
डायबिटीज कहने सुनने में जितनी सामान्य बीमारी लगती है, वास्तविकता में यह उतनी ही गंभीर बीमारी है। यह अपने साथ कई अन्य बीमारियां लेकर आती है। डायबिटीज के कारण आपको कई स्वास्थ्यगत समस्यायें हो सकती हैं।
डायबिटीज से कई स्वास्थ्य समस्यायें हो सकती हैं। टाइप टू डायबिटीज का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। यह प्रभाव लंबे समय और कई बार जीवन पर्यंत बने रहते हैं। टाइप टू डायबिटीज से होने वाली अधिकतर समस्यायें धमनियों और तंत्रिका प्रणाली पर असर डालती हैं।
भारत में यह बीमारी महामारी का रूप ले चुकी है। दुनिया भर में होने वाले डायबिटीज के मामलों में अधिकतर मामले टाइप-2 डायबिटीज के होते हैं। टाइप वन डायबिटीज के अधिकतर मामले बच्चों में देखे जाते हैं।
टाइप टू डायबिटीज छोटी और बड़ी दोनों प्रकार की धमनियों को नुकसान पहुंचाती है। धमनियों को नुकसान पहुंचने से हमें कई स्वास्थ्यगत समस्यायें हो सकती हैं, जो सामान्य तो हैं, लेकिन हैं बहुत खतरनाक।
हृदय रोग का खतरा
टाइप टू डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों को हृदय रोग से मरने का खतरा, बिना डायबिटीज ग्रस्त मरीज के मुकाबले दो से चार गुना तक अधिक होता है। एक मध्यम उम्र के डायबिटीज मरीज को हृदयाघात होने का खतरा उतना ही होता है, जितना कि ऐसे सामान्य व्यक्ति को जिसे पहले से हृदयाघात हो चुका है। उनकी हृदयाघात से मृत्यु होने की आशंका भी अधिक होती है और साथ ही दोबारा हार्ट अटैक आने का खतरा भी अधिक होता है।
स्ट्रोक
टाइप टू डायबिटीज के मरीज को स्ट्रोक का खतरा भी काफी अधिक होता है। जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है उन्हें डायबिटीज के मरीजों के मुकाबले स्ट्रोक होने का खतरा दो से चार गुना तक कम होता है।
अंग-विच्छेदन
अमेरिका में जितने भी लोगों को किसी वजह से शरीर के किसी अंग से हाथ धोना पड़ता है, उनमें से आधे मामले डायबिटीज से जुड़े होते हैं। आमतौर पर यह विच्छेदन इस कारण होता है कि टांगों को रक्त पहुंचाने वाली नस क्षतिग्रस्त हो जाती है। इस नस में रक्त का सुचारू प्रवाह नहीं होना धमनियों को तो नुकसान पहुंचाता ही है साथ ही साथ त्वचा को भी संक्रमित करता है।
किडनी रोग
डायबिटीज का हमारी किडनी पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। एक अनुमान के अनुसार किडनी फेल होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। किडनी डायलसिस लेने की जरूरत वाले लोगों में 40 फीसदी डायबिटीज के मरीज होते हैं। टाइप टू डायबिटीज के मरीजों में से केवल चार से छह फीसदी ही डायलसिस तक पहुंचते हैं, जबकि 20 से 30 फीसदी की किडनी को किसी न किसी प्रकार का नुकसान जरूरत होता है।
आंखों को नुकसान
डायबिटीज का सबसे बुरा असर हमारी आंखों पर पड़ता है। डायबिटीज रेटिना में मौजूद छोटी रक्तवाहिनियों को चोटिल कर देती हैं, जिसका असर हमारी दृष्टि पर पड़ता है। यह अंधेपन का सबसे सामान्य कारण माना जाता है। कई बार इसकी शुरुआत कम उम्र (कुछ मामलों में 20 वर्ष भी) में हो जाती है और कुछ मामलों में अधिक उम्र में इसका असर नजर आता है।
धमनियों की समस्यायें
टाइप 2 डायबिटीज धमनियों की समस्या आम देखी जाती है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर डायबिटीज से धमनियों को क्यों नुकसान पहुंचता है। इसका सामान्य जवाब यह है कि डायटिबीज आमतौर पर अपने साथ कई ऐसी बीमारियां लेकर आती है, जो हमारे हृदय और धमनियों को नुकसान पहुंचाती है। डायबिटीज ग्रस्त व्यक्तियों को रक्तचाप, मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रोल होने का खतरा सामान्य लोगों से अधिक होता है।
जब किसी व्यक्ति में हृदय और धमनियों के रोग एक साथ नजर आते हैं, जो इससे स्वास्थ्य को काफी गंभीर खतरा होता है। ऐसी परिस्थिति को मेटाबॉलिक सिंड्रोम कहा जाता है। अगर आप मेटाबॉलिक सिंड्रोम का सही और पर्याप्त इलाज करवायें और अपनी जीवनशैली को संयमित रखें, तो आप हृदय रोग के साथ ही धमनियों के नुकसान से होने वाली कई संभावित बीमारियों से बच सकते हैं।
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