दोपहर के समय भूख लगना अक्सर लोगों के लिए सामान्य सी बात लगती है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। रिसर्च का मानना है कि भूख और तनाव का आपस में संबंध है, लेकिन ऐसा क्यों होता है इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं है। ऐसा भी देखा गया है कि भूख और तनाव का संबध सप्ताहांत की तुलना में सप्ताह के शुरूआती दिनों में ज्यादा होता है। स्नैक्स के सेवन के बाद दूर होता है तनाव। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं है बशर्ते स्नैक्स की मात्रा कम हो।
क्या है स्ट्रेस ईटिंग
कई बार जब कोई व्यक्ति अत्यधिक तनाव में होता है तो उसे खाने की तीव्र इच्छा होती है। यह स्ट्रेस ईटिंग उन लोगों में ज्यादा होती है, जो जल्दी से जल्दी तनाव से बाहर आना चाहते हैं। यह आदत बहुत नुकसानदेह है, क्योंकि अत्यधिक तनाव के समय बिना सोचे-समझें खाने से थोड़ी देर के लिए शरीर को ऊर्जा मिल जाती है, लेकिन शरीर पर इसके हानिकारक प्रभाव होते हैं। इसलिए जरूरी है कि तनाव के समय ओवर ईटिंग से बचा जाए।
क्यों फायदा करता है स्नैक्स
स्नैक्स में शामिल सोडियम तनाव को हटाने में काफी असरदार है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सोडियम प्यास को बढ़ाता है, जिससे स्वास्थ्य को फायदा होता है, क्योंकि इससे शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। अध्ययन की मानें तो इसमें सोडियम का ऊंचा स्तर तनाव पैदा करने वाले हार्मोंस को रोककर तनाव को कम करता है। ये हार्मोंस हाइपोथैलेमिक पिट्यूटरी एड्रिनॉल (एचपीए) अक्ष में स्थित होते हैं और तनाव की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। सोडियम के इस प्रभाव को शोधकर्ताओं ने वाटरिंग हॉल इफेक्ट नाम दिया है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं मैक्रोन्यूट्रिएंट्स
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को मैक्रोन्युट्रिएंट्स कहते हैं। ये शरीर के लिए ऊर्जा के मुख्य स्रोत भी हैं तथा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत जरूरी भी। सामान्यतया वसा को स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदेह माना जाता है, लेकिन सच तो यह है कि मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर की कार्यप्रणाली के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। मस्तिष्क में चौबीसों घंटे सेरेटोनिन, डोपामाइन, नोरेपिनेफरीन का निर्माण होता रहता है। इसके लिए भी वसा का सेवन करना जरूरी है।
![दोपहर में स्नैक्स Snacks in Afternoon]()
अन्य फायदे
प्रोटीन हमारी त्वचा, अंगों, मांसपेशियों, हार्मोन, एंजाइम और इम्यून तंत्र के लिए आवश्यक है, लेकिन हालिया शोधों से पता चला है कि प्रोटीन से मस्तिष्क को अमीनो एसिड ट्रिपटोफान मिलता है, जो मूड भी ठीक करता है। प्रोटीन मस्तिष्क के रसायनों डोपामाइन और नोरेपिनेफरीन के लिए भी जरूरी है, जो अलर्टनेस और कॉन्सन्ट्रेशन बढ़ाते हैं। कार्बोहाइड्रेट सेरिटोनिन के लिए जरूरी है, जो दिमाग को शांत रखता है। इसलिए बिना सोचे समझे डाइटिंग न करें, क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदेह है।
हालांकि भूख और तनाव के बीच के संबध की अभी तक पुष्टि नहीं की गई है। फिर भी दोनो में सबंध के संकेत होते है।