
खसरे का असरकारी टीका देश में काफी वर्षों से उपलब्ध है। इसके बावजूद खसरा छोटे बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। यह सबसे अधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है। इसके वायरस के संपर्क में आने से कई गैर-प्रतिरक्षक बच्चे इस श्वसन संबंधी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। खसरा पैरामाइक्सोवाइरस परिवार के एक वायरस के कारण एक तेजी से फैलने वाली घातक बीमारी है।
इस पेज पर:-
खसरे के लक्षण कई बार इतने सामान्य होते हैं कि यह बीमारी पकड़ में ही नहीं आती। खासतौर पर बच्चों में इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कर पाना कई बार बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण फौरन पकड़ में भी नहीं आते। वायरस के हमले के करीब दो से तीन हफ्ते के बाद ही इस बीमारी की पहचान सम्भव हो पाती है। ये लक्षण दो से तीन दिन तक रहते हैं-
क्या है खसरे की पहचान
जर्मन खसरा किसी भी परिवार में फैल सकता है। कफ, काराईजा और कन्जक्टिवाइटिस मुख्य रूप से इसकी पहचान होते हैं। मुंह में तालू पर सफेद धब्बे भी नजर आते हैं। यह श्वसन से फैलने वाली बीमारी है और संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से बहते द्रव के सीधे या व्यक्ति के संपर्क क्षेत्र में आने से होती है।

- 102 डिग्री फॉरनहाइट (38.9 डिग्री सेल्सियस) या उससे हल्का बुखार
- सिर दर्द
- भरी या बहती नाक
- आंखों में जलन या लाल आंखें
- सिर के पिछले हिस्से, गर्दन और कान के पीछे लिम्फ नोड्स का बढ़ना
- चेहरे पर छोटा सा गुलाबी निशान होना, जो बहुत जल्दी ही धड़ पर फैल जाता है। इसके बाद इसे बाजुओं और टांगों पर फैलने में भी वक्त नहीं लगता। हालांकि यह इसी क्रम में गायब भी हो जाता है।
- जोड़ों में खुजली होना। खासतौर पर युवा महिलाओं में यह लक्षण काफी देखा जाता है।
- तीन-चार दिन के बुखार के बार सारे शरीर पर लाल दाने हो जाते हैं।
- यह दाने बाद में त्वचा पर गहरे भूरे रंग का दाग भी छोड़ जाते हैं।
- यह औसतन 14 दिनों तक प्रभावी रहता है।
डॉक्टर के पास कब जाएं
जब भी आपको या आपके बच्चे को खसरे की शिकायत हो या फिर उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी नजर आए तो आपको फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये।
अगर आप गर्भधारण करना चाहती हैं तो
अगर आप गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो अपनी दवाओं की सूची जांचिये। इस बात की पुष्टि कीजिये कि आपकी दवाओं की लिस्ट में एमएमआर टीकाकरण जरूर हो। अगर किसी गर्भवती महिला को जर्मन खसरे की शिकायत हो जाए, खासतौर पर पहली तिमाही में तो, यह गर्भ में पल रहे उसके बच्चे के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इससे उससे बच्चे को गम्भीर जन्मजात रोग हो सकते हैं और यहां तक कि उसकी जान भी जा सकती है। खसरा बच्चों में जन्मजात विकार होने का सबसे सामान्य कारण है। तो, महिलाओं को गर्भावस्था से पहले खसरे से सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय अवश्य कर लेने चाहिए।
अगर आप गर्भवती हैं तो
अगर आप गर्भवती हैं, तो आपको नियमित रूप से अपनी जांच करवानी चाहिए। इससे आपको न सिर्फ जर्मन खसरे बल्कि अन्य कई बीमारियों से बचने में मदद मिलेगी। लेकिन आपने कोई दवाई नहीं ली है और आपको खसरे की जरा भी आशंका होती है, तो बिना देर किये फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जांच के बाद इस बात की पुष्टि कर सकता है कि आपको यह रोग है अथवा नहीं। और आपको किस तरह के इलाज की जरूरत है।
भारत में है बड़ी समस्या
खसरा एक बेहद संवेदनशील और संक्रमण वाली बीमारी है। भारत मे बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषण की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम है। इसलिए रोगों से बचाने और सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण की पहुंच ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्हें वह सब जरूरी टीके मिलें, जिनसे वह ऐसी बीमारियों के खिलाफ मजबूती से लड़ाई कर पाते हैं।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version