बच्चों में परीक्षा के दौरान दबाव और तनाव तो रहता ही है लेकिन परीक्षा देने के बाद का समय उनके लिए बहुत मुश्किल भरा हो सकता है। परीक्षा देने के बाद बच्चे लंबे समय तक परीक्षा के परिणाम का इन्तजार करते हैं और इस दौरान उनके मन में तरह-तरह के सवाल पैदा हो सकते हैं। इस कारण से बच्चों में परीक्षा के बाद तनाव (Post Exam Stress) हो सकता है। एग्जाम के बाद तनाव की समस्या कई बार बच्चों में बहुत हावी हो जाती है जिसके बाद अगर बच्चे के परिणाम बेहतर भी आ जाएं तो उसका असर बच्चों पर बना रह सकता है। एग्जाम के बाद तनाव की वजह से बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है और इसके चलते कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर हमारे देश में बच्चों पर एग्जाम का प्रेशर बहुत ज्यादा रहता है और एग्जाम के बाद बच्चों में रिजल्ट का डर उन्हें पोस्ट एग्जाम स्ट्रेस की समस्या का शिकार बना देता है। ऐसी स्थिति अभिभावकों के लिए बेहद चुनौती भरी हो सकती है। आइये जानते हैं बच्चों में एग्जाम के बाद तनाव की समस्या से निपटने के टिप्स के बारे में।
बच्चों में परीक्षा के बाद तनाव को कम करने के टिप्स (Tips To Manage Post Exam Stress in Kids)
परीक्षा देने के बाद घर आने पर बच्चे के मन में यह सवाल रहता है की उसने एग्जाम सही तरीके से दिया है या नहीं, लेकिन यह संशय जल्द ही खत्म हो जाता है। इसके बाद जो सवाल सबसे ज्यादा परीक्षा के बाद बच्चों को परेशान करता है वह है की एग्जाम का रिजल्ट क्या होगा? एग्जाम के रिजल्ट को लेकर बच्चों में तनाव सबसे ज्यादा होता है। इसकी वजह से बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। बच्चों में पोस्ट एग्जाम स्ट्रेस की समस्या कई बार बहुत गंभीर हो जाती है। आइये जानते हैं इससे निपटने के टिप्स।
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1. एग्जाम के बाद बच्चों पर अधिक नंबर लाने का दबाव न डालें
एग्जाम देने के बाद बच्चों पर माता-पिता द्वारा ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए। बच्चों को बार-बार ज्यादा नंबर लाने के लिए दबाव डालना हानिकारक हो सकता है। ज्यादा नंबर लाने की उम्मीद की वजह से बच्चा बैकफायर कर सकता है। और हमेशा यह बात याद रखनी चाहिए की ज्यादा नंबर लाना सफलता की गारंटी नहीं होती है।
2. एग्जाम के बाद बच्चों से बहुत ज्यादा सवाल-जवाब नहीं करना चाहिए
ये देखा गया है की ज्यादातर पेरेंट्स एग्जाम के बाद बच्चों से प्रश्नपत्र से जुड़े सवालों के बहुत ज्यादा सवाल-जवाब करने लगते हैं। इसकी वजह से बच्चे की मानसिकता पर असर पड़ता है। एग्जाम के बाद पेपर के बारे में सामान्य डिस्कशन करना चाहिए लेकिन बहुत ज्यादा सवाल जवाब उनके लिए हानिकारक हो सकता है। इसका सीधा असर बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है और हो सकता है की इसकी वजह से बच्चे का अगला पेपर बेकार चला जाए।
3. एग्जाम के बाद बच्चे की दूसरे से तुलना न करें
भारतीय पेरेंट्स अक्सर बच्चों की तुलना दूसरों के बच्चों से करते हैं। एग्जाम के बाद भी अगर आप बच्चों पर लगातार अच्छे नंबर लाने का दबाव बनाते हैं और उसकी तुलना दूसरों से करते हैं तो इसकी वजह से बच्चे का स्ट्रेस बढ़ जाता है। ये सब करने के बजे अगर आप बच्चे को आगे की पढ़ाई या एक्टिविटी के लिए प्रेरित करते हैं तो फायदेमंद होगा।
4. पढ़ाई के बाद बच्चों को ब्रेक जरूर दें
पढ़ाई के बाद बच्चों को नियमित रूप से ब्रेक जरूर देना चाहिए। एग्जाम के बाद आप उन्हें उनकी पसंदीदा जगहों पर घुमाने ले जा सकते हैं। इसके अलावा अगर आपका कहीं बाहर जाने का प्लान है तो वो भी बच्चों के साथ जरूर पूरा करें। एग्जाम के बाद कुछ समय के लिए बच्चों ओ एक्स्ट्रा एक्टिविटी की तरफ ले जाएं।
5. वास्तविक रहें
पेरेंट्स अगर नियमित रूप से अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देते हैं तो उन्हें बच्चों की प्रोग्रेस के बारे में जानकारी जरूर होगी। इसलिए एग्जाम के बाद रिजल्ट आने के समय में आपको हमेशा रियलिस्टिक होना चाहिए। बच्चों की क्षमता के आधार पर ही उनसे अपेक्षा करें।
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ऊपर बताई गयी बातों का ध्यान रखकर आप बच्चों में पोस्ट एग्जाम स्ट्रेस को दूर या कम कर सकते हैं। हमेशा याद रखें ज्यादा नंबर सफलता की गारंटी नहीं होते हैं इसलिए बच्चों पर दबाव न बनाएं।
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