व पेट में ऐंठन की समस्या के बाद पता चलता है कि ये सब गर्भपात के लक्षण हैं।
गर्भपात एक ओर आपके और आपके परिवार के लिए भावनात्मक अशांति ला सकता है और दूसरी ओर आपमें कुछ शारीरिक लक्षण ला सकता है जिन्हें झेलने में आपको कुछ कठिनाई हो सकती है ।
गर्भपात के तरीके
गर्भपात के दो तरीके हैं। पहले को ‘चिकित्सीय गर्भपात’ (मेडिकल एर्बाशन) और दूसरे को ‘शल्य गर्भपात’ (सर्जिकल एर्बाशन) कहते हैं। चिकित्सीय गर्भपात के लिए आप दवाएं खाती हैं, जबकि शल्य गर्भपात में आपरेशन किया जाता है।
कैसे होता है गर्भपात
प्रारभिंक गर्भपात बहुत आम हैं । अक्सर, महिलाओं को गर्भावस्था के बारे में पता होने से पहले ही गर्भपात हो जाता है । चार में से तीन संसेचित डिम्ब प्रारंभिक दिनों में ही खो जाते हैं । गर्भावस्था की पुष्टि हो जाने के बाद, पांच में से एक के गर्भपात होने की सम्भावना है । गर्भावस्था के शुरुआती दौर में ही अधिकतर गर्भपात होते हैं । गर्भावस्थी की दूसरी तिमाही में गर्भपात के बहुत कम मामले सामने आते हैं। दूसरी तिमाही में होने वाला गर्भपात महिला के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इस स्तर पर, कई माता पिता के लिए, "गर्भपात" शब्द बहुत दुखदायी होता है क्योंकि उनको यह प्रतीत होता है की उनका शिशु खो गया है न की सिर्फ एक भ्रूण । कुछ महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याओं के चलते बार-बार गर्भपात के दर्द का अनुभव करना पड़ता है। ऐसे में आपको डॉक्टर की निगरानी में रहना चाहिए और उन्हीं के अनुसार दिनचर्या व्यतीत करना चाहिए।
गर्भपात का जोखिम
यह कहना मुश्किल है गर्भपात का जोखिम कारक क्या है। अक्सर, गर्भपात का कोई कारण नहीं होता है और उसे रोकने का भी कोई उपाय नहीं होता है । यह विशेष रूप से प्रारंभिक गर्भपात के साथ होता है । सच तो यह है की अक्सर उन महिलोयों का भी गर्भपात होता है तो पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं । कुछ खास कारण हैं जो गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकते हैं-
- बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने पर भ्रूण को विकासित में होने में समस्या होती है जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। 30 साल की आयु पर आपके गर्भपात का जोखिम पांच में से एक है । 42 साल की आयु पर आपका जोखिम दो में से एक है ।
- अगर आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो यह महत्वपूर्ण है की आपको गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल मिले। मोटापा, मधुमेह या थायराइड जैसी बीमारियां गर्भपात का कारण हो सकती है। स्टिकी ब्लड सिंड्रोम, या एंटी फोस्फो लिपिड सिंड्रोम (APS), जो रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के बनाने लगता है इससे भी गर्भपात हो सकता है।
- गर्भाशय की भी कुछ असामान्यताएं गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकती हैं । गर्भावस्था के दौरान होने वाले कुछ संक्रमण गर्भपात का कारण बन सकते हैं। इनमें लिस्तिरेइओसिस और टोक्सोप्लाज़मोसिज़ शामिल हैं । यौन संचारित संक्रमण जैसे की और क्लैमाइडिया, या फिर और पॉलीसिस्टिक अंडाशय का दोष जो आपके हार्मोन को प्रभावित करता है और के खतरे को बढ़ाता है।
- धूम्रपान, एल्कोहल व नशे का सेवन गर्भपात का कारण बन सकते हैं ।
- गर्भावस्था के दौरान कम से कम कैफीन का सेवन करें।
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