फिश पेडीक्योर पैरों की सफाई का एक कारगर तरीका है जानें क्‍या है फिश पेडीक्योर

पेडीक्योर पैरों को स्वस्थ व सुंदर बनाने का कारगर तरीका है। फिश पेडीक्योर न सिर्फ देखने में बल्की कराने में बड़ा आकर्शक लगता है जानें क्‍या है फिश पेडीक्योर। 
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फिश पेडीक्योर पैरों की सफाई का एक कारगर तरीका है जानें क्‍या है फिश पेडीक्योर


सौंदर्य उद्योग त्वचा की देखभाल के लिए रोज नए तरीकों का इजात करता रहता है। भला किसने सोचा होगा कि मछलियों का हल्के से आपके पैरों को कुतरना आपके पैरों की त्वचा को स्वस्थ व सुंदर बना सकता है। हम यहां बात कर रहे हैं फिश पैडीक्योर की। जी हां फिश पैडीक्योर आपके पारे को लिए बहुत लाभदायक होता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं की क्या होता है फिश पैडीक्योर।

Fish Padicure पेडीक्योर पैरों को स्वस्थ व सुंदर रखने का पुराना तरीका है। लेकिन अब एक नए तरह का पेडीक्योर चलन में आ रहा है। इस पेडीक्योर को फिश पेडीक्योर नाम दिया गया है।वर्जीनिया के जान हो ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर यह नया प्रयोग शुरू किया है। हो फिश पेडीक्योर का तुर्की सहित कई एशियाई देशों में भी प्रयोग कर चुके हैं।

 

क्या है फिश पेडीक्योर

इस खास तरह के पेडीक्योर में मछली का प्रयोग किया जाता है, जिसे गारा रूफा या डाक्टर फिश के नाम से जाना जाता है। ये मछलियां दांत रहित होती हैं। परंपरागत रूप से तो पैडीक्योर में गर्म या गुनगुने पानी का प्रयोग किया जाता है। फिश पेडीक्योर में भी ऐसा ही होता है लेकिन इस पानी में मछलियां होती हैं। फिश पैडीक्योर द्वारा पैरों पर मौजूद मृत और भद्दी त्वचा को हटाया जा सकता है। फिश पैडीक्योर करने के लिए पैरों को गर्म पानी के एक टैंक में पूरी तरह से डूबा दिया जाता है जिसमें बिना दांत वाली कार्प के आकार की दर्जनों छोटी मछलियां होती हैं। ये मछलियां लगातार आपके पैरों को कुतरती रहती हैं औ र पैरों की मृत त्वता को चट कर जाती हैं। लगभग 30 मिनट के इस इलाज के परिणामस्वरूप आपको चिकनी और मुलायम पैर मिलते हैं।

 


कैसे होता है यह पेडीक्योर

आम तौर पर पेडीक्योर में मृत त्वचा निकालने के लिए रेजर (ब्लेड) का प्रयोग किया जाता है, जबकि फिश पेडीक्योर में यह काम मछली करती है। हो के मुताबिक गर्म पानी में जलीय वनस्पति का उगना मुश्किल है, जिससे मछली के भोजन की समस्या हो सकती है। लेकिन यह समस्या मृत त्वचा से हल हो सकती है।

 

फिश पेडीक्योर की कमियां

- फिश पेडीक्योर में सभी लोग उसी पानी और मछलियों के संपर्क में आते हैं, जिसके कारण कुछ संक्रमण एक से दूसरे को फैल सकते हैं।

- एचआईवी और हेपेटाइटिस वायरस जो कि रक्त से फैलता है और यह संभावतः टैंक के पानी के माध्यम से भी फैल सकता है।

- वे लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है या मधुमेह आदि समस्याएं होती हैं उन्हें फिश पेडीक्योर न कराने की हिदायत दी जाती है।


 

 

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