याद्दाश्‍त पर बुरा असर डालता है मिठाई का स्‍वाद

ब्‍लड शुगर का बढ़ा हुआ स्‍तर आपकी याद्दाश्‍त पर बुरा असर डालता है। जर्मनी में हुए एक शोध के बार यह नतीजा निकाला गया है।
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याद्दाश्‍त पर बुरा असर डालता है मिठाई का स्‍वाद

मिठाइयां डाल सकती हैं याद्दाश्‍त पर असरत्‍योहार के दिन नजदीक हैं। और ऐसे मौसम में मिठाई खाए बिना शायद ही आपका कोई दिन गुजरे। लेकिन, क्‍या आपको इस बात का अंदाजा है कि आखिर यही सब मीठी चीजें आपकी याद्दाश्‍त को नुकसान पहुंचा सकती हैं।



भले ही बर्फी, जलेबी और गुलाब जामुन का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाए, लेकिन जहां ये चीजें जुबान के लिए बेशक मजेदार हों, लेकिन हमारी स्‍मरण शक्ति के लिए ये काफी नुकसानदेह होती हैं। जर्मनी के बर्लिन स्थित 'चैरिटी यूनिवर्सिटी' के अध्‍ययन के मुताबिक मीठी चचीजें खाने से याद्दश्‍त कमजोर हो जाती है।

 

ब्‍लड शुगर का स्‍तर कम होने से मस्तिष्‍क अच्‍छी तरह अपना काम कर पाता है जिससे भूलने की समस्‍या पैदा नहीं होती। शोधकर्ताओं ने करीब 150 लोगों पर अध्‍ययन कर निष्‍कर्ष निकाला है जिनकी उम्र 63 वर्ष के आसपास थी। इनमें से किसी भी प्रतिभागी को डायबिटीज की बीमारी नहीं थी। सबसे पहले शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों में ग्‍लकोज के स्‍तर की जांच की, साथ ही हमारी मस्तिष्‍क की स्‍कैनिंग कर, 'हिप्‍पोकैंपस' का आकार भी मापा जो याद्दाश्‍त के लिए जिम्‍मेदार हिस्‍सा माना जाता है।

 

इसके बाद प्रतिभागियों की याद्दाश्‍त का परीक्षण किया गया।इस दौरान उन्‍हें कुछ शब्‍द सुनाए गए और 30 मिनट बाद उन्‍हें दोहराने को कहा गया। जिन लोगों का ब्‍लड शुगर कम था, उन्‍होंने परीक्षण में बेहतर प्रदर्शन किया। इसके मुकाबले जिनका ग्‍लूकोज अधिक था उन्‍हें कम शब्‍द याद रहे।

 

प्रमुख शोधकर्ता डॉक्‍टर ऐगनेस फ्लोएल के मुताबिक, 'सामान्‍य ब्‍लड शुगर वाले भी अगर अपने शुगर का स्‍तर कम करने की कोशिश करते हैं तो यह उनकी याद्दाश्‍त के लिए फायदेमंद साबित होता है। ढलती उम्र में उन्‍हें अल्‍जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियां नहीं सतातीं। अल्‍जाइमर्स सोसायटी के रिसर्च कम्‍यूनिकेशन मैनेजर डॉक्‍टर क्‍लयेर वाल्‍टन बताते हैं, ' हम जानते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज से अलजाइमर का खतरा पैदा होता है।

 

लेकिन यह अध्‍ययन बताता है कि डायबिटीज नहीं होने पर भी बढ़ा हुआ ब्‍लड शुगर याद्दाश्‍त संबंधी समस्‍याओं के लिए जिम्‍मेदार हो सकता है। इसे नियं‍त्रण में रखने के लिए संतुलित खानपान और व्‍यायाम मददगार साबित हो सकता है।

 

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