कंधे से जुड़ी रोटेटर कफ की परेशानी ज्यादातर टेनिस, फुटबॉल प्लेयर, स्वीमर और पहलवानों को हो सकती है। गंभीर डायबिटीज के मरीजों में भी इसके मामले देखे जाते हैं। 'रोटेटर कफ' कंधों के जॉइंट्स को हाथ से जोडऩे वाली चार मांसपेशियों (सुपरास्पिनेटस, इंफ्रास्पिनेटस, टेरेस माइनर और सब्सकैपुलरिस) के क्षतिग्रस्त होने पर होती है। जानें इसका कारण व इलाज
कारण खेल के दौरान गोल करते हुए जोड़ों में खिंचाव, कंधे के बल गिरना, हाथ का गलत दिशा में मुडऩा, अधिक वजन उठाते समय कंधे पर दबाव मुख्य कारण हैं। इस दौरान अचानक खिंचाव से कंधे की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। ऐसे व्यवसाय जिनमें कंधे के जोड़ों का अधिक प्रयोग हो जैसे पेंटर को भी यह समस्या होती है। डायबिटिज के मरीजों में अक्सर मांसपेशियों में सूजन या दर्द की समस्या रहती है। जिससे इनकी मसल्स में हल्का खिंचाव भी परेशानी को बढ़ाता है।
इसे भी पढ़ेंः '1' डली गुड़ और थोड़े से चने रोजाना खाएं, जोड़ों के दर्द से निजात पाएं
रोटेटर कफ के लक्षण, इलाज और सावधानियां
हाथ को ऊपर या पीछे लाने पर तेज दर्द, सूजन, सोते समय करवट लेने पर दर्द मुख्य लक्षण हैं। दिनचर्या से जुड़े काम जिसमें कंधे के जोड़ों का मूवमेंट जरूरी है, करते समय दर्द होना।
पेन मैनेजमेंट दर्द व सूजन कम करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं या स्टेरॉयड इंजेक्शन देते हैं। यदि प्लेयर के पास इलाज के लिए 30 दिन से कम का समय है तो स्टेरॉयड इंजेक्शन के बजाय पेनकिलर देते हैं। ऐसे में इस इंजेक्शन से खिलाड़ी का डोपिंग टैस्ट पॉजिटिव आ सकता है।
कंधे से व्यायाम करते रहें खिलाड़ी या कंधे के जोड़ों का अधिक प्रयोग करने वाले लगातार काम न करें। कोशिश करें कि हर दो घंटे में 10-15 मिनट का ब्रेक लें। कंधे से जुड़े व्यायाम रेगुलर करें। स्टे्रचिंग एक्सरसाइज इस इंजरी में फायदेमंद है। अचानक दर्द होने पर कपड़े में बर्फ रखकर प्रभावित हिस्से की 10-15 मिनट तक सिंकाई करें।
इसे भी पढ़ेंः टखनों के दर्द से निजात दिलाए मिर्च से बनी ये 1 गोली
ऐसे हो सकते हैं टेस्ट और सर्जरी
एंथ्रोस्कोपी कंधे के जोड़ों में पांच माह से लगातार दर्द हो तो क्षतिग्रस्त मसल्स व दर्द की स्थिति के अनुसार एंथ्रोस्कोपी करते हैं। जिसमें मसल्स के प्रभावित हिस्से को रिपेयर करते हैं। इसके बाद करीब २०-२२ दिन मरीज को देखरेख में रखकर कुछ व्यायाम कराते हैं व दवाएं देते हैं।
ज्यादातर मामलों का फिजिकल चेकअप कर लक्षणों के आधार पर इलाज करते हैं। इसके अलावा मस्क्युलर स्केलेटल अल्ट्रासाउंड और एमआरआई से क्षतिग्रस्त मांसपेशी का पता लगाते हैं।
दर्द कम होने के बाद मसल्स स्ट्रेचिंग व स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज कराते हैं। इंजरी से जो मांसपेशी जुड़ी हैं उसके अनुसार व्यायाम कराते हैं। इससे क्षतिग्रस्त मांसपेशी रिपेयर होती है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Pain Management Articles In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version