चोट, मोच और नसों के खिंचाव की वजह से हाथ-पैरों में दर्द सामान्य बात है। इस तरह के दर्द का कारण तो कई बार बहुत सामान्य होता है लेकिन ये दर्द आपको बहुत परेशानी देते हैं। घुटनों और कोहनियों की चोट बहुत परेशान करती है। खिंचाव की वजह से दिनभर हाथ-पैरों में दर्द होता है और आदमी का चलना, फिरना और उठना, बैठना भी मुहाल हो जाता है। इस वजह से आपको दिनभर के तमाम कामों में भी परेशानी होती है। इस तरह का दर्द अक्सर बच्चों और महिलाओं को खेलने और घर के कामों के दौरान चोट या खिंचाव से हो जाता है। इसके अलावा ये खिलाड़ियों में भी कॉमन है। इस तरह की मोच और दर्द के लिए राइस विधि से ट्रीटमेंट करने पर इसमें बहुत आराम मिलता है। 'राइस ट्रीटमेंट' का मतलब चावल का उपयोग नहीं है बल्कि राइस एक संक्षिप्त रूप है।
क्या है राइस ट्रीटमेंट
आपको आश्चर्य होगा कि चोट, मोच, खिंचाव और सूजन के लिए चिकित्सक भी अक्सर राइस ट्रीटमेंट की ही सलाह देते हैं। इसका पूरा नाम अंग्रेजी के आर. आई. सी. ई. अक्षरों से बना है, जिसका अर्थ है रेस्ट (आराम), आइस (सिंकाई), कंप्रेशन (दबाव) और एलीवेशन (ऊपर की तरफ खिंचाव)। इस विधि से इलाज करने पर चोट, मोच की सूजन और दर्द में तुरंत आराम मिल जाता है जबकि दो-तीन दिन के इलाज से ये परेशानी पूरी तरह ठीक हो जाती है। आइये आपको बताते हैं कि कैसे कर सकते हैं आप राइस ट्रीटमेंट।
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रेस्ट
दर्द का अर्थ होता है कि आपके शरीर में कहीं कुछ परेशानी है और इसका संकेत होता है कि आप संबंधित काम को तुरंत बंद कर दें। दर्द के बावजूद अगर आप काम करते रहते हैं को इससे कई बार मांसपेशियों में अंदरूनी जख्म भी हो सकता है, जो गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। चिकित्सकों के मुताबिक अगर आपके शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द है तो आपको कम से कम 40 घंटे तक इस हिस्से की मांसपेशियों पर दबाव नहीं डालना चाहिए। इसलिए अगर मांसपेशियों में खिंचाव है या चोट और मोच के कारण दर्द और सूजन है तो शरीर को सबसे पहले आराम की जरूरत होती है। इसलिए आपके लिए प्रभावित हिस्से को कम से कम दो दिन तक आराम देना जरूरी है।
आइस
आइस यानि बर्फ, दर्द और सूजन के लिए अच्छा माना जाता है। बर्फ की सिंकाई से मांसपेशियां सिकुड़ती हैं जिससे सूजन खत्म हो जाती है। चोट और मोच में तुरंत राहत के लिए आप इसका आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए बर्फ के एक टुकड़े को किसी पतले टॉवेल या कपड़े में भरकर इसे चोट, मोच या खिंचाव वाली जगह पर 10 मिनट तक रगड़ें और फिर 10 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर यही प्रक्रिया दोहराएं। इसकी जगह आप फ्रोजन मटर को कपड़े में भरकर भी सिंकाई कर सकते हैं। इस तरह दिनभर में दो-तीन बार सिंकाई करने से दर्द और सूजन में काफी राहत मिलती है।
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कंप्रेशन
कंप्रेशन का अर्थ है दबाव देना। चोट और मोच में दबाव का मतलब है कि प्रभावित अंग को सूजन से बचाने के लिए इस पर गर्म पट्टी या कपड़ा बांधना। अगर चोट हड्डी या नसों में है तो गर्म पट्टी बेस्ट है नहीं तो आप कोई साफ कपड़ा भी बांध सकते हैं। इसे बांधते समय इस बात का ध्यान रखें कि पट्टी इतनी टाइट न बांधें कि आपका ब्लड सर्कुलेशन इससे प्रभावित हो जाए। अगर पट्टी बांधने के बाद आपको दर्द महसूस हो रहा है या नसों का रंग नीला पड़ रहा है तो पट्टी को तुरंत ढीला कर दें।
एलिवेशन
एलिवेशन का अर्थ उंचाई होता है। राइस ट्रीटमेंट में इसका अर्थ है कि आपके प्रभावित अंग को ऊपर उठाना। दरअसल शरीर विज्ञान के अनुसार अगर आप दर्द वाले अंग को अपने हृदय की उंचाई से ऊपर रखते हैं तो इससे दर्द में तेजी से राहत मिलती है। इसलिए अगर आपके हाथ या पैरों में चोट, मोच और खिंचाव है और इस वजह से तेज दर्द हो रहा है, तो सोते या आराम करते समय प्रभावित अंग के नीचे तकिया रखकर आप इसे उंचाई दे सकते हैं। इससे आपको दर्द में काफी आराम मिलता है और मांसपेशियां जल्दी ही अपनी सही जगह पर आ जाती हैं।
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