दुर्घटनावश अगर किसी की हड्डी टूट जाए, तो उसे जुड़ने में न सिर्फ काफी वक्त लगता है, बल्िक वह पहले जितनी मजबूत भी नहीं हो पाती हैं। लेकिन अमेरिका के वैज्ञानिकों ने हड्डी में आयी दरार को भरने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल से लैस एक ऐसा जैल बनाया है, जो हड्डी में आयी दरार को भरने में सक्षम होगा।
कील यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक जैल में मौजूद स्टेम कोशिकाओं की सतह पर बेहद सूक्ष्म चुंबकीय कण जोड़े गए हैं। इंजेक्शन के जरिये जब इस जैल को हड्डी में पहुंचाया जाता है। इसके बाद उसके ऊपर चुंबकीय गुणों से लैस पट्टी बांध दी जाती है। पट्टी के बांधने के साथ ही चुंबकीय कण सक्रिय हो जाते हैं। और हड्डियों में आई दरार को भरने में स्टेम सेल मदद करते हैं।
यह परिस्थिति बहुत हद तक वैसी ही होती है, जैसी बच्चों में कार्टिलेज और हड्डियों के विकास के दौरान देखी जाती है। शोधकर्ता प्रोफेसर एलिशिया अल हज ने परीक्षण के स्तर पर इस जैल के खरा उतरने का दावा किया है। उनकी मानें तो इसकी मदद से चूहे और मुर्गियों की टूटी हड्डियों को जोड़ने में सफलता हाथ लगी है।
अब हम साल के अंत तक इनसानी हड्डियों पर इसका असर आंकने की तैयारी कर रहे हैं। हज के अनुसार हड्डियों को जोड़ने के लिए जब प्लास्टर चढ़ाया जाता है तो शरीर में सबसे पहले एक कार्टिलेज बनता है। यह एक ढांचे की तरह काम करता है, जिसके इर्दगिर्द हड्डी विकसित होती है। व्यक्ति जितना व्यायाम करेगा हड्डी उतनी ही मजबूत बनेगी। हालांकि आमतौर पर ऐसा नहीं हो पाता। हड्डी टूटने पर मरीज को असहयनीय दर्द होता है। इससे वह न तो ज्यादा चल-फिर पाता है और न ही ज्यादा भार उठा पाता है। इससे उसकी हड्डियां मजबूत नहीं बन पातीं।
हमने इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए स्टेम सेल से भरपूर जैल बनाया है। इसका इंजेक्शन लगाने पर मरीज को बिस्तर से उठने की जरूरत तक नहीं पड़ेगी और उसकी टूटी हड्डी न सिर्फ जुड़ेगी, बल्कि उसका घनत्व भी अधिक होगा।
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