सेप्टिक शॉक एक गंभीर बीमारी है। ये बीमारी सेप्सिस नामक बैक्टीरिया के कारण फैलती है। इस रोग में ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, जोकि जानलेवा हो सकता है। इस बीमारी के लिए आमतौर बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं मगर कुछ अवस्थाओं में फंगस और वायरस भी इसकी बड़ी वजह बन सकते हैं। इंफेक्शन की वजह से शरीर में जो परिवर्तन देखने को मिलते हैं उसे ही सेप्टिक शॉक कहते हैं, जानने वाली बात यह है कि इस बीमारी में जान भी जा सकती है।
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क्या है बीमारी की वजह
इस बीमारी सबसे बड़ी वजह डायबिटीज, ल्यूकिमिया, लिंफोमा, एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग, स्टेरॉयड का इस्तेमाल, अंग प्रत्यारोपण आदि है।
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सेप्टिक शॉक के लक्षण
सेप्टिक शॉक मस्तिष्क , ह्रदय, गुर्दे या आंतों सहित शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके 7 ऐसे लक्षण हैं जो इस बीमारी के संकेत देते हैं। इस अवस्था में त्वचा पीली, ठंडी और चिपचिपी हो जाती है। शरीर का तापमान काफी कम या ज्या दा हो जाती है। चक्कर आना, कम ब्लंड प्रेशर, धड़कनें तेज होना, उल्टी और मतली आना, सांस लेने में परेशानी, बेचैनी और सुस्ती हो जाती है।
सेप्टिक शॉक से बचाव
खून की जांच कराई जाती है, जिसमें पूर्ण रक्त गणना, बैक्टीरिया या अन्य रोगाणुओं की उपस्थिति, रक्त ऑक्सीजन का निम्न स्तर, शरीर में एसिड-बेसिक का संतुलन, खराब अंग समारोह या अंग विफलता छाती का एक्स-रे, रक्त परीक्षण के परिणामों के आधार पर। इसके अलावा अतिरिक्त परीक्षण भी किए जा सकते हैं जैसे- मूत्र परीक्षण, मस्तिष्क और स्पाइनल द्रव परीक्षण, घाव स्रावण परीक्षण आदि!
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