क्या तेज पसीना आने पर वाकई कम हो जाता है बुखार

बुखार होने पर मरीज को कंबल और अन्य गर्म कपड़ो से लाद देने से बेहतर है कि पानी में भिगोकर स्पंजिंग करें। बुखार को काबू में करने के लिये मुख्‍य उद्देश्‍य शरीर का तापमान कम करना होता है।
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क्या तेज पसीना आने पर वाकई कम हो जाता है बुखार


आमतौर पर देखा जात है कि लोगों की ऐसा मानना होता है कि अगर बुखार (fever) हो तो रोगी को पसीना लाना चाहिये। और इसके लिये लोग रोगी को कंबल और रजाई से लाद भी देते हैं। लेकिन क्या वाकई अगर कोई व्‍यक्ति बुखार से पीड़ित है, तो उसे पसीना लाने के लिए इस तरह से रज़ाई और कंबल से ढ़कना सही है? और अगर ऐसा है तो क्या शरीर का तापमान कम करने के इससे बेहतर तरीके भी हैं? चलिये इस मामले को एक्पर्ट्स से बात कर ठीक से समझने की कोशिश करते हैं -

 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

इस बारे में दिल्ली स्थित आईएलबीएस हॉस्पिटल्स में चिकित्‍सा विभाग के डॉ. रमन कुमार कहते हैं कि बुखार के रोगी पर कपड़े लाद देना सही नहीं है।
डॉ कुमार के मुताबिक, बुखार होने पर मरीज को कंबल और अन्य गर्म कपड़ो से लाद देने से बेहतर है कि पानी में भिगोकर स्पंज करें। बुखार को काबू में करने के लिये मुख्‍य उद्देश्‍य शरीर का तापमान कम करना होता है। वैसे सबसे बेहतर तो यही होता है कि बुखार होने पर डॉक्टर को दिखा कर उचित दवा लें और साथ में शरीर के तापमान को सामान्य करने के लिये पानी में भिगोकर शरीर पर स्पंज करें।

 

Sweating Reduces Fever in Hindi

 

पसीने से बुखार कम होने की बात मिथक है

ये केवल एक मिथक है कि ठंड की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है और कंपकपी होने लगती है। दरअसल वायरल होने पर शरीर वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने के लिए तापमान को बढ़ाकर रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देता है। वास्तव में तो रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने की वजह से ही शरीर में  कारण ही कंपकपी होती है। ऐसे में लोग मरीज के नीचे और ऊपर कई सारे कंबल बिछा देते हैं, जबकि ऐसा करने से तो शरीर का तापमान और ज्‍यादा बढ़ जाता है। और शरीर का तापमान बहुत ज्यादा हो जाना घातक हो सकता है। तो बेहतर होगा कि आप हल्का कम्बल ही मरीर को उढाएं।


दरअसल ये एक मिथक मात्र ही है कि बुखार में मरीज को पसीना आने से वह ठीक हो जाएगा। कंबल और स्‍वेटर का इस्‍तेमाल सर्दियों में बाहरी पाले और शीत हवाओं से बचने के लिए किया जाता है। बुखार के मरीज को तो हल्का सा कंबल उढा देना ही काफी होता है। बल्कि पानी से स्पॉन्जिंग करने से तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा कमरे का तापमान सही रखने और रोगी को हल्‍के गर्म पानी से नहलाना भी लाभदायक होता है।



Image Source - Getty

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