तनाव और चिड़चिड़ापन हैं माइग्रेन के लक्षण

आजकल माइग्रेन की समस्‍या आम हो गई है। यह सिर में एक तरफ या दोनों तरफ होने वाला दर्द है, जिसमें रोगी को काफी परेशानी होती है। इसके लक्षणों के बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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तनाव और चिड़चिड़ापन हैं माइग्रेन के लक्षण


माइग्रेन आमतौर पर सिर में एक तरफ होने वाला दर्द है। कई बार यह सिर में दोनों तरफ भी हो जाता है। माइग्रेन में सिर दर्द के साथ ही मितली आने और भूख कम लगने की समस्‍या भी होती है।

माइग्रेन के लक्षण
इसमें रोगी के सिर में भयानक दर्द होता है। रोगी को ऐसा महसूस होता है़ जैसे हथोड़े से सिर पर चोट मारी जा रही है। यह दर्द सुबह और शाम के समय ज्‍यादा होता है, दिन में व्‍यक्ति सामान्‍य महसूस करता है। दर्द का कोई निश्‍चित समय नहीं होता। यह हफ्ते में दो से तीन बार और साल में दो बार भी सकता है।

करीब तीन करोड़ अमेरिकी माइग्रेन की समस्‍या से ग्रस्‍त हैं। अमेरिका में यह 25 से 55 वर्ष की उम्र के लोगों में होने वाली आम समस्‍या है। यहां पर 20 फीसदी लोग जीवन में किसी न किसी समय माइग्रेन को महसूस करते हैं। पुरुषों के मुकाबले माइग्रेन की समस्‍या महिलाओं में ज्‍यादा होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पांच में से एक महिला को माइग्रेन की समस्‍या होती है। वहीं 16 में से एक पुरुष माइग्रेन से ग्रस्‍त होता है।

माइग्रेन में होने वाला दर्द इतना भयानक होता है कि यह सिर को झकझोर देता है। दर्द से सिर पर पड़ने वाले असर से मितली की समस्‍या होती है और नजर पर भी असर पड़ता है। कई माइग्रेन गंभीर होते हैं, लेकिन सभी गंभीर सिर दर्द माइग्रेन नहीं होते और कुछ माइग्रेन हल्‍के भी हो सकते हैं। माइग्रेन की समस्‍या बचपन या किशोरावस्‍था में भी हो सकती है। इस लेख के जरिए हम आपको बताते हैं माइग्रेन के लक्षणों के बारे में।

माइग्रेन के लक्षण

माइग्रेन की शुरुआत बचपन, किशोरावस्था या वयस्क होने पर कभी भी हो सकती है। इससे ग्रस्‍त व्‍यक्ति की दृष्टि अचानक धुंधली हो जाती है और उसे अपने सामने मौजूद चीजें कांपती हुई नजर आती हैं। माइग्रेन पीड़ि‍त की नजर में 15 से 20 मिनट में परिवर्तन होते रहते हैं। माइग्रेन से पीड़ित व्‍यक्तियों में निम्‍नलिखित लक्षणों में से कुछ लक्षण हो सकते हैं।

मितली और उल्‍टी आना

माइग्रेन के दर्द में व्‍यक्ति को मितली और उल्‍टी आती है। मितली और उल्‍टी के कारण रोगी का स्‍वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।


तनाव और चिड़चिड़ापन

थोड़ी-थोड़ी देर में मूड बदलना भी माइग्रेन रोगी का लक्षण होता है। जानकारों के मुताबिक कई रोगियों में देखा जाता है कि वह अचानक तनाव में आ जाते हैं, और थोड़ी देर बाद ही बिना किसी कारण के नॉर्मल हो जाते हैं। इसके अलावा माइग्रेन रोगी में चिड़चिड़ेपन की भी समस्‍या पाई जाती है और ऐसे व्‍यक्ति उत्‍तेजित भी हो जाते हैं।

