आमतौर पर लोग समझते हैं कि फैट यानी वसा के कारण ही मोटापा बढ़ता है। लेकिन, असल में जो शुगर हम दिन भर खाने पीने में लेते हैं, वो इस मामले में ज्यादा नुकसानदायक होती है। एक रिसर्च के मुताबिक वसा से ज्यादा मोटापा शुगर के कारण होता है। अमेरिका के एक जानेमाने डॉक्टर रॉबर्ट लस्टिग ने बात सरकार और फूड इंडस्ट्री को बताई है।
अपनी रिसर्च के बारे में बातचीत करते हुए डॉक्टर रॉबर्ट ने बताया कि कोकेन और हेरोईन को जानलेवा इसलिए माना जाता है क्योंकि उनसे नशे की लत लग जाती है और वे ज़हरीले होते हैं। और यही शुगर के साथ भी है। उन्होंने कहा, “हमें शुगर का सेवन करने की अपनी आदत से छुटकारा पाने की ज़रूरत है। हमें अपनी ज़िंदगियों से मीठापन निकालने की ज़रूरत है। हमें अपने आहार में शुगर का इस्तेमाल प्रधान रूप से नहीं बल्कि कभी-कभी करने की ज़रूरत है।” वो कहते हैं, “फूड इंडस्ट्री ने शुगर को डाइट स्टेपल बना दिया है क्योंकि उनके ऐसा करने से उनकी बिक्री बढ़ती है। ये उनकी चाल है।”
“फैट चांस: दि बिट्टर ट्रुथ अबाउट शुगर” नाम की इस किताब में लस्टिग ने इपनी इस रिसर्च से जुड़ी बातें लिखी हैं। ये किताब अमेरिका में पब्लिश हुई है। लस्टिग एक शिशुरोग विशेष़ज्ञ हैं। उन्हें सैन फ्रांसिस्को में अधिक वजन के बच्चों का इलाज करने की विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने सेंट्रल नर्वस सिस्टम, चयापचय और बीमारी पर पड़ने वाले शुगर के प्रभाव का 16 साल तक अध्ययन किया है। उनका निष्कर्ष ये है कि युवा लोग जो आजकल कोका कोला और पेप्सी बहुतायत में पीते हैं, उन्हें मोटापे का उतना ही खतरा है जितना ज्यादा बर्गर का सेवन करने वाले लोगों को।
वह खाने-पीने की चीजें जो शरीर में इन्सुलिन का स्तर बहुत बढ़ा दें, समस्या उनसे है। वह मोटापे के लिए 75-80% जिम्मेदार इन्सुलिन को मानते हैं। वो बताते हैं कि इन्सुलिन एक ऐसा हार्मोन है जिसकी वजह से ऊर्जा वसा कोशिकाओं में जमा होती है। शुगर ऊर्जा उन सब में से सबसे अधिक ऊर्जा प्रदान करने वाली होती है लेकिन इसके तीन वर्ग हैं:- ट्रांस वसा, ऐल्कोहल और आहारीय अमीनो।
शुगर से आपके स्वास्थ्य को न केवल मोटापे का बल्कि और भी कई खतरे होते हैं। शुगर से पैदा होने वाली कुछ समस्याएं :-
- शुगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है।
- शुगर से शरीर का मिनरल संबंध खराब होता है।
- जब बच्चे सोडा में मिली शुगर का सेवन करते हैं तो उससे उनमें कम दूध पीने की प्रवृत्ति पैदा होती है।
- शुगर से रिऐक्टिव ऑक्सीजन स्पेशीज़ (आरओएस) बढ़ सकता है, जो कोशिकाओं और ऊतकों को नष्ट कर सकता है।
- शुगर से बच्चों में अतिसक्रियता, चिंता, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता और रुग्णता जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
- शुगर से ट्राइग्लिसराइड असाधारण रूप से बढ़ सकता है।
- शुगर शरीर की बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता को कम कर सकता है।
- शुगर से शरीर में क्रोमियम की कमी हो सकती है।
- शुगर की अधिकता से डिंबग्रंथि कैंसर हो सकता है।
- शुगर के कारण हाइपोग्लाइसीमिया भी हो सकता है।
- शुगर शरीर में कैल्सियम और मैग्नीसियम के अवशोषण के दौरान हस्तक्षेप करती है।
लोग अपना मोटापा घटाने के लिए खान-पान से वसा कम कर देते हैं, लेकिन शुगर का सेवन बदस्तूर जारी रखते हैं। इस रिसर्च ने ये साबित कर दिया है कि शुगर की अधिकता उतनी ही नुकसानदायक है जितनी वसा की। इसलिए अगर रहना है सेहतमंद तो शुगर के बेतहाशा सेवन की आदत को छोड़ना पड़ेगा।
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