आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि पुरुषों में होने वाले कई तरह के कैंसर की जांच, महिलाओं में प्रेग्नेंसी का पता लगाने वाली 'प्रेग्नेंसी टेस्ट किट' से की जा सकती है। जी हां, सुनने में बात अविश्वसनीय लग सकती है, मगर यूके में एक लड़के द्वारा प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से टेस्टिकुलर कैंसर की जांच सही पाए जाने के बाद चिकित्सा जगत में इस बात की काफी चर्चा है। ये खबर प्रसिद्ध अखबार 'द टेलीग्राफ' में छपी थी।
तमाम चिकित्सकों का मानना है कि घरेलू नुस्खे के तौर पर प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल टेस्टिकुलर कैंसर और कई अन्य प्रकार के कैंसरों की जांच के लिए किया जा सकता है। हालांकि इससे प्राप्त होने वाला रिजल्ट 40-50% ही प्रामाणिक होता है, मगर शुरुआती अवस्था में घरेलू जांच के लिए इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं कि प्रेग्नेंसी टेस्ट किट कैसे बताती है कैंसर का पता।
कुछ कैंसर रिलीज करते हैं खास हार्मोन
टेस्टिकुलर कैंसर दूसरे तरह के कैंसर से थोड़ा अलग होता है। टेस्टिकुलर कैंसर रोगी के खून में एक खास तरह का तत्व रिलीज करता है, जिसे 'ट्यूमर मार्कर्स' कहते हैं। आमतौर पर ट्यूमर मार्कर्स कई तरह के होते हैं जिनमें से 3 सबसे आम हैं- AFP (alpha-fetoprotein), HCG (human chorionic gonadotropin) और LDH (lactate dehydrogenase). इनमें से HCG एक ऐसा हार्मोन है, जो प्रेग्नेंट होने पर महिलाओं के शरीर में भी रिलीज होता है।
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कैसे काम करती है प्रेग्नेंसी टेस्ट किट?
बाजार में उपलब्ध प्रेग्नेंसी टेस्ट किट यूरिन (पेशाब) में HCG की पहचान करती है, जो कि प्रेग्नेंट होने पर महिलाओं में पाया जाने वाला एक विशेष हार्मोन है। अब ध्यान देने की बात यह है कि कई तरह के कैंसर होने पर भी शरीर में HCG हार्मोन का स्राव होता है, खासकर टेस्टिकुलर कैंसर। हालांकि कैंसर होने पर ये हार्मोन रिलीज हो, ऐसा जरूरी नहीं है।
शुरुआती स्टेज में सिर्फ 15% मामलों में और एडवांस स्टेज में 50% मामलों में ही HCG हार्मोन रिलीज होता है। इसलिए ये टेस्ट बिल्कुल सटीक जांच के लिए नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है।
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कितने विश्वसनीय होते हैं इस टेस्ट के रिजल्ट?
इस टेस्ट के साथ एक समस्या यह भी है कि कई बार कैंसर के ट्यूमर इतनी ज्यादा मात्रा में HCG नहीं रिलीज करते हैं, जिसे प्रेग्नेंसी टेस्ट किट आसानी से पकड़ सके। इसलिए अगर आपको लगातार टेस्टिस (अंडकोष) में दर्द हो रहा है और आपको टेस्टिकुलर कैंसर का शक है, तो आप प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल करके इसकी जांच कर सकते हैं।
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इसके रिजल्ट पॉजिटिव आने पर आपको बिना देरी किए चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट आदि के द्वारा प्रामाणिक जांच कर लेनी चाहिए। मगर रिजल्ट निगेटिव आने पर भी यदि समस्या 2 दिन तक लगातार बनी रहती है, तो जल्द से जल्द चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है, क्योंकि इस टेस्ट की प्रामाणिकता सिर्फ 40-50% ही होती है।
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