
हाई ब्लड प्रेशर सुनने में जितनी छोटी बीमारी लगती है असल में उतनी बड़ी और गंभीर भी है। हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण लोगों को तब समझ आते हैं जब यह रोग बेकाबू हो जाता है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि एक लाइफस्टाइल से संबंधित रोग है। अगर दिनचर्या पर काबू किया जाए और इसे व्यवस्थित किया जाए तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचा जा सकता है। इस रोग के प्रचंड होने पर ब्रेन हेमरेज, दिल संबंधी रोग, पैरालिसिस और याददाशत में कमी की दिक्कत हो सकती है। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि खानपान को सही कर के भी इस रोग से बचा जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जो हाई बीपी में बहुत फायदेमंद हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के लिए फूड्स
- पालक और हरी पत्तेदार सब्जि़यों में आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बढ़े हुए ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार साबित होते हैं।
- लोबिया, सोयाबीन और राजमा जैसी फलियों (बीन्स) में घुलनशील फाइबर सहित पोटेशियम और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसलिए इनका सेवन ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने के साथ दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित होता है।
- शरीर में रक्त प्रवाह को संतुलित बनाए रखने में पोटैशियम और सोडियम का सेवन ज़रूरी होता है। अत: जिन लोगों को डायबिटीज़ की समस्या नहीं है, उनके लिए उबले आलू का सेवन भी फायदेमंद होता है।
- अगर डायबिटीज़ की समस्या न हो तो रोज़ाना सुबह नाश्ते के साथ पोटैशियम से भरपूर केले का सेवन ब्लडप्रेशर को संतुलित बनाए रखने का सबसे आसान उपाय है।

- लहसुन में ऐसे कोलेस्ट्रॉलरोधी तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लडप्रेशर को संतुलित रखते हैं।
- ग्रीन टी का नियमित सेवन भी हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखता है।
- दूध में मौज़ूद विटमिन डी बढ़े हुए रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार होता है, पर वसा की अधिकता कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा सकती है। इसलिए फुल क्रीम के बजाय हमेशा लो फैट मिल्क का सेवन करना चाहिए।
- दही में कोलेस्ट्रॉल और फैट की मात्रा नहीं के बराबर होती है। इसलिए इसका नियमित सेवन भी ब्लडप्रेशर का संतुलन बनाए रखता है।
- अखरोट और बादाम हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने के साथ वज़न कम करने में भी मददगार होते हैं।
ये हैं हाई बीपी से बचाव
- नियमित रूप से बीपी चेक कराएं।
- स्मोकिंग और एल्कोहॉल से दूर रहें।
- ज्य़ादा घी-तेल से बनी चीज़ों, नॉनवेज, जंक फूड, चॉकलेट, केक-पेस्ट्री और मिठाइयों का सेवन सीमित मात्रा में करें। ज्य़ादा शुगर भी बीपी बढ़ा देता है।
- पूरे दिन में 5 ग्राम से ज्य़ादा नमक का सेवन न करें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज़ और मॉर्निंग वॉक करें।

- संयमित खानपान और नियमित एक्सरसाइज़ से बढ़ते वज़न को नियंत्रित रखें।
- अगर स्लीप एप्निया यानी अनिद्रा की समस्या हो तो जल्द से जल्द इसका उपचार कराएं क्योंकि ऐसे लोगों पर हाई बीपी की दवाओं का असर बहुत देर से होता है।
- चाय-कॉफी से दूर रहने की कोशिश करें।
- अगर आपकी फेमिली हिस्ट्री रही हो तो 50 साल की उम्र के बाद बिना किसी लक्षण के भी साल में एक बार जनरल फिजि़शियन से अपना रुटीन चेकअप ज़रूर करवाएं।
- प्रतिदिन आठ घंटे की नींद लें।
- हाई ब्लडप्रेशर के मरीज़ों को सर्दी के मौसम में नियमित रूप से अपना ब्लडप्रेशर चेक करना चाहिए क्योंकि इस मौसम में ठंड का सामना करने के लिए शरीर का मेटाबॉलिक रेट स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में हार्ट को ज्य़ादा मेहनत करनी पड़ती है और इससे व्यक्ति का ब्लडप्रेशर भी बढ़ जाता है।
- हाई बीपी के मरीज़ों को हर दो महीने के अंतराल पर डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।
- उच्च रक्तचाप के मरीज़ों के लिए ईको टेस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड और यूरिन की जांच भी ज़रूरी है।
- तनाव और गुस्सा पैदा करने वाली स्थितियों से बचने की कोशिश करें। इससे ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है।
- उच्च रक्तचाप की समस्या से पीडि़त लोगों के लिए दवा का नियमित सेवन बहुत ज़रूरी है।
- कुछ लोगों को यह गलतफहमी होती है कि दवा की वजह से साइड इफेक्ट हो सकता है। इसलिए वे बीच में ही दवा छोड़ देते हैं, ऐसा करना कई परेशानियों की वजह बन सकता है। इसलिए नियमित रूप से अपनी दवाओं का सेवन करें।

- इंटरनेट और मोबाइल के नए एप्लीकेशंस के साथ ज्य़ादा वक्त बिताना भी हाई ब्लडप्रेशर का प्रमुख कारण है, क्योंकि इससे व्यक्ति की नियमित दिनचर्या में बाधा पहुंचती है। इसलिए इन चीज़ों के साथ उतना ही वक्त बिताएं, जितना कि बहुत ज़रूरी हो।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Healthy Eating In Hindi