एक घनिष्ठ सम्बन्ध को विकसित करने और वर्षों तक बरकरार रखने के लिए निरंतर प्यार और लगाव की जरूरत होती है। जब प्यार की अनुभूतियां समय के साथ या उपेक्षा के कारण मुरझा जाएं तो ऐसे नये प्यार की चाहत जागती है जो आत्मीय हो। जीवनपर्यन्त चलने वाले सम्बन्ध के लिए बराबर ध्यान और महत्व देना जरूरी होता है। सराहना और प्रोत्साहन के अभाव में उत्पन्न होने वाला भावनात्मक असंतोष दोनों में से एक को आपसी सम्बन्ध के बाहर प्यार की तलाश करने पर मजबूर कर सकता है।
बेवफाई, एक उम्र निकल जाने के बाद
बेवफाई के मामले प्राय: तब देखने में आते हैं जब लोग अपनी आधी उम्र पार कर चुके होते हैं हालांकि हमेशा ऐसा ही होना जरूरी नहीं है। इसे मध्य-जीवन का संकट या एकरूपता का परिणाम कहा जा सकता है लेकिन व्यक्ति को विभिन्न कारणों जैसे कि उम्र बढ़ने, तनाव और जीवन की नीरसता के कारण अपना महत्व घटते जाने का अहसास आमतौर से होता है। जीवन में कुछ नया रस-रोमांच भरने की लालसा व्यक्ति को अपने साथी से बेवफाई करने को प्रेरित कर सकती है।
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तनाव के कारण भी बेवफा हो सकता है साथी
आधुनिक युग के तनाव जिनके मुख्य कारण है कैरियर, पैसे और व्यावसायिक कारणों से बाहर रहकर कार्य करने से जुड़े लोग जो एक दूसरे के साथ कम समय बिता पाते हैं। किसी सहकर्मी या कार्यालय सहयोगी के रूप में कोई 'सुविधाजनक' साथी मिल जाना वर्तमान सम्बन्ध के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
असंगत सम्बन्ध
गलत फैसलों या पारंपरिक तरीके से की गई शादियों के कारण बने असंगत (बेमेल) सम्बन्ध को ढ़ोने वाले लोगों के मन में ऐसे सम्बन्ध से अरूचि उत्पन्न हो सकती है और वे अपने लिए उपयुक्त साथी की खोज को तत्पर हो सकते हैं।बोरियत भरे और नीरस सम्बन्ध पार्टनर को इस सम्बन्ध के दायरे के बाहर रोमांच की खोज करने को विवश कर सकते हैं। कुछ मामलों में मज़बूत आपसी घनिष्ठ सम्बन्ध के बावजूद कोई व्यक्ति किसी दूसरे की ओर आकर्षित हो जाता है। हालांकि आकर्षण स्वाभाविक है लेकिन ऐसे मामले में व्यक्ति को एक दूसरे के लिए पारस्परिक प्रशंसा से आगे नहीं जाना चाहिए।
मज़बूत नैतिक आधार और आपसी समर्पण की दृढ़ता आपको चिरस्थायी सम्बन्ध के प्रति वफादार बनाए रख सकते हैं।
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