
एक अध्ययन के अनुसार, थर्ड हैंड स्मोकिंग से किसी भी व्यक्ति की डीएनए संरचना को नुकसान पहुंच सकता है।
अब तक धूम्रपान और सेकेंड हैंड स्मोकिंग के खतरों के बारे में ही ज्यादा पढ़ा-सुना गया। अब एक नये अध्ययन में शोधकर्ताओं ने थर्ड हैंड स्मोकिंग के खतरों के बारे में भी आगाह किया है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का यह अध्य्यन बताता है कि थर्ड हैंड स्मोकिंग से इनसान की डीएनए संरचना को नुकसान पहुंच सकता है।
सेकेंड हैंड स्मोरकिंग के खतरे से कई लोग वाकिफ हैं। लेकिन थर्ड हैंड स्मोकिंग को लेकर अधिकतर लोग अनजान हैं। इससे वे आसानी से इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि सिगरेट पीने के दौरान उससे निकलने वाला जहरीला पदार्थ आसपास की सतह से चिपक जाता है। खासतौर से फर्नीचर और कपड़ों पर। जब लोग इन चीजों के संपर्क में आते हैं, तो यह जहरीला तत्व त्वचा के स्पेर्श और सांसों के माध्यम से उनके अंदर प्रवेश कर जाते हैं। इससे शरीर की अनुवांशिक संरचना को नुकसान पहुंचता है। इससे आने वाली पीढि़यां भी प्रभावित हो सकती हैं।
थर्ड हैंड स्मोकिंग का सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को होता है क्योंकि वे हाथ और घुटनों के बल जमीन पर चलते हैं।
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