थायरायड ग्रंथि का काम चयापचय को नियंत्रित करना होता है। यह शरीर के हर अंग की प्रणाली को प्रभावित करती है। यह ग्रंथि गले के अंदर होती है और पीयूषिका ग्रंथि (पिट्यूट्री ग्रंथि) जो मस्तिष्क के आधार में स्थित होती है, के द्वारा नियमित की जाती है। थायरायड ग्रंथि दो हार्मोन टी- 3, ट्राईआयोडोथायरोनिन, और टी -4, थायरोक्सिन का उत्पादन करती है। इन हार्मोन्स के अनियमित होने से हमारी दिनचर्या पर बुरा असर पड़ता है। थायराइड विकार में ओवरएक्टिव या अण्डरएक्टिव थायराइड शामिल होते हैं। अमेरिका के कोलम्बिया मेडिकल सेंटर का सर्वेक्षण अमेरिका में थायराइड को आम बताता है। इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि हर साल करीब 20 लाख लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। असंतुलित थायराइड को निम्न चरणबद्ध तरीकों से दूर किया जा सकता है।
प्रथम चरण
सबसे पहले शारीरिक और रक्त की जांच कराएं। थायराइड का निदान होने के बाद थायराइड के असंतुलन को नियंत्रित किया जा सकता है। अपने चिकित्सक से कोई बात न छुपाएं, उसे पूरी व सही जानकारी दें। भिन्न-भिन्न प्रकार के थायराइड विकार में अलग-अलग लक्षण जैसे गर्मी या ठंड के प्रति अधिक संवेदनशीलता, बिना कारण वजन बढ़ना या घटना और थकान आदि होते हैं। यदि किसी अन्य थायराइड की आशंका होती है तो अतिरिक्त परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है।
दूसरा चरण
चिकित्सक द्वारा बताई गयी सभी दवाओं को ठीक प्रकार व ठीक समय पर लीजिए। थायराइड नियंत्रित करने के लिए दवाएं सही समय पर लेना बेहद जरूरी है। हाइपोथायरायडिज्म में शरीर में थायराइड हॉर्मोन कम मात्रा में बनता है। इस परिस्थिति में ऐसी दवाओं की जरूरत होती है, जो आपके शरीर में थायराइड हार्मोन का उत्पादन बढ़ा सकें। हाइपरथायरायडिज़्म इसके विपरीत होता है। इसमें थायराइड हार्मोन आवश्यकता से अधिक बनने लगता है। ऐसी स्थिति में थायरॉयड ग्रंथि को बहुत ज्यादा हार्मोन के उत्पादन से रोकने के लिए एन्टी-थायराइड दवाओं का उपयोग किया जाता है। कुछ मामलों में तो निदान के बाद भी थायराइड संबंधित दवाओं को जीवन भर लेने की ज़रूरत पड़ती है।
तीसरा चरण
आवश्यक विटामिन और खनिज युक्त खाद्य पदार्थों के साथ साथ एक अच्छा और संतुलित आहार लें। नियमित तौर पर खनिज युक्त पदार्थों का सेवन करने से थायराइड को संतुलित करने में आसानी होती है। चिकित्सा उपचार के अलावा खानपान का भी थायराइड को नियंत्रित में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भोजन में विटामिन का होना बहुत जरूरी होता है। विटामिन शरीर के लिए आवश्यक हैं। हरी सब्जियां, गहरे रंग के फल, चिकन या मछली तथा साबुत अनाज आदि खाद्य पदार्थों के माध्यम से आपके शरीर को विटामिन-ए, सी, डी, के और ई साथ ही विटामिन-बी आवश्यकता अनुसार मिल जाते हैं। इसके अतिरिक्त, इन खाद्य पदार्थों के जरिये आयरन, जिंक, सेलेनियम और आयोडीन जैसे खनिजों की पूर्ति हो जाती है। खाद्य पदार्थ से प्राप्त विटामिन और खनिज आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए ऊर्जा, वसा और प्रोटीन के चयापचय और एंटीऑक्सीडेंट की आपूर्ति करने का काम करते हैं।
चौथा चरण
अपनी भूख और ऊर्जा के स्तर को ठीक बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें। हार्मोन फाउंडेशन के अनुसार, नियमित व्यायाम, थायराइड स्वास्थ्य को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण घटक होता है। इसकी शुरुआत रोज बीस मिनट की सैर करने से करें। आप जिम जा सकते हैं या फिर साइकलिंग या तैराकी जैसे व्यायाम के तरीके आपना सकते हैं।
पांचवां चरण
पर्याप्त नींद शरीर की प्रणाली को ताजा रखने के साथ थायराइड के स्तर को भी सामान्य रकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। औसतन एक दिन में सात से आठ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। इससे शरीर को बेहतर तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिलती है।
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