हम सभी को कभी न कभी अजीब सा महसूस होता है। किसी रात ज्यादा खा लेने या पूरे दिन बेहिसाब खाना खाने के बाद हमारे पेट में गुड-गुडाहट जैसा महसूस होता है और पूरा शरीर इस कारण परेशान रहता है। इस तरह की स्थिति होने पर हम सीधा कैमिस्ट के पास जाते हैं और हमारा सामना दवाईयों से होता है। पेट में होने वाली बदहजमी से आप राहत पाने के लिए दवाईयों का सहारा लेते हैं ऐसे में हम आपके ऐसे कुछ सुझाव बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं और दवाईयों को न कह सकते हैं।
अपने पास कुछ च्यूइंग गम रखें
कुछ अध्ययनों में कहा गया कि खाने के बाद च्यूइंग गम खाने से आपको बदहजमी पर नियंत्रण में मदद मिल सकती है। हालांकि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि च्यूइंग गम खाने से वास्तव में पेट में गैस की समस्या कम होती है लेकिन निश्चित रूप से यह इस पर लगाम लगाने में मददगार साबित हो सकता है। च्यूइंग गम खाने से अधिक लार बनती है और इसलिए स्टमक एसिड से भोजन-नलिका साफ हो जाती है। बाइकार्बोनेट वाली शुगर फ्री च्यूइंग गम की विशेष रूप से सलाह दी जाती है।
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अपने खाने से कच्चे प्याज को दूर करें
एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, जो लोग गैस की समस्या से परेशान हैं उन्हें खाना खाते वक्त कच्चा प्याज नहीं खाना चाहिए क्योंकि प्याज में फर्मेंटेबल फाइबर की अधिक मात्रा होती है, जिससे पेट में अधिक गैस बनती है। इससे बदहजमी, डकार और सीने में जलन जैसा महसूस होता है। अब वक्त आ गया है कि आप देखें कि आपके खाने में कच्चे प्याज से आपको क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं।
सोने से 3 घंटे पहले करें भोजन
ऐसा करना थोड़ा मुश्किल दिखाई देता है , विशेषकर अगर आप देर से सोने वाले व्यक्ति हैं तो लेकिन यह बहुत जरूरी है। ओसाका सिटी विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक जो लोग गैस की समस्या से परेशान रहते हैं उनमें खाने और सोने के बीच का समय अंतर बहुत ही कम रहता है।
अपनी दाईं ओर सोने से बचें
फिलाडेल्फिया स्थित जेफरसन मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपाटोलॉजी विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन में गैस की समस्या से पीड़ित लोगों के सोने के तरीके और इस समस्या के लक्षणों के बीच समानताएं रेखांकित की हैं। अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि जब आप अपनी दाहिनी ओर सोते हैं, तो स्टमक एसिड आपकी भोजन-नलिका के निचले स्पिंक्टर में फैल जाता है, जिससे एसिड रिफलक्स होता है। हालांकि इस संबंध के सटीक कारणों पर अभी सर्वसम्मति नहीं है।
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कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लें
हमने अक्सर हमारी रोजाना की डाइट से कार्बोहाइड्रेट को घटाने के कारणों के बारे में सुना होगा। अगर आप अक्सर एसिड रिफलक्स लक्षणों से जूझते हैं तो वक्त आ गया है खुद को बदलें। पांच लोगों पर कर किए गए एक छोटे से अध्ययन से निष्कर्ष निकला कि कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट वास्तव में एसिड रिफलक्स को घटाने में मदद कर सकती है। ऐसा तब होता है जब हम कार्बोहाइड्रेट को नहीं पचा पाते हैं, जिससे आपके पेट में गैस बनने लगती है।
अगली बार जब भी आपको ऐसा लगे की पेट में गैस बन रही है तो अपनी डाइट चेक करें और उसमें थोड़ा बदलाव कर एक लंबी दौड़ लगाएं।
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