नींद की कमी

माइग्रेन से ग्रस्‍त महिलाओं और पुरुषों को गहरी नींद नहीं आती। कई अध्‍ययनों से साफ हो चुका है कि माइग्रेन पीड़ि‍त व्‍यक्तियों को लगातार नींद नहीं आती। एक बार नींद खुल जाने पर ऐसे व्‍यक्ति को दोबारा नींद आने में बहुत परेशानी होती है।


आंखों से पानी आना

माइग्रेन के कुछ रोगियों में नाक और आंखों से लगातार पानी आने के लक्षण भी पाये जाते हैं। यदि आपको आंखों और नाक से पानी आने की समस्‍या है, तो आपको माइग्रेन की समस्‍या हो सकती है। साथ ही ऐसे व्‍यक्ति के आंखों में दर्द भी होता है।


एक या दोनों साइड में दर्द

धड़कन के साथ में होने वाला सिर दर्द भी माइग्रेन का ही लक्षण है। यह दर्द सिर के एक तरफ या दोनों तरफ भी हो सकता है। ऑनलाइन सर्वे में साफ हो चुका है कि 50 फीसदी माइग्रेन रोगियों के एक साइड में सिर दर्द होता है, जबकि 34 फीसदी के दोनों साइड में सिर दर्द होता है।


गर्दन में दर्द

बहुत से लोगों को गर्दन के दर्द के बाद सिर दर्द की शिकायत होती है। जानकारों के मुताबिक यह माइग्रेन का शुरुआती लक्षण होता है। सर्वे से पता चला है कि 31 फीसदी माइग्रेन रोगियों को पहले गर्दन में दर्द की शिकायत हुई उसके बाद उन्‍हें माइग्रेन की समस्‍या हुई।


दर्द का नियत समय

माइग्रेन की समस्‍या में होने वाला सिर दर्द सुबह को सूरज निकलने के साथ होता है, इसके बाद यह शाम के समय होता है। यह दर्द कम से कम चार घंटे और अधिकतर 72 घंटे यानी तीन दिन तक रह सकता है। शारीरिक श्रम करने से भी यह दर्द बढ़ता है।


माइग्रेन का कारण

कई वर्ष तक शोध के बाद भी अभी तक वैज्ञानिक माइग्रेन के सटीक कारणों का पता नहीं लगा सके हैं। ऐसा माना जाता है कि माइग्रेन का कारण रक्‍त नलिकाओं की सूजन और धमनियों का संकुचन होता है, जो मस्तिष्क को घेरे रहती हैं। इसके अलावा माइग्रेन के कुछ अन्‍य कारण निम्‍नलिखित हैं।


आनुवांशिक कारण

कुछ मामलों में पारिवारिक इतिहास के तौर पर माइग्रेन की समस्‍या देखी जाती है। ऐसा देखा गया है कि इन परिवारों में पैदा होने वाले बच्‍चों एक खास उम्र में जाकर माइग्रेन का दर्द शुरू हो जाता है। उपचार कराने पर इसमें आराम मिलता है।


अन्‍य रोगों के फलस्वरूप

माइग्रेन की समस्‍या अन्‍य रोगों के फलस्‍वरूप भी हो सकती है। माइग्रेन की समस्‍या के लिए जो रोग जिम्‍मेदार हैं, उनमें नजला, जुकाम, शरीर के अन्य अंग रोग ग्रस्त होना और पुरानी कब्ज आदि हैं। इसके आलावा महिलाओं में यह रोग मासिक धर्म में गड़बड़ी के कारण हो सकता है| आंखों में दृष्टिदोष के कारण भी आधे सिर में दर्द हो सकता है।

आजकल अव्‍यवस्थित दिनचर्या के कारण अधिकतर लोग माइग्रेन की समस्‍या से ग्रस्‍त हैं। इसलिए किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्‍टर से परामर्श करें। माइग्रेन का उपचार न कराने पर यह गंभीर रूप ले सकता है।

 

 

 

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