चीन के बीजिंग में हुए एक अध्ययन के अनुसार साबुन और शैंपू आदि उत्पादों, डिब्बाबंद खाद्य और कई अन्य दैनिक उत्पादों का लंबे समय तक उपभोग गर्भपात का कारण बन सकता है। चलिए विस्तार से जानें खबर -
चीन के बीजिंग की पेकिंग यूनिवर्सिटी में 300 से अधिक महिलाओं पर एक अध्ययन किया गया, जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि दैनिक इस्तेमाल की चीजों में प्रयोग किए जाने वाले कुछ फैथलेट्स का गर्भपात से संबंध हो सकता है, जो कि अधिकांश गर्भावस्था के 5 से 13 हफ्तों में होता है। अध्ययन में इस बात के प्रमाण भी मिले कि इन उत्पादों को बनाने वाले कर्मी ही नहीं, बल्कि इनके संपर्क में आने वाले आम लोगों पर भी इसका प्रभाव होता है।
शोधकर्ता जियानयिंग ह्यू व उनके सहयोगियों ने 172 स्वस्थ गर्भवती व 132 गर्भपात से जूझ चुकी चीनी महिलाओं के पेशाब के नमूनों की जांच की। शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ फैथलेट्स के उच्च स्तरों से संपर्क में रहने का संबंध गर्भपात से भी हो सकता है। आमतौर पर इनमें से अधिकांश उत्पाद रंग-रोगन, मेडिकल ट्यूब्स, विनायल फ्लोरिंग, साबुन, शैंपू आदि में पाए जाते हैं।
फैथलेट्स पर पहले हुए शोध बताते हैं कि इनके कम स्तर के कुछ मिश्रणों से लंबे समय तक संपर्क में रहने पर लैब के जीवों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा था और यह उनके गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकता है।
उपरोक्त अध्ययन एंवयारमेंट साइंस एंड टेक्नोलोजी जर्नल में प्रकाशित हुआ था।
Image Source - Getty
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