कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद दुनियाभर में घट सकती है फर्टिलिटी, कम पैदा होंगे बच्चे: स्टडी

एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस महामारी समाप्त होने के बाद लोग कम बच्चे पैदा करेंगे, दुनियाभर में दिख सकता है असर, जानें क्या है कारण।
  • SHARE
  • FOLLOW
कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद दुनियाभर में घट सकती है फर्टिलिटी, कम पैदा होंगे बच्चे: स्टडी

कोरोना वायरस महामारी ने हमारी दुनिया को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। इस बीमारी से जहां लाखों लोगों की जान गई है, करोड़ों लोगों की नौकरियां गई हैं और अरबों लोग मेंटल स्ट्रेस का शिकार हुए हैं, वहीं महामारी के खत्म होने के बाद भी अगले कई सालों तक इसका असर रहने वाला है। दुनिया की अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस महामारी ने जितनी जबरदस्त चोट पहुंचाई है, उसे भरने में दशकों लग सकते हैं। ये एक ऐसी महामारी है, जिसने हर आयु, हर वर्ग, हर समुदाय और हर देश को प्रभावित किया है। महामारी जब आई-आई थी, तो दुनियाभर में लॉकडाउन मॉडल से इसे कंट्रोल करने की कोशिश की गई थी, जिसके चलते लोगों को कई महीनों तक अपने घरों में ही रहना पड़ा। इस दौरान लोगों के पास खूब समय था और इसी कारण से साल 2020 के अंत तक 'बेबी बूम' आने की बात कही जा रही थी। संभव है कि 'बेबी बूम' आए भी, लेकिन महामारी खत्म होने के बाद लोगों की फर्टिलिटी पर इसका असर रहने वाला है।

fertility decline globally

'आर्थिक मंदी के कारण लोग कम पैदा करेंगे बच्चे'

हाल में हुए एक अध्ययन के अनुसार महामारी के खत्म हो जाने के बाद पूरी दुनिया में फर्टिलिटी कम हो सकती है और इसका सबसे बड़ा कारण बनेगी आर्थिक मंदी या आर्थिक अनिश्चितता। एक अनुमान के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी जब तक दुनिया से समाप्त होगी, तब तक दुनिया की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी होगी, ऐसे में लोग के लिए बच्चों को पालन-पोषण एक चुनौती की तरह बनकर सामने आएगा, जिसके कारण एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि पूरी दुनिया में फर्टिलिटी घटेगी। इस अध्ययन को प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल साइंस में छापा गया है। अध्ययन में इतिहास, समाज, अर्थ और स्थान को ध्यान में रखकर ये निष्कर्ष निकाला गया है।

इसे भी पढ़ें: ये 3 ड्राई फ्रूट्स खाने से बढ़ता है पुरुषों का स्पर्म काउंट, फर्टिलिटी और स्टैमिना दोनों हो जाते हैं बेहतर

हाई इनकम वाले देशों पर पड़ेगा ज्यादा असर

इटली के Bocconi University के प्रोफेसर Arnstein Aassve कहते हैं, "हालांकि इस तरह की बातों का पूर्व अनुमान लगाना कठिन होता है, लेकिन फिलहाल की तस्वीर यही कहती है कि फर्टिलिटी घटेगी, कम से कम हाई इनकम वाले देशों में थोड़े समय के लिए इसका असर जरूर पड़ेगा।"

इतिहास के ट्रेंड को बदल सकती है कोविड-19 महामारी

इतिहास देखें, तो पता चलता है कि जब-जब युद्ध के कारण ज्यादा संख्या में लोगों की मृत्यु हुई है, तब-तब दुनियाभर में ज्यादा बच्चे पैदा किए गए थे। इसी तरह स्पैनिश फ्लू के दौरान भी बच्चे खूब पैदा किए गए थे। लेकिन इतिहास के इस ट्रेड को कोविड-19 तोड़ सकता है और संभव है कि इस हेल्थ इमरजेंसी के कारण लोग बच्चे कम पैदा करें।

इसे भी पढ़ें: क्या आप पिता बन पाएंगे या नहीं? इन 7 तरीकों से कर सकते हैं पुरुष बांझपन (Male Infertility) की जांच

pregnant woman

किन बातों का पड़ रहा है असर

हाई इनकम वाले देशों में कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। लोगों की खराब होती आर्थिक स्थिति के कारण परिवार के पालन-पोषण पर इसका असर पड़ रहा है। स्कूल बंद होने के कारण बच्चों की देखभाल और खराब हालात के कारण उनके भविष्य की चिंता भी लोगों को परेशान किए हुए है। पब्लिक पॉलिसी और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की कमी के चलते भी इस तरह की आशंका है कि लोग बच्चे कम पैदा करेंगे।

Read More Articles on Health News in Hindi

Read Next

अब ब्लड टेस्ट से भी पता चल जाएगा किसे है मनोवैज्ञानिक विकार होने का ज्यादा खतरा: स्टडी

Disclaimer