
What is Lymphedema: गलत खान पान, लाइफस्टाइल में होने वाले बदलाव, हार्मोन्स के असंतुलन और प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कुछ स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी होती हैं जो डाइट में बदलाव करके ठीक हो जाती हैं, तो कुछ हेल्थ प्रॉब्लम ऐसी होती है जो जिंदगी भर ठीक नहीं होती है। लाइफस्टाइल की वजह आजकल डॉक्टर के सामने ऐसे भी मामले आते हैं जब एक मरीज में एक साथ कई बीमारियों के लक्षण देखने को मिलते हैं। पिछले दिनों 43 साल की महिला में एक ऐसी ही अजीबो-गरीब बीमारी देखने को मिली। रिपोर्ट्स के मुताबिक 43 साल की महिला ब्रेस्ट कैंसर और लिम्फेडेमा जैसी बीमारियों से जूझ रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में महिला को ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करवाने के बाद महिला के बाएं हिस्से में धीरे-धीरे सूजन आने लगी। महिला ने जब डॉक्टर से इसके बारे में बात की तो पता चला कि उसे ब्रेस्ट कैंसर के साथ-साथ लिम्फेडेमा नामक बीमारी है। लिम्फेडेमा बीमारी दुनिया भर में फैली हुई है। अगर वक्त रहते लिम्फेडेमा का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे है लिम्फेडेमा बीमारी आखिरकार क्या है? इसके लक्षण क्या हैं और इसका इलाज क्या है?
लिम्फेडेमा बीमारी क्या है?
दिल्ली के बीएलके मैक्स अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे डॉ. सुरेंद्र कुमार का कहना है कि लिम्फेडेमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें हाथ और पैरों के हिस्सों में आंतरिक तौर पर पानी जमा होने के कारण सूजन आ जाती है। यह दो प्रकार का होता है प्राइमरी लिम्फेडेमा और सेकेंडरी लिम्फेडेमा। प्राइमरी लिम्फेडिमा के मामले बहुत की कम देखने को मिलते हैं। जबकि सेकेंडरी लिम्फेडेमा संक्रमण, चोट लगना, कैंसर जैसी बीमारी की सर्जरी की वजह से होती है। डॉक्टर सुरेंद्र कुमार का कहना है कि इस बीमारी में त्वचा के नीचे फैट जमा हो जाता है जिसके कारण पैर या शरीर का एक हिस्सा असामान्य रूप से बढ़ने लगता है। पैरों के साथ इस ये बीमारी जांघ और बाकी हिस्सों पर फैल जाती है, जिसकी वजह से उसका चलना, फिरना और कई बार उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है।
लिम्फेडेमा के लक्षण - Lymphedema Symptoms in Hindi
लिम्फेडेमा के लक्षण प्राइमरी और सेकेंडरी के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। लिम्फेडेमा सेकेंडरी के लक्षण कई बार पैर और हाथों को प्रभावित कर सकते हैं। लिम्फेडेमा पैर और हाथों को प्रभावित कर रहा है तो व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं :
- पैर के एक हिस्से या पूरी टांग पर सूजन दिखाई देना
- बांह के एक हिस्से या पूरे हाथ पर सूजन महसूस होना
- सूजन वाले अंग में दर्द रहना
- त्वचा में किसी तरह का संक्रमण दिखाई देना
- संक्रमण के कारण त्वचा के हिस्से में दर्द महसूस होना
- त्वचा सख्त व मोटी हो जाना।
डॉक्टर के मुताबिक कुछ मामलों में सूजन और दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि व्यक्ति प्रभावित हिस्से को हिला भी नहीं पाते हैं। लिम्फेडेमा से प्रभावित हिस्से में कई बार सूजन असहनीय हो जाती है कि प्रभावित मरीज को उठने-बैठने में भी परेशानी होती है।
डॉक्टर से कब करना चाहिए संपर्क?
डॉ. सुरेंद्र कुमार का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को पैर, हाथ में हल्की सूजन दिखती है तो ये सामान्य है लेकिन सूजन 1 से 2 सप्ताह से ज्यादा दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति ने कैंसर या कोई अन्य सर्जरी करवाई है और उसके हाथ-पैर या शरीर के हिस्से में सूजन दिख रही है तो आपको 1 या 2 दिन के भीतर ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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