हार्ट अटैक का नाम सुनते ही मरीज डर जाते हैं। इसका कारण यह है कि हार्ट अटैक एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें कुछ मिनट के अंदर की व्यक्ति की मौत हो सकती है। मगर कुछ लोग भाग्यशाली होते हैं, जिन्हें हार्ट अटैक का हल्का सा झटका महसूस होता है। इसे 'माइल्ड हार्ट अटैक' कहते हैं। ये तरह से मुख्य हार्ट अटैक का पूर्व संकेत होता है। मगर जानकारी के अभाव में लोग इसे हार्ट बर्न या गैस की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो उनके लिए भारी पड़ जाता है। मैक्स हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी कंसल्टैंट डॉक्टर विवेक कुमार बता रहे हैं क्या है माइल्ड हार्ट अटैक, इसके लक्षण और इसकी गंभीरता के बारे में।
क्या है माइल्ड हार्ट अटैक?
डॉ. विवेक अनुसार, "माइल्ड हार्ट अटैक को आम भाषा में लोग छोटा हार्ट अटैक कहते हैं। इस हार्ट अटैक को non-ST elevation myocardial infarction (NSTEMI) कहते हैं। इसमें हार्ट की नस 100% नहीं बंद होती है, मगर प्रक्रिया वही होती है, जो बड़े हार्ट अटैक में होती है। इस तरह के हार्ट अटैक में ब्लड क्लॉट नस को पूरी तरह बंद नहीं करता है, मगर इसमें हार्ट को डैमेज करने वाले एंजाइम्स बढ़े हुए रहते हैं। इसलिए इसे इनकम्प्लीट हार्ट अटैक कहते हैं।"
इसे भी पढ़ें: सीने में दर्द होने पर अपने डॉक्टर से जरूर पूछें ये 5 सवाल, हार्ट अटैक के खतरे से बच जाएंगे
टॉप स्टोरीज़
माइल्ड हार्ट अटैक कितना खतरनाक होता है?
डॉ. विवेक बताते हैं, "माइल्ड हार्ट अटैक या छोटे हार्ट अटैक के बाद जब शरीर में ब्लड फ्लो सामान्य हो जाता है, तो लोग इसे गैस की समस्या या हार्ट बर्न समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। मगर माइल्ड हार्ट अटैक को बड़े हार्ट अटैक का पूर्व संकेत कहा जा सकता है, इसलिए इसे गंभीर मानना चाहिए। इस तरह के मामलों में अगले 30 दिन में दूसरा हार्ट अटैक आने के चांस लगभग 30% होते हैं। ये हार्ट अटैट भी बड़े हार्ट अटैक की तरह ही खतरनाक है, मगर इसमें मरीज को समय मिल जाता है कि वो चिकित्सक के पास जाकर अपना सही इलाज करवाए और जरूरी सावधानी बरते।"
माइल्ड हार्ट अटैक के लक्षण
"माइल्ड हार्ट अटैक के संकेत भी वही होते हैं, जो कंप्लीट हार्ट अटैक के होते हैं, जैसे- सीने में तेज दर्द, चलते समय भारीपन लगना, पसीना आना, बेचैनी होना, जबड़ों में दर्द, चलते-चलते गिर जाना आदि। मगर इन लक्षणों की इंटेंसिटी कम होती है, इसलिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।" इस तरह के लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
माइल्ड हार्ट अटैक होने पर तुरंत क्या कर सकते हैं?
चूंकि हार्ट अटैक एक इमरजेन्सी मेडिकल स्थिति है, जिसमें कई बार मरीज को अस्पताल तक पहु्ंचाने का भी समय नहीं मिलता है। डॉ. विवेक बताते हैं, "अगर किसी व्यक्ति को माइल्ड हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हों, तो उसे सबसे पहले खून पतला करने की दवा जैसे- एस्प्रिन लेनी चाहिए और फिर जल्द से जल्द अपने नजदीक के कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।"
इसे भी पढ़ें: दिल की बीमारियों से बचने के लिए बेस्ट नट है अखरोट, आंतों में बढ़ाता है गुड बैक्टीरिया
कौन सी जांच करानी है जरूरी?
डॉ. विवेक बताते हैं, "इस तरह के लक्षणों के बाद सबसे पहले तो मरीज को डॉक्टर के पास जाना चाहिए और फिर डॉक्टर को डिसाइड करना है कि वो कौन सा टेस्ट करना चाहते हैं या क्या ट्रीटमेंट देते हैं। मगर आमतौर पर माइल्ड हार्ट अटैक की आशंका होने पर मरीज को ट्रोपोनिन टेस्ट की सलाह दी जाती है। इसमें ईसीजी, ईको और कार्डियक एंजाइम्स की जांच की जाती है। अगर मरीज के कार्डियक एंजाइम्स बढ़े हुए हैं, तो इसके बाद एंजियोग्राफी की जरूरत पड़ती है। अगर कार्डियक एंजाइम्स ठीक हैं, तो स्ट्रेस ईको करके आगे का ट्रीटमेंट डॉक्टर बताते हैं।"
इनपुट्स- डॉक्टर विवेक कार्डियोलॉजी कंसल्टैंट (मैक्स हॉस्पिटल)
Read more articles on Heart Health in Hindi