
बढ़ती फास्ट फूड की लत, मिसिंग मील, दूषित खानपान और तनाव भरे जीवन के चलते लोगों में कब्ज, गैस, खट्टी डकार और एसिडिटी की समस्या आम हो गई है। मौजूदा समय में देशभर में करीब 95 प्रतिशत लोग गैस और कब्ज जैसी पेट की समस्या से परेशान है। यह एक ऐसी समस्या है जिसके लिए सीधे तौर पर हम खुद जिम्मेदार हैं। क्योंकि यह लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई बीमारी है। पहले के समय में लोग घर के खाने, फल और हरी सब्जियों जैसे आहार को वरीयता देते थे। लेकिन आजकल जिस तरह का लोगों का कटा-फटा पहनावा हो गया है उसी तरह का आहार भी हो गया है। जिसके चलते लोग शारीरिक समस्या से जूझते हैं।
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कहने को यह बहुत ही मामूली बीमारी है। लेकिन जिसे यह रोग होता है वही इसका कष्ट महसूस कर सकता है। जब गैस का दर्द होता है तो पलभर के लिए भी बैठना मुश्किल हो जाता है। कई लोग समस्या से निजात पाने के लिए महंगी महंगी दवा लेते हैं। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता है। आज हम आपको पेट की इस समस्या के लिए योगासन बता रहे हैं। योग की ताकत को भारतीय लोगों की तुलना में विदेशी लोग पहनाते हैं। अलग नियमित आधा घंटा भी योग किया जाए तो इंसान जीवनभर शारीरिक रूप से सुखी रह सकता है। आइए जानते हैं गैस के लिए कौन सा योगासन है सबसे बेस्ट।
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आज हम भुजंगासन की बात कर रहे हैं। यह आसान पेट की समस्याओं के साथ ही पीठ के दर्द के लिए भी बेस्ट है। इसे करने के लिये सबसे पहले मुंह को नीचे की ओर करके पेट के बल लेट जाएं और फिर शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें। इसके बाद हथेलियों को कंधों और कुहनियों के बीच जमीन के ऊपर रख लें और नाभि से आगे तक के भाग को धीरे-धीरे सांप के फन की तरह ऊपर उठाएं। अब पैर की उंगलियों को पीछे की तरफ खींचकर रखें, ताकि उंगलियां जमीन को छूने लगें। इस पोजीशन में कुछ देर के लिये रुकें और इसे कम से कम चार बार करें।
भुजंगासन के अलावा आप मयूरासन, वज्रासन, हलासन, शलाभासन, अनुलोम विलोम प्राणायाम तथा मंडूकासन आदि का भी नियमित अभ्यास कर सकते हैं। ये सभी आसन भी गैस और एसिडिटी की समस्या को दूर करते हैं और शरीर को स्वस्थ्य और शक्ति शाली बनाते हैं।
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