
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों का अकड़न दूर होती है, साथ ही इसे नियमित करने पर जोड़ों व मांसपेशियों की सक्रियता और गतिशीलता बनी रहती है।
स्ट्रेचिंग का मतलब होता है मांसपेशियों को खींचना। स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों का अकड़न दूर होती है, साथ ही इसे नियमित करने पर जोड़ों व मांसपेशियों की सक्रियता और गतिशीलता बनी रहती है। स्ट्रेचिंग एक्सरासाइज का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। सामान्य वार्मअप और एक्सरसाइज के बाद स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए। इसे सही प्रकार से करने पर मांसपेशियों को आराम मिलता है और उनका तनाव दूर होता है। तो चलिये जानें स्ट्रेचिंग का क्या महत्व है और स्ट्रेचिंग करने में मददगार एक्सरसाइज कौन-कौन से हैं।
फिटनेस बढ़ाए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी दौर में उम्र बढ़ने व काम के दबाव के चलते स्वास्थ्य जल्द बिगड़ने लगता है। ऐसे में शरीर को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज करना समय की कमी के कारण और भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन यदि आप थोड़ा सा समय स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के लिए निकालें तो शरीर की जकड़न से राहत पाई जा सकती है। स्ट्रेचिंग करने से सर्वाइकल, कमर दर्द, घुटनों में दर्द और जोड़ों में दर्द आदि समस्याओं से काफी हद तक राहत मिलती है। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और कम से कम 20 मिनट की ब्रिस्ट वॉक करने से आप शरीर को हल्का और दिमाग को तनाव मुक्त कर सकते हैं। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज सुबह घर, पार्क या जिम में भी की जा सकती है।
सही प्रकार से करें स्ट्रेचिंग
सही स्ट्रेचिंग जहां शरीर को पूरा लाभ देती है, वहीं एक भी गलत मूव आपकी मांसपेशियों को हर्ट कर सकती है। स्ट्रेचिंग प्रारंभ करने से पूर्व वार्म अप करना न भूलें। विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप सही स्ट्रेचिंग कर रहे हैं तो इससे आपके पोस्चर और शरीर को पूरे लचीलेपन का लाभ मिलता है। ध्यान रखें कि स्ट्रेचिंग करते समय आपके शरीर को कोई नुकसान न हो। अगर स्ट्रेचिंग करने से पूर्व वार्म अप करते हैं तो आपकी मांसपेशियां चुस्त हो जाती हैं, खून का दौरा कुछ बढ़ जाता है और स्ट्रेचिंग आप तेज गति से कर सकते हैं। 7 से 10 मिनट तक वार्म अप एक्सरसाइज करें। कभी भी सीधे स्ट्रेचिंग करना प्रारंभ न करें। कोई भी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करते हुए पूर्ण अवस्था में 15 से 20 सेकेंड तक रुके, फिर धीरे-धीरे वापस नार्मल अवस्था में आकर आधा मिनट विश्राम कर 5 बार इस क्रिया को दोहराएं। कभी भी शरीर को जबर्दस्ती स्ट्रेच न करें।
जॉइंट्स के लिए स्ट्रेचिंग
इसमें जॉइंट्स को क्रमशः तीन डायरेक्शंस में घुमाया जाना होता है, क्लॉकवाइज/एंटीक्लॉकवाइज, अपवर्ड/डाउनवर्ड और साइड में। स्ट्रेचिंग करने में गर्दन से शुरुआत करते हुए कंधों, कलाई, छाती, कमर और फिर घुटनों व टखनों तक जाना होता है। यदि आपको किसी प्रकार की बैक प्रॉब्लम है, तो आगे की ओर ज्यादा नहीं झुकना चाहिए और न ही कमर पर बहुत ज्यादा जोर डालने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए।
गर्दन के लिए स्ट्रेच एक्सरसाइज
यह स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज अकड़ी हुई और मोच वाली गर्दन के लिए बहुत लाभदायक होती है। इससे गर्दन का तनाव कम होता है और हाथ और गर्दन को लचीलापन मिलता है। इसे करने के लिए बिल्कुल सीधे खड़े हों जाएं, फिर सांस खीचें, और छोड़े और छोड़ने पर सीधे कान को सीधे कंधे पर झुकाएं लेकिन कंधे को नही उठाएं। अब 4 से 5 बार सांस को खीचें और छोड़ें, इसके बाद उलटे गाल में पड़ने वाले स्ट्रेच को महसूस करें। अब अपनी गर्दन और रीढ़ को हल्के से खींचें और फिर धीरे से सिर को सही दिशा में लाएं और दूसरी ओर से भी इसे करें। आप कंधे और चेस्ट के लिए भी स्ट्रेच करें।
Read More Article On Exercise & Fitness In Hindi.
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।