पेट के जीवाणुओं में 6000 से अधिक एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीन की पहचान

ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने पेट में मौजूद जीवाणुओं में 6,000 से अधिक एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीन की पहचान की है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
पेट के जीवाणुओं में 6000 से अधिक एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीन की पहचान

ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने पेट में मौजूद जीवाणुओं में 6,000 से अधिक एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीन की पहचान की है। यूनिवर्सिटी ऑफ बमिर्ंघम में प्राध्यापक विलेम वैन शाइक ने कहा है, "पेट के अधिकांश जीवाणु मानव शरीर को बिना नुकसान पहुंचाए रहते हैं। लेकिन इसमें वे जीवाणु भी रहते हैं, जो संक्रमण पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश ये बैक्टीरिया एंटीबायोटिक्स के लिए तेजी से रुकावट बनते हैं और हमें इस विकास में योगदान देने वाली प्रक्रियाओं को समझने की जरूरत है।

फ्रांस के इंस्टीट्यूट नेशनल डी ला रिसर्च एग्रोमोमीक (आईएनआरए) के शोधार्थियों की एक टीम ने इन जीवाणुओं में प्रतिरोधी जीन की पहचान करने के लिए एक नई विधि विकसित की, जिसके द्वारा टीम ने ज्ञात एंटीबायोटिक प्रतिरोधी एंजाइम्स की त्रि-आयामी संरचना की तुलना पेट के जीवाणुओं द्वारा उत्पादित प्रोटीन से की। इसके बाद उन्होंने इस विधि को पेट के लाखों-करोड़ों जीन की सूची में सेट किया, जिससे 6,000 से अधिक एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीन की पहचान हुई, जो रोगजनक जीवाणु में पहले से पहचाने गए जीन से बहुत अलग थे।

शाइक ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इनमें से अधिकतर जीन जीवाणु में मौजूद होते हैं, जो मानव शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इसलिए ये मानव स्वास्थ्य के लिए तत्काल खतरा नहीं हो सकते हैं। लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं के निरंतर उपयोग से ये प्रतिरोधी जीन रोगजनक जीवाणु में स्थानांतरित हो सकते हैं, जिससे संक्रमण के इलाज में एंटीबायोटिक्स की प्रभावकता कम हो जाती है। यह शोध 'नेचर माइक्रोबायलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के कारण

जीवन शैली इस तरह के रोग बेहिसाब शराब और सिगरेट पीने, फास्ट फूड ज्यादा खाने और काम के वक्त दफ्तर में तनावपूर्ण स्थितियां बनने से होते हैं। जेनेटिक कारण इस बारे में ताजा अध्ययनों से पता चला है कि जेनेटिक रचना में एकाएक आए किसी तरह के बदलाव के कारण पैंक्रियाइटिस और पित्ताशय की पथरी जैसे रोग अधिक होते हैं। आसपास का परिवेश और स्वच्छता साफ-सफाई की कमी से हेपेटाइटिस और तपेदिक जैसे संक्रमण होते हैं।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Health News In Hindi

Read Next

स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए गर्भावस्था सुरक्षित, जानें क्यों

Disclaimer