जब भी हमें अपनी स्किन से जुड़ी कोई समस्या होती है तो हम अक्सर टीवी पर दिखने वाली फैंसी बोतलों और उनपर लिखी गई चंद पंक्तियों के दावों को सच मानकर दुकानों पर जाकर उत्पाद खरीद लेते हैं। हमारी इस लालसा को और प्रबल बनाती है उस उत्पाद पर छपी तस्वीरें। उस वक्त हमें यह अहसास नहीं होता कि त्वचा की देखभाल सभी हालात में फिट नहीं बैठती। कभी-कभार इनका असर इसके ठीक विपरीत भी होता है।
आपके लिए क्या असर करेगा क्या नहीं, आपका बजट और अन्य चीजों की उधेड़बुन में हम अक्सर गलत उत्पादों को खरीद बैठते हैं और कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में हम आपके लिए आपकी ब्यूटी से जुड़े पांच मिथों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी सच्चाई जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
मिथः छोटी सी मात्रा का प्रयोग करें
यह मिथ हमारे बालों की देखभाल से शुरू होकर हमारी त्वचा की देखभाल तक के लिए अपना रास्ता बना ही लेता है। कभी-कभार आप टीवी पर कुछ कंपनियों को ह मिथ प्रसारित करते भी देखते हैं। जब आप विज्ञापनों में मामूली सी मात्रा लगाते देख भरपूर निखार व सुंदर त्वचा होती देखते हैं तो आप उस भ्रम में फंस जाते हैं।
जब भी आप संदेह की स्थिति में हो तो बोतल के पीछे लिखी मात्रा से थोड़ा ज्यादा प्रयोग करें क्योंकि हर किसी व्यक्ति के चेहरे का आकार अलग होता है और उसके चेहरे द्वारा सोखी जानी वाली मात्रा भी।
उदाहरण के लिए फेस ऑयल की दो बूंदें संतुलित ऑयली स्किन के लिए बेहद ज्यादा हैं लेकिन जब इसे डिहाइड्रेटेड स्किन पर प्रयोग किया जाएगा तो यह बहुत कम होगी।
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मिथः आपको टोनर की बिल्कुल जरूरत है
मॉस्चराइजर लगाने से पहले अगर आप स्टैंडर्ड टोनर का प्रयोग करते हैं तो वह त्वचा पर जमा अत्याधित धूल और तेल को हटाता है। ब्रांड पर निर्भर होने के नाते वह आपकी त्वचा को चमक और नरम बनाने में मदद का वादा करते हैं।
जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि टोनर केवल आपके ब्यूटी रूटिन में सहायता कर सकता है, और हर किसी को इसकी जरूरत नहीं है। बहुत से उत्पादों का प्रयोग आपकी त्वचा को खराब कर सकता है। अगर आप टोनर का प्रयोग करते हैं आप अपने टोनर की अन्य उत्पादों से तुलना करें।
मिथः मेकअप हटाने का सबसे अच्छा तरीका मेकअप वाइप्स
अगर आपको हाइपर पिग्मेंटेशन का खतरा है, तो मेकअप वाइप्स वास्तव में रगड़ का कारण बन सकता है और अगर आप रोजाना इनका इस्तेमाल करते हैं तो धीरे-धीरे आपकी त्वचा हार्श हो सकती है। इसके अलावा बहुत सारे मेकअप वाइप्स में अल्कोहल होता है, जो संवेदनशील त्वचा के लिए चुभन का कारण बन सकता है।
अगर आप मेकअप वाइप्स का उपयोग करना चाहते हैं उनका उपयोग सीमित करने का प्रयास करें।
मिथः कोई उत्पाद कितना अच्छा काम करता है यह उसका मूल्य बताता है
कभी-कभी एक साधारण उत्पाद जिसकी कीमत कम होती है वह हमारी त्वचा के लिए अच्छे साबित होते हैं जबिक कुछ उत्पादों में सामग्री कम होती है और उसकी कीमत अधिक होती है। ऐसी धारणा रही है कि हर महंगी चीज हमारी सेहत व त्वचा के लिए फायदेमंद होती है जबकि ऐसा नहीं है। चूंकि बाजार में कई कंपनियां है और इस प्रतिस्पर्धी दौर में हर कंपनी अपना सामान बेचने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है इसलिए उत्पादों का मिलान करना बहुत जरूरी है।
एक बड़ी कंपनी वहीं सामान अधिक कीमत पर बेच रही है और दूसरी कंपनी कम कीमत पर वह उत्पाद बेच रही है तो यह मत समझिए की कम कीमत वाला उत्पाद खराब या कम प्रभावकारी होगा। इसलिए किसी भी सामान को खरीदने से पहले उसके पीछे लिखी सामग्री को पढ़िए।
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मिथः अपने चेहरे को अपने हाथों से नहीं छुएं
त्वचा से जुड़े मिथ कहीं से भी आ सकते हैं विशेषकर किसी के भी मुंह से। आपने अक्सर सुना होगा कि मुंहासों को रोकने के लिए अपने चेहरे को छूना बंद करें लेकिन इन्हें दूर करने के लिए छूना ही एकमात्र रास्ता है।
त्वचा विशेषज्ञ कहते हैं कि फोन पर स्क्रॉल करने और फिर बाद में मेरे चेहरे को छूने से यह समस्या बढ़ सकती है। जाहिर तौर पर टॉयलेट सीट से अधिक बैक्टीरिया हमारे फोन पर जमा होते हैं। दरअसल इसकी वजह हमारे नाखून हैं, जिनसे अधिकतर बीमारियां फैलती हैं। लंबे नाखूनों में गंद ज्यादा जमा होता है और अगर उसमें बैक्टीरिया है तो यह आपके चेहरे पर फैल सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है।
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