अक्सर होली के बाद मौसम में बदलाव आ ही जाता है, जिसे आप लोग भी जरूर महसूस कर रहे होंगे। मौसम बदलते ही लोग सबसे पहले गर्म कपड़े संभाल कर बढ़-चढ़ के हॉफ कपड़ों में आ जाते हैं। जिसके चलते बीमारियों की चपेट में आने के दरवाजे बहुत तेजी से खुलते हैं। मौसम बदलने के चलते आजकल दिल्ली वाले भी वायरल बुखार जैसे गंभीर रोग की चपेट में आ रहे हैं। नवजात, युवा से लेकर बुजुर्ग भी इस रोग के शिकार हो रहे हैं। ये बीमारी सुनने में जरूरी छोटी लगती है, लेकिन अगर आप नतीजों के बारे में जानेंगे तो आप जरूर कांप उठेंगे। बीमारी का आलम यह है कि दिल्ली के डॉक्टर्स का कहना है कि उनके पास हर दूसरे मिनट में वायरल बुखार का पीड़ित आ रहा है।
वायरल फीवर के लक्षण
- शरीर में तेज दर्द होना
- गले में दर्द और खराश
- स्किन पर हल्के धब्बे पड़ना
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- सामान्य रूप से कमजोरी
- मतली और उल्टी
- सिर भारी होना और तेज बुखार
- नाक से द्रव बहना
- हर थोड़ी देर में खांसी की शिकायत
- आंखों में जलन होना, आदि
वायरल बुखार में क्या-क्या खाएं
- मौसमी संतरा व नीबूं खाएं जिसमें विटामिन-सी और वीटा कैरोटींस होता है जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है।
- वायरल फीवर होने पर डाई फूड खूब खाना चाहिए। डाई फूड में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
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- लहसुन में कैल्सियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हैं। इससे सर्दी, जुकाम, दर्द, सूजन और त्वचा से संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं। लहसुन घी या तेल में तलकर चटनी के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।
- खूब पानी पियें। इससे डिहाइडेशन के अलावा शरीर पर हमला करने वाले माइक्रो आर्गेनिज्म को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- तुलसी के पत्ते में खांसी, जुकाम, बुखार और सांस संबंधी रोगों से लडने की शक्ति है। बदलते मौसम में तुलसी के पत्तियों को उबालकर या चाय में डालकर पीने से नाक और गले के इंफेक्शन से बचाव होता है।
- वायरल बुखार में हरी और पत्तेदार सब्जियों का अधिक मात्रा में प्रयोग करें। क्योंकि हरी सब्जियों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे डिहाइडेशन नहीं होता है।
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- टमाटर, आलू और संतरा खाएं। इनमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- वायरल में दही खाना बंद न करें क्योंकि दही खाने से बैक्टीरिया से लडने में सहायता मिलती साथ ही यह पाचन क्रिया को सही रखता है। पेट खराब, आलसपन और बुखार को दूर करता है।
- वायरल में गाजर खाएं, इसमें केरोटीन पाया जाता है जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है और कीटाणुओं से लडने में मदद मिलती है।
- अधिक मात्रा में केले और सेब का सेवन करें। इन दोनों ही में अधिक मात्रा में पोटैसियम पाई जाती है जो ऐसा इलेक्ट्रोलाइट है दस्त समाप्त होती है।
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