मोटापा घटाने के लिए आफ्टरबर्न इफेक्ट ट्राय करें

आफ्टरबर्न इफेक्ट में इंटरवल के दौरान बहुत छोटी छोटी एक्सरसाइज की जाती है जो 30 सेकेंड से लेकर 1 मिनट तक की होती है। यही कारण है कि इसे आफ्टरबर्न इफेक्ट कहा जाता है।
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मोटापा घटाने के लिए आफ्टरबर्न इफेक्ट ट्राय करें

आफ्टरबर्न इफेक्ट मोटापा घटाने का बेहतरीन उपाय है। लेकिन यदि आप एक्सपर्ट नहीं हैं तो इसे फायदे उठाने में आपको समस्या हो सकती है। अतः यह जानना जरूरी है कि किन वर्कआउट के द्वारा आफ्टरबर्न इफेक्ट के अधिकतम लाभ उठाए जा सकते हैं। इस लेख में कुछ टिप्स और कुछ ट्रिक के जरिये जानेंगे कि आफ्टरबर्न इफेक्ट का अधिकतम लाभ कैसे उठाया जाए।

 

आफ्टरबर्न इफेक्ट क्या है

आफ्टरबर्न इफेक्ट का सीधा मतलब है कि एक्सरसाइज के बाद कैलोरी का बर्न होना। सामान्यतः आफ्टरबर्न इफेक्ट के लाभ उठाना काफी मुश्किल होता है। दरअसल आप जितना इंटेंस वर्कआउट करते हैं, आपको उतना ही लाभ हासिल होता है। मसलन यदि आप 30 सेकेंड में दौड़ के पांच चक्कर लगाते हैं तो यह 30 मिनट जागिंग से बेहतर होता है।

ऊर्जा खपत का क्या मतलब है

ऊर्जा का खपत होने का मतलब है कि आप कितनी कैलोरी बर्न करते हैं। विस्तार से कहें तो एक व्यक्ति एक्सरसाइज के दौरान कितनी ऊर्जा इस्तेमाल करता है। इसमें शारीरिक गतिविधियां, रक्त संचालन, श्वांस लेना, डाइजेशन आदि सब शामिल हैं। लेकिन जब एक्सरसाइज की बात की जाए तो यहां कैलोरी बर्न होने से ही इसे जोड़ा जाता है।

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एरोबिक और एनारोबिक में फर्क

एरोबिक वास्तव में वो एक्सरसाइज होती हैं जो ज्यादा समय और लांग डिस्टेंस में की जाती है समलन दौड़ना या साइक्लिंग करना। जबकि एनारोबिक एक्सरसाइसज वो होती हैं जिसमें स्पीड, क्षमता, ताकत, वेट लिफ्टिंग आदि सब शामिल होते हैं।

 

एक्सरसाइज के दौरान कैलोरी बर्न होना

इसका सीधा मतलब है कि एक्सरसाइज के दौरान आप कितनी कैलोरी खर्च करते हैं। इसे एरोबिक एक्सरसाइज के पैरामीटर पर मापा जाता है। मेटाबालिक कार्ट के जरिये कितनी कैलोरी बर्न हुई, सटीक अंदाज में जाना जाता है। यह आफ्टरबर्न इफेक्ट नहीं कहलाता।

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एक्सरसाइज के बाद कैलोरी बर्न होना

एक्सरसाइज के बाद जो इंटरवल पीरियड आता है, आफ्टरबर्न इफेक्ट में यह महत्वपूर्ण हेाता है। इसमें इस दौरान बेहद छोटी छोटी एक्सरसाइज की जाती है जो बमुश्किल 30 सेकेंड से लेकर 1 मिनट तक की होती है। इसे रेस्ट मोड में किया जाता है। यही कारण है कि इसे आफ्टरबर्न इफेक्ट कहा जाता है। इस दौरान खर्च हुई कैलोरी बेहद महत्वपूर्ण होती है।

 

हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग

आपको यह बताते चलें कि यदि आप आफ्टरबर्न इफेक्ट के विषय में पूरी तरह अवगत नहीं हैं तो इस सम्बंध में विशेषज्ञों से जानें। छूटते ही इंटरवल के दौरान की ट्रेनिंग न करने लगें। बहरहाल चूंकि यह इंटरवल पीरियड होता है तो इस बीच आप रेस्ट कर रहे होते हैं। लेकिन आपकी सतर्कता ही आपको आफ्टरबर्न इफेक्ट से रूबरू करा सकती है। इस बीच आप एक मिनट की दौड़ लगा सकते हैं, 30 सेकेंड की जागिंग में इसे बदल सकते हैं। ऐसा ही आप 30 मिनट तक लगातार कर सकते हैं। एक क्षण दौड़ तो एक क्षण जागिंग। इससे एक्सरसाइज के बाद इंटरवल में की गई एक्सरसाइज आपको फायदा पहुंचा सकती है।

 

कार्डियो वर्कआउट

वजन घटाने हेतु कार्डियो वर्कआउट कारगर उपाय है। कई लोग तो कार्डियो पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। इसमें कोई संदेह भी नहीं होना चाहिए। निश्चित रूप से यदि आप लगातार कई घंटों की दौड़ लगाते हैं या फिर जागिंग करते हैं तो इसस वजन का घटना सुनिश्चित होता है। अतिरिक्त वसा पसीन के रूप में बह जाती है। अतः इसे करना कोई नुकसान की बात नहीं है।

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वेट ट्रेनिंग

वेट ट्रेनिंग से सामान्यतः उन लोगों को वजना चाहिए जो पतले होने की चाह रखते हैं। दरअसल यह एकमात्र ऐसा एक्सरसाइज है जिससे शरीर में कई अंग विशेष में वसा जमा होती है और शरीर को नया रूप देती है। ऐसे में वेट ट्रेनिंग को अपनी एक्सरसाइज का अभिन्न हिस्सा बनाना सही है। लेकिन इसे आफ्टरबर्न इफेक्ट के रूप में किया जा सकता है। इससे आपके मेटाबालिज्म को ज्यादा काम करना पड़ता है जिससे अच्छी खासी ऊर्जा की खपत होती है।

 

मिक्सचर करें

सही और पर्याप्त लाभ के लिए आपको चाहिए कि वेट ट्रेनिंग और कार्डियो दोनों एक साथ करें। इससे आप न सिर्फ फिट रहेंगे बल्कि आफ्टरबर्न में भी इसका असर देखने को मिलेगा। इतना ही नहीं मोटापा भी आपसे कोसो दूर चला जाएगा।

 

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