ऑक्युलर माइग्रेन, माइग्रेन का एक प्रकार है जिसमें पीड़ित को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके चलते क्षणिक अंधता व तेज दर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
ऑक्युलर माइग्रेन में सिर में बहुत तेज दर्द होता है। इसके चलते कुछ देर के लिए आंखों की रोशनी तक जा सकती है। यह समस्या एक घंटे तक बनी रह सकती है। इसके साथ ही लंबे समय तक सिर में तेज दर्द भी रह सकता है। जानकार इस परिस्थिति को कई बार रेटिनल, ऑफथेलमिक या मोनोकुलर माइग्रेन भी कहते हैं।
यह समस्या काफी दुर्लभ होती है। माइग्रेन से पीडि़त 200 में से करीब एक व्यक्ति को यह समस्या परेशान करती है। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि कई बार ऑक्युलर माइग्रेन के लक्षण किसी अन्य बीमारी के कारण भी सामने आ सकते हैं।
इस बीमारी का निदान करने के लिए डॉक्टर को समान लक्षणों वाली अन्य बीमारियों की भी समीक्षा करनी पड़ती है। इलाज शुरू करने से पहले उसे यह पूरी तरह से सुनिश्चित करना पड़ता है कि रोगी ऑक्युलर माइग्रेन से ही पीडि़त है। इस बात की पुष्टि किए बिना डॉक्टर के लिए किसी भी रोगी का इलाज शुरू कर पाना संभव नहीं होता।
लक्षण
इंटरनेशनल हेडएक सोसायटी के मुताबिक इस रोग के निम्न संभावित लक्षण हो सकते हैं।
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आंखों में होने वाली समस्या
एक आंख में होने वाली दृष्टिगत समस्या जिसमें रोगी को आंखें चुंधियाने, ब्लाइंट स्पॉट, अस्थायी अंधेपन या आंखों की रोशनी जाना इस प्रकार के माइग्रेन में काफी सामान्य माना जाता है।
सिरदर्द व अन्य लक्षण
ऑक्युलर माइग्रेन की परेशानी होने पर सिरदर्द की समस्या चार घंटे से लेकर तीन दिन तक रह सकती है। इसके साथ ही सिर के एक हिस्से में तेज दर्द (अर्द्धकपाली) या सिर में हल्की या तीव्र पीड़ा भी इसका ही संकेत है। धड़कन में तेजी और शारीरिक गतिविधियां करते समय अधिक परेशानी महसूस करना भी इसका इशारा हो सकता है।
रोशनी या आवाज के प्रति असामान्य संवेदनशीलता
एक महत्वपूर्ण लक्षण यह है कि इस दौरान रोगी की एक आंख की रोशनी जाती है। कई लोग आंखों में रोशनी के चुभने और एक आंख की रोशनी जाने के बीच का अंतर ही नहीं समझ पाते। उन्हें दोनों आंखों में इसका असर महसूस होता है, लेकिन वास्तव में केवल एक ही आंख इससे प्रभावित होती है।
एक सामान्य माइग्रेन जिसमें फ्लैशिंग लाइट और ब्लाइंट स्पॉट नजर आता है, वह अधिक सामान्य समस्या है। यह समस्या माइग्रेन से पीडि़त 20 फीसदी लोगों को प्रभावित करती है। लेकिन, इस मामले में ये लक्षण दोनों आंखों में होते हैं। दोनों आंखों को एक-एक कर ढंककर आप इस बात का पता लगा सकते हैं कि आपको दोनों आंखों में दृष्टिगत समस्या है अथवा एक आंख में।
ऑक्युलर माइग्रेन के कारण
इस बीमारी के कारणों को लेकर जानकार अभी तक पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। हालांकि, फिर भी वे कुछ बातों को इस बीमारी के कारणों के तौर पर देखते हैं-
- रेटिना की रक्तवाहिनियों में ऐंठन। यह आपकी आंखों के पीछे एक छोटी सी नस होती है।
- रेटिना की कोशिकाओं में होने वाले बदलावों के कारण
वे लोग जिन्हें नियमित रूप से इस प्रकार के माइग्रेन की शिकायत रहती है, उनकी एक आंख की रोशनी स्थायी रूप से भी जा सकती है। विशेषज्ञ अभी इस बात को लेकर भी पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि आखिर माइग्रेन की दवाओं के प्रयोग से आंखों को पहुंचने वाली क्षति को रोका जा सकता है। हालांकि, इन लक्षणों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना हमेशा फायदेमंद रहेगा।
ऑक्युलर माइग्रेन का निदान
इस बीमारी का निदान करने के लिए डॉक्टर आपसे लक्षणों के बारे में पूछेगा और फिर आपकी आंखों की जांच करेगा। डॉक्टर इस बात की भी जांच करेगा कि आखिर यह समस्या किसी अन्य बीमारी के कारण तो नहीं है। क्षणिक अंधता आंखों को रक्त का प्रवाह रुकने के कारण पैदा होती है। यह लक्षण आंखों की रक्तवाहिनी में आने वाले किसी अस्थायी रुकावट के कारण भी ऐसा हो सकता है।
इलाज
ऑक्युलर माइग्रेन को रोकने अथवा इसके इलाज के लिए उपयुक्त इलाज को अभी तक खोजा जा रहा है। इसके लिए डॉक्टर आपको एस्प्रिन या अन्य दवायें दे सकता है।
ऑक्युलर माइग्रेन के वास्तविक कारण और इलाज तलाशने में अभी तक बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। लेकिन, फिर भी आप अपनी जीवनशैली को संयमित रख इसके कुछ संभावित खतरों को तो कम कर सकते हैं।
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