क्‍यों हों प्रोबॉयोटिक्‍स आपके आहार का हिस्‍सा, क्‍या हैं इसके फायदे

प्रोबॉयोटिक्‍स हमारी पाचन क्रिया को सेहतमंद रखकर कई बीमारियों से हमारी रक्षा करते हैं। बच्‍चों की अच्‍छी सेहत के लिए इन्‍हें काफी मददगार माना जाता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्‍यों हों प्रोबॉयोटिक्‍स आपके आहार का हिस्‍सा, क्‍या हैं इसके फायदे


प्रोबॉयोटिक्‍स को लेकर काफी बात की जाती है। इसके फायदों और सेहत पर पड़ने वाले इसके प्रभावों को लेकर काफी चर्चा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि प्रोबॉयोटिक्‍स हमारी पाचन क्रिया को तंदुरुस्‍त रखते हैं और साथ ही हमें कई बीमारियों से बचाने में भी मदद करते हैं। बच्‍चों की सेहत के लिए इसे खासतौर पर फायदेमंद समझा जाता है।

 

डायरिया से बचाये

व्यस्कों और बच्चों में हुए शोधों में यह साबित हुआ है कि प्रोबायोटिक्स डायरिया की अवधि को कम करते हैं। खासतौर पर बच्चों को इसका लाभ होता है। प्रोबायोटिक्स के इस्तेमाल के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं।

probiotics

एलर्जी से बचाये

कई शोध इस बात को प्रमाणित कर चुके हैं कि गर्भवती महिला यदि प्रोबायोटिक्स का सेवन करे तो इससे बच्चों को रेशेज और एलर्जी होने की आशंका कम हो जाती है। इसके साथ ही यदि बच्चों को भी प्रोबायोटिक्स दिये जाएं, तो उन्हें भी इसी प्रकार का फायदा होता है। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी बच्चे को रेशेज हो भी जाएं, तो प्रोबायोटिक्स उन्हें जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं।

 

 

आंतों में सूजन

इस रोग का एक अहम कारण आंतों की वनस्पति संरचना होती है। प्रोबायोटिक्स का सेवन इस संरचना में जरूरी बदलव करता है, जिससे बीमारी का समय कम हो जाता है। और आपकी पाचन क्रिया को आराम मिलता है।

समय पूर्व जन्मे बच्चों के लिए फायदेमंद

समय पूर्व जन्मे बच्चे, विशेषकर बहुत छोटे बच्चों के शारीरिक अंगों में परिपक्वता नहीं आती। इन बच्चों को पाचन क्रिया को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पाचन क्रिया की इस परेशानी के पीछे आंतों में सूजन भी एक संभावित कारण हो सकती है। इस रोग का इलाज करना कई बार बहुत मुश्क‍िल हो जाता है और तमाम प्रयासों के बावजूद इसे काबू करने में परेशानी होती है। कुछ शोध इस बात की तस्दीक करते हैं कि प्रोबायोटिक्स का सेवन समय पूर्व जन्मे बच्चों को इस प्रकार की बीमारी से बचा सकता है।

 

probiotics

बच्चों में रोना

शोधों में प्रमाणित हुआ है कि प्रोबायोटिक्स थेरेपी के असर से नवजात में कॉलिक यानी दर्द के कारण रोना कम हो जाता है। हालांकि, बच्चों पर इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।

योनि संक्रमण का उपचार

महिलाओं के लिए तैयार किये गए प्रोबायोटिक्स में एक विशेष प्रकार का बैक्टीरिया होता है, जो योनि में मौजूद संवेदनशील चिपचिपेपन को संतुलित रखता है। यह एक प्रकार की मरम्मत प्रक्रिया है, जो फंगल संक्रमण से बचाकर रखती है।

Read Next

उम्र के हिसाब से बदलें अपनी आहार योजना

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version