सेहत के लिए हानिकारक हैं इन उत्पादों में मौजूद सूक्ष्‍म बीड्स

सौंदर्य उत्‍पादों के साथ टूथपेस्‍ट का प्रयोग भी नुकसादेह होता है, आप जानते हैं रोजमर्रा प्रयोग किये जाने वाले उत्‍पाद हानिकारक क्‍यों है, आइए इस लेख में हम आपको विस्‍तार से बताते हैं।
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सेहत के लिए हानिकारक हैं इन उत्पादों में मौजूद सूक्ष्‍म बीड्स


त्वचा को निखारने के लिए वर्तमान में हजारों तरह के उत्पाद बाजार में मौजूद हैं, और सभी अपने उत्पादों को एक-दूसरे से बढ़कर बताते हैं। मन को लुभाने वाले इन उत्पादों के विज्ञापन देखने के बाद तो हम इनको खरीदने से खुद को रोक नहीं पाते हैं और इनका धड़ल्ले से प्रयोग भी करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं आप जो उत्पाद जैसे – स्क्रूब, टूथपेस्ट, फेसवॉश, साबुन और जेल, आदि प्रयोग करते हैं उसमें मौजूद हैं प्लास्टिक के बीड्स। ये इतने सूक्ष्म होते हैं कि आप इनको देख नहीं पायेंगे। इस लेख में यह जानते हैं‍ कि ये प्लास्टिक के बीड्स किस तरह से हमारे लिए नुकसानदेह हैं।

क्या हैं माइक्रो-प्लास्टिक-बीड्स

बीड्स प्लास्टिक के सूक्ष्म कण होते हैं जो रोजमर्रा के प्रयोग किये जाने वाले सौंदर्य उत्पादों जैसे – साबुन, स्क्रब, जेल के अलावा टूथपेस्ट में भी प्रयोग किये जाते हैं। कंपनियां इनका प्रयोग इसलिए करती हैं क्योंकि ये प्राकृतिक रूप में मौजूद बीड्स से बहुत सस्ते होते हैं। प्राकृतिक रूप से बीड्स नारियल, एप्रीकोट (खुबानी) आदि में होता है और इसका प्रयोग हमारी त्वचा के लिए बिलकुल भी नुकसानदेह नहीं होता है।  
इन माइक्रोबीड्स के प्रयोग की शुरूआत न्यूायार्क से हुई थी, बाद में यह पूरी दुनिया में फैला। इनका आकार 5 मिलीमीटर या उससे भी कम होता है। यानी एक उत्‍पाद में इनकी संख्‍या कम से 3 लाख या उससे अधिक हो सकती है।

Micro Beads in Hindi
क्यों नुकसानदेह हैं ये बीड्स

माइक्रोबीड्स में केमिकल, पेस्टीसाइड्स के साथ दूसरे विषाक्त पदार्थ भी होते हैं। यानी हम रोज साबुन का प्रयोग करते हैं, यह सोचकर कि इससे हमारी गंदगी साफ हो रही है। लेकिन इसमें मौजूद प्लास्टिक के बीड्स के कारण यह एलर्जी का भी कारण बन रहा है। यही कहानी दूसरे उत्पादों के साथ भी है।

जब हम फेसवॉश या फेस स्क्रब का प्रयोग करते हैं तो इन प्लास्टिक बीड्स के कारण त्वाचा में रैशेज और एलर्जी की समस्या होती है। टूथपेस्ट में मौजूद पेस्ट  अगर पेट में चला गया तो पेट की बीमारियों का कारण बनता है। इसके अलावा यह बीड्स जब पानी के रास्ते समुद्र में जाता है तो यह समुद्री मछलियों का आहार भी बनता है और फिर उन मछलियों के जरिये हमारे पेट में आता है और हमें बीमार बनाता है। यह पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है।


कैसे बचें

अगर आप इन प्लास्टिक बीड्स से होने वाले नुकसान से बचना चाहते हैं तो ऐसे उत्पादों का प्रयोग कीजिए जिसमें ये बीड्स मौजूद न हों। बाजार में कई ऐसे उत्पाद भी हैं जिनमें इनका प्रयोग नहीं होता है। आप जो उत्पाद लें उसके लेवेल पर अगर पॉलिथिलीन या पॉलीप्रोपीलीन अंकित है तो उसे न खरीदें, ये बीड्स युक्त उत्पाद हैं।

 

Image Source - Getty

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