
किडनी का कैंसर असामान्य किडनी की कोशिकाओं का अनियंत्रित विकास है जो कि किडनी की सामान्य कोशिकाओं को नष्ट कर उन्हें प्रभावित कर शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है।
किडनी रिब केज के नीचे आने वाला सबसे पहला अंग है जो कि स्पाइन के दायें और बायें भाग में होता है। यह शरीर में रक्त साफ रखने के लिए उसे छानता है और शरीर से अतिरिक्त पानी और नमक का निष्कासन करता है। किडनी शरीर में पेय को संतुलित रखने के लिए मुख्य नियामक होते हैं और शरीर में पानी को भी संतुलित रखता हैं। ये रेनिन नामक हार्मोन भी बनाते हैं जो कि ब्लड प्रेशर और एरिथ्रोपोएटिन नामक हार्मोन को भी संतुलित रखते हुए रेड ब्लड सेल्स/ लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को भी संतुलित रखता है।
वो मरीज जिनकी किडनी पूर्ण रूप से खराब हो जाती हैं या ठीक प्रकार से काम नहीं करती उन्हें डायलीसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्ययकता होती है। हमारी किडनी संचलन के दौरान रक्त वाहिनियों और ट्युबूल्स की मदद से रक्त को साफ कर द्रव को दोबारा अवशोषित करती हैं। प्रत्येक किडनी न्यूरान नामक छोटी इकाई से बनी होती है। किडनी का कैंसर असामान्य किडनी की कोशिकाओं का अनियंत्रित विकास है जो कि किडनी की सामान्य कोशिकाओं को नष्ट कर उन्हें प्रभावित कर शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है। मुख्यत: युवाओं में तीन प्रकार का किडनी कैंसर पाया जाता है।
रेनल सेल कार्सिनोमा
रेनल सेल कार्सिनोमा किडनी को बनाने वाली छोटी ट्यूब की परत में शुरू होती है जो कि इकट्ठे होकर किडनी का निर्माण करते हैं। यह लगभग 85 प्रतिशत किडनी के कैंसर का कारक बनता है। हालांकि रेनल सेल कार्सिनोमा सिर्फ एक किडनी में होता है लेकिन कभी-कभी यह दोनों किडनी में भी होता है। ऐसी कुछ आनुवांशिक असामान्यताओं जो कि किडनी को प्रभावित कर सकती हैं। इन स्थितियों में कैंसर शुरूआती दौर में ही शुरू हो जाता है और दोनों किडनियों को प्रभावित करता है। बहुत से कैंसर इन किडनियों में भी फैल जाते हैं। एक आनुवांशिक बीमारी जो कि किडनी के कैंसर की जि़म्मेदार है वो है हिपेल लिन्डाम बीमारी । आज, संयोग से अधिकतर किडनी के कैंसर का समाधान लगभग पाया जा चुका है। सामान्यत: ऐसे मरीजों को पेट से सम्बंधित बीमारियां होती हैं और ऐसे में पेट में किसी प्रकार के ढेर की जांच के लिए सी टी स्कैन की आवश्यकता होती है।
ऐसे अधिकतर ट्यूमर की खोज तब की जाती है जब किसी भी प्रकार का ट्यूमर रक्त या लिम्फ से दूसरे अंग में फैल चुका हो। रेनल सेल कार्सिनोमा कई प्रकार के हैं जिन्हें कि क्लीसयर सेल ट्यूमर (रेनल सेल कार्सिनोमा का 75 प्रतिशत ), पैपीलरी ट्यूमर, क्रामफोब ट्यूमर और दूसरे प्रकार के कैंसर आनकोसाइटोमा। इस प्रकार के ट्यूमर का पता जीन्स में किसी प्रकार की असामान्यता को देखने के लिए उन्हें माइक्रोस्कोप में देखकर लगता है। इस प्रकार का किडनी का कैंसर धूम्रपान के कारण या कैडमियम के प्रदर्शन के कारण होता है।
ट्रांजि़शनल सेल कार्सिनोमा
ट्रांजि़शनल सेल कार्सिनोमा किडनी के ट्यूब्सि के निकलने के साथ होता है। यह लगभग 6 से 7 प्रतिशत किडनी के कैंसर का वर्णन करता है। यह माइक्रोस्कोप के अंदर रेनल सेल कार्सिनोमा से अलग दिखता है और यह अक्सर रेनल पेल्विस (फनेल के आकार की जगह जो कि यूरेटर को किडनी के मुख्य भाग से जोड़ती है) से शुरू होता है। शोधों से ऐसा पता चलता है कि ट्रांजि़शनल सेल कार्सिनोमा किडनी का कैंसर धूम्रपान से संबंधित है। यह कैंसर यूराइनरी सिस्ट्म के दूसरे भागों को भी प्रभावित करता है। जैसे कि वो ट्यूब जो कि यूरीन को किडनी से ब्लैडर तक ले जाते हैं वो ब्लैडर की दीवार को भी प्रभावित कर सकते हैं।
रेनल सार्कोमा
रेनल सार्कोमा किडनी के अंदर रक्त वाहिनीयों से शुरू होता है या कैंसर के सबसे आम प्रकार में परिवर्तन के कारण होता है। यह किडनी के कैंसर का सबसे असामान्य प्रकार है और लगभग 1 प्रतिशत केस में पाया जाता है। बच्चों में होने वाले इस प्रकार के ट्यूमर को नेफरोब्ला स्टोरमा कहते हैं और यह सामान्य तौर पर विल्म्स ट्यूमर के नाम से जाना जाता है।
यू एस में किडनी का कैंसर सभी प्रकार के कैंसर के 3 प्रतिशत केस को प्रभावित करता है। यह साल में लगभग 52,000 लोगों को प्रभावित करता है और 13,000 लोगों में मृत्यु का कारण बनता है।
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