साइंस की मानें तो एक से अधिक पार्टनर के लिए बने हैं हम

पुरुषों और महिलाएं स्वाभाविक रूप स्वच्छंद संभोगी - कई साथियों के साथ संबंध बनाने वाले (promiscuous) हैं। रायन कहते हैं कि किसी और जीव की तुलना में मनुष्य आनुवंशिक रूप से चिम्पांजियों और बोनोबोस से ज्यादा संबंधित हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
साइंस की मानें तो एक से अधिक पार्टनर के लिए बने हैं हम


एक ही बार विवाह करने की प्रथा (Monogamy) पुरुषों या महिलाओं के लिए एक प्राकृतिक अवस्था नहीं है। विवादास्पद टेड लैक्चर (TED lecturer ) दावा करता है कि हम सब अनेक साथियों के साथ रहने के लिये बने हैं। क्रिस्टोफर रयान ने सम्मेलन में मनुष्यों की तुलना चिम्पांजियों और बोनोबोस (चिम्पांजियों जैसी प्रजाति) से की, जोकि अनेक साथी रखते हैं और प्रजनन करने व बेहतर बॉंड बनाने के लिये यौन संबंध बनाते हैं। रयान ने कहा कि एकपत्नीत्व (Monogamy) समाज द्वारा बनाया गया एक नियम मात्र है, ना कि आनुवंशिक स्वभाव। चलिये इस रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानें और ये समझने की कोशिश करें कि क्या वैज्ञानिक तौर पर मानव एक से अधिक पार्टनर के लिए बने हैं?  

 

एक से अधिक पार्टनर के लिए बने हैं हम : क्रिस्टोफर रायन

एक मनोविज्ञान विशेषज्ञ का मानना है कि जब बात वफादार और एकपत्नीत्व की आती है तो लिंगों में कोई अंतर नहीं होता है। यह अक्सर सोचा है कि पुरुष, महिलाओं की तुलना में ज्यादा अधीर (कई संबंध रखने के इच्छुक) होते हैं, मनोविज्ञान में पीएचडी और के सेक्स अत डौन, किताब के सह-लेखक क्रिस्टोफर रयान ने टेड कॉंफ्रैंस को बताया कि विकास के मामले में, ऐसी कोई वजह नहीं है कि हम एकपत्नीत्व रहें और पुरुषों और महिलाओं को इस विभेद के साथ आंकें कि वे लिंग के आधार पर भिन्न होते हैं और इस लिये ही उनमें अंतर होता है। रयान के हिसाब से महिला और पुरुष दोनों ही समान हैं।

 

To Be Monogamous in Hindi

 

एकपत्नीत्व सामान्य है - एक मनोविज्ञान के विशेषज्ञ के अनुसार पुरुषों और महिलाएं स्वाभाविक रूप स्वच्छंद संभोगी - कई साथियों के साथ संबंध बनाने वाले (promiscuous) हैं। रायन कहते हैं कि किसी और जीव की तुलना में मनुष्य आनुवंशिक रूप से चिम्पांजियों और बोनोबोस से ज्यादा संबंधित हैं। जिसके परिणाम के रूप में हमारे यौन स्वभाव भी समान होते हैं।

 

रायन ने बताया कि, बोनोबोस उनके यौन संकीर्णता (अलग-अलग साथियों के साथ संबंध) के लिए प्रसिद्ध हैं। वे अकेले ऐसे जानवर हैं जो मनुष्यों की ही तरह आमने सामने संभोग करते हैं और नरों के अंडकोष बाहर होते हैं। तो मनुष्य के आनुवंशिक रूप से बोनोबो (Bonobo) के समान हैं। रायन ने कहा, कि किया इसका मतलब ये है कि परुष स्वच्छंद संभोगी होते हैं। 

रायन ने कहा कि, मादा बोनोबोस किसी भी क्षण यौन संबंध के लिए तैयार रहती हैं, क्योंकि वे अपने मासिक धर्म चक्र के 90 प्रतिशत समय संभोग में संलग्न रहने में सक्षम होती हैं। मनुष्यों, चिम्पांजियों और बोनोबोस में एक और समानता ये है कि वे संभोग केवल प्रजनन प्रयोजनों के लिये ही नहीं बल्कि संबंधों को मजबूत बनाने के लिये भी करते हैं। लेकिन चिम्पांजी और बोनोबोस जीवन भर के लिए सिर्फ एक साथी के साथ उनके संबंधों को प्रतिबंधित नहीं करते हैं, जैसा कि अधिकांश मनुष्य को करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

 

इसलिये रायन मानते हैं कि एकपत्नीत्व (Monogamy) पुरुषों या महिलाओं में से किसी के लिये भी अनुशाषित तौर पर लागू नहीं होती है।  रायन ने कहा कि, यौन विशिष्टता, एकपत्नीत्व के साथ बाद में आया, जिसके तहत परिवार को बढ़ाने के लिए यह आदर्श तरीका बनता जा रहा है। एकपत्नीत्व का यह तरीका विशेष रूप से 'प्रूडिश' (पाखण्डी) विक्टोरियन युग में बढ़ाया गया था।   



Facts Source - Dailymail

Image Source - Getty Images

Read More Articles On Healthy Living In Hindi.

Read Next

क्या तेज पसीना आने पर वाकई कम हो जाता है बुखार

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version