ये हैं एरोबिक्स के प्रकार

एरोबिक्स क्लास के अनेक प्रकार उपलब्ध हैं, हर व्यक्ति अपनी इच्छा और फिटनेस से संबंधित अपने लक्ष्य के अनुसार क्लास का चुनाव कर सकता है।
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ये हैं एरोबिक्स के प्रकार


एरोबिक्स शरीर के लिए काफी फायदेमंद व्यायाम है इसकी मदद से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। एरोबिक्स एक तरफ जहां शारीरिक रुप से आपको फिट रखता है वहीं दूसरी तरफ वह मानसिक समस्याओं से भी छुटकारा दिलाने में फायदेमंद माना जाता है। एरोबिक्स क्लास अनेक प्रकार की उपलब्ध हैं, हर व्यक्ति अपनी इच्छा और फिटनेस से संबंधित अपने लक्ष्य के अनुसार क्लास का चुनाव कर सकता है।

  • द ट्रेडिशनल फ्लोर एरोबिक्स: एरोबिक्स के इस प्रकार के अंतर्गत कुछ निश्चित मूवमेंट होते हैं, जो कि एक ख़ास संगीत पर आगे, पीछे या पार्श्व की ओर जाते हैं। वे या तो ‘हाई इम्पेक्ट मूव’ (उच्च असरदार मूवमेंट) होते हैं या लो इम्पेक्ट मूव (कम असरदार मूवमेंट) होते हैं। विभिन्न प्रकार के इंस्ट्रक्टर और पार्टिसपन्टस के स्तर पर निर्भर यह क्लास ‘लो इम्पेक्ट’ (जहां पर हर समय एक पैर ज़मीन के संपर्क में रहता ही है) हो सकती है या ‘हाई इम्पेक्ट’ (जहां पर दोनों पैर एक साथ ज़मीन से अपना सम्पर्क छोड़ते हैं) हो सकती है या दोनों का मिश्रण हो सकती है।

 

  • स्टेप एरोबिक्स: स्टेप एरोबिक्स में कोरियोग्राफड मूव्स एक ऐसे ‘एलवैटिड स्टेप’ पर प्रदर्शित किया जाता है, जिसे 4 से लेकर 12 तक की ऊंचाई तक (4”, 6”, 8”, 10” और 12”) एडजस्ट किया जाता है। स्टेप एरोबिक्स सबसे अधिक लोकप्रिय कार्डियो एक्सरसाइज़ो में से एक है और खासकर स्त्रियों को यह व्यायाम बेहद पसंद आता है। यह व्यायाम मुख्यतः टांगों, हिप्स, और ग्ल्ट्स को अपना निशाना बनाता है और एक हाई इंटेसिटी वाले 30 मिनट का एक सेशन करीब 400 कैलोरी की मात्रा को गलाता है।

 

  • डांस एरोबिक्स: इस प्रकार की एरोबिक्स की क्लास में अनेक नृत्य की शैलियों के स्टेप्स का उपयोग किया जाता है, जैसे कि हिप-हॉप, साल्सा, जैज और बोलीवुड की नृत्य शैली भी ये क्लासेस एक ही समय पर कसरत के साथ साथ मज़ा भी प्रदान करती हैं।  इन क्लासों में या तो कुछ ख़ास नृत्य के प्रकारों का एक मिश्रण होता है, या फिर ये सिर्फ़ किसी भी एक प्रकार की नृत्य शैली से प्रेरित रहते हैं।

 

  • कार्डियो किकबॉक्सिंग: एरोबिक्स के इस प्रकार में बोक्सिंग, मार्शल आर्ट और पारंपरिक एरोबिक्स के घटकों को एक उच्च इंटेसिटी वाले कार्डियो-रेस्पिरेटरी एक्सरसाइज़ के साथ मिश्रित किया जाता है। कार्डियो किकबोक्सिंग रूटीन एक संपूर्ण शरीर के वर्काऊट के तौर पर कार्य करता है क्योंकि यह शरीर के ऊपरी भाग की कई मांसपेशियों का भी उपयोग करता है, जबकि अन्य नियमित एरोबिक्स क्लासेस सिर्फ़ शरीर के निचले भाग की मांसपेशियों का ही उपयोग करते हैं।

 

  • भांगडा एरोबिक्स: यह बेहद ऊर्जा से भरपूर वर्कोउट है, इसमें पंजाब राज्य के पारंपरिक लोकनृत्य ‘भांगडा’ से प्रेरित डांस के मूवमेंट होते हैं। भांगडा का संगीत अक्सर ड्रम की धुनों पर आधारित रहता है। इंस्ट्रक्टर अपने नृत्य के स्टेप्स को भांगडा के संगीत की धुनों पर एक ख़ास तरीके में ढालता है।

 

  • ऐक्व एरोबिक्स: इस प्रकार की क्लास एक स्वीमिंग पूल के जैसे कम गहरे पानी में संपन्न की जाती है । इस क्लास के साथ कई प्रकार की एरोबिक्स की एक्टिविटी को भी जोड़ा जाता है, जैसे कि अनेक हाथों के मूवमेंट के साथ साथ पारंपरिक एरोबिक्स, आगे और पीछे के ओर दौडना या चलना, कूदना इत्यादि। इसमें कुछ ख़ास तैरते हुए उपकरणों का भी उपयोग होता है, जिनका उपयोग अनेक प्रकार की कसरत करने के लिए किया जाता है।


शरीर में बढ़ रही चर्बी को कम करने के लिए यह एक कारगर उपाय है। जो लोग नियमित तौर पर एरोबिक्स का अभ्यास करते हैं उनकी नींद, मनोदशा और यहां तक की जीवनशक्ति सुधर जाती है।
 

 

 

Image Source-Getty

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