लीकी गट सिंड्रोम एक हाइपोथेटिकल स्थिति है जिसे अब तक पहचाना नहीं गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह सिंड्रोम गंभीर तरह की बीमारी जैसे कि डायबीटिज और ल्यूपस में होता है। लीकी गट सिंड्रोम हाल ही में तेजी से फैलती हुई बीमारी है जिससे बहुत से लोग पीड़ित होते हैं। इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों की खास बात होती है कि उन्हें मालुम ही नहीं होता कि वे किसी तरह के सिंड्रोम से पीड़ित है। इसके नाम से लोगों को लगता है कि ये पाचन तंत्र से संबंधित कोई समस्या है लेकिन असलियत में कई अन्य तरह के स्वास्थ्य समस्याओं की शुरुआत माना जाता है। ऐसे में इस सिंड्रोम के बारे में लोगों का पता होना जरूरी है। तो आइए इस लेख में इसके बारे में विस्तार से जानें।
क्या है लीकी गट सिंड्रोम
लीकी गट सिंड्रोम पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या है। इस सिंड्रोम में पाचन तंत्र के आंतो में छोटे-छोटे छेद होते हैं जिसमें से खाद्य पदार्थ निकलने लगते हैं। ये छेद नेट की तरह काफी छोटे होते हैं जिसमें से खाद्य पदार्थों के बहुत छोटे पार्टिकल्स ही निकल पाते हैं। ऐसा पाचन तंत्र में गट लाइन के बने होने के कारण होता है जो कि बड़े पार्टिकल्स को निकलने से रोकते हैं जिससे शरीर के सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है।
ये एक ऑटोइम्यून डीज़िज है
- जब भी किसी को लीकी गट की समस्या होती है पाचन तंत्र में लगा जालीनुमा नेट क्षतिग्रस्त हो जाता है।
- इससे नेट में छोटे-छोटे छेद बनने शुरू हो जाते हैं। जो कि लगातार लीकी गट होने से बड़े बन जाते हैं।
- ऐसे में खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र में डाइजेस्ट होकर रेक्टम तक जाने के बजाय इन छेदों से लीक होने लगते हैं।
- इन लीक होने वाले खाद्य पार्टिकल्स में प्रोटीन, ग्लूटेन, हानिकारक बैक्टीरिया और अपच खाद्य पार्टीकल्स होते हैं।
- कई बार टॉक्सिक पार्टिकल्स भी इंटेस्टाइन वॉल से निकलकर रक्तप्रवाह में मिल जाते हैं जो इम्युन रिएक्शन का कारण बनते हैं।
लीकी गट के कारण
- लीकी गट के विशेष तरह के कारणों के बारे में तो पता नहीं चला है। लेकिन अब तक हुए रिसर्च के अनुसार इसके कई कारण निर्धारित किए गए हैं। जैसे की-
- खराब डाइड
- किसी भी विशेष तरह के खान-पान से एलर्जी
- बहुत अधिक तनाव लेना
- शरीर में टॉक्सिक की अधिकता होना
- शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया का असंतुलित होना
इसके लक्षण
- शरीर में हमेशा कम ऊर्जा का रहना
- मेटाबॉलिज्म का धीरे होना
- किसी भी तरह का थॉयरायड
- ऑटोइम्युन कंडीशन
- मांसपेसियों में दर्द
- ज्वॉइंट्स में दर्द
- शरीर में सूजन होना
- सरदर्द
- त्वचा में रेशेज होना
- मुहांसे या पिंपल निकलना
- मौसमी एलर्जी और अस्थमा
- इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
इसका उपचार
इस सिंड्रोम की सबसे अच्छी बात है कि इसका इलाज सफलतापूर्वक किया जा सकता है। इसका ट्रीटमेंट चार चरणों में पूरा होता है-
- हटाएं - हानिकारक बैक्टीरिया को सबसे पहले हटाएं। सबसे पहले उन खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में से हटाएं जो गट को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- बदलना- हानिकारक बैक्टीरिया को अच्छे बैक्टीरिया से बदलें। अच्छे और जरूरी खाद्य पदार्थ खाएं जिससे डाइजेशन और एब्जर्पशन अच्छे से हो सके। ऐसे खाद्य पदार्थ ग्रहण करें जिससे आपके इंटेस्टाइन वॉल को नुकसान नहीं होगा।
- खुराक लें - कुछ जरुरी पोषक-तत्वों से पूर्ण सप्लीमेंट लें।
- क्षतिपूर्ति करें - साथ ही अपने खाने में अधिक से अधिक प्रोबायोटिक्स शामिल करें। इससे क्षतिग्रस्त इंटेस्टाइन वॉल को ठीक करने में मदद मिलेगी।
इन खाद्य पदार्थों को हटाएं
- चीनी या मीठी चीजें
- कार्बोहाइड्रेटेड अनाज
- मीट और चिकन
- जोनेटीकली मॉडिफाइड फुड
- टेप वाटर
इन खाद्य पदार्थों को खाएं
- हड्डियों का या चिकन सूप
- दूध के पदार्थ
- फरमेंटेड सब्जियां
- नारियल से बने खाद्य पदार्थ
- अंकुरित चने या बीज
- ओमेगी-3 युक्त खाद्य पदार्थ अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
लिकी गट सिंड्रोम के लिए जरूरी सप्लीमेंट्स
- प्रोबायोटिक्स - प्रोबायोटिक्स जरूरी सप्लीमेंट्स है। इसे खाने से ये हानिकारक बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालकर लाभदायक बैक्टीरिया से रिप्लेज कर देता है। इस कारण से खाने में तो अधिक से अधिक प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य-पदार्थों को शामिल करें साथ ही अलग से भी रेग्युलर इसे खाएं। तो अच्छी क्वालिटी का कम से कम 50 ग्राम प्रोबायोटिक्स युक्त भोजन रोजाना अपने खाने में शामिल करें।
- डाइजेस्टिव एंजाइम - रोज खाने से पहले एक-दो खुराक डाइजेस्टिव एंजाइम के लें। जो आप खा रहे हैं वो पूरी तरह से पच जाए। प्रोटीन युक्त भोजन कम ही खाएं। प्रोटीन लेने के लिए हरी सब्जियों को सूप या चिकन सूप पिएं।
- शुद्ध जल- रोज सुबह उठकर अधिक से अधिक गुनगुना साफ पानी पिएं।
